गाजियाबाद। सरकारी सुरक्षा की चाहत या जरूरत इस वक्त ऐसे लोगों व नेताओं पर भारी पड़ रही है, जिन्होंने सौ प्रतिशत की एवज में सुरक्षाधारक लिए हुए हैं। (ghaziabad latest news) एक जुलाई 2015 को नये शासनादेश जारी हुए हैं जिसके तहत अब सौ प्रतिशत शुल्क पर सुरक्षा लेने वालों को सीनियर हैडकांस्टेबल को मिलने वाली आय का शुल्क चुकाना होगा। सीओ एलआईयू रजनी सिंह के अनुसार सौ प्रतिशत की दर पर पहले जहां 41265 रुपये सुरक्षाधारक को चुकाने होते थे, वहीं इसकी दर अब 61 हजार रुपये कर दी गई है, और इन आदेशों से सबकों अवगत भी करा दिया गया है।
वहीं बड़ी हुई सुरक्षा की कीमतों को लेकर समाजवादी के नेताओं की टेंशन जरूर बढ़ गई है, क्योंकि इस वक्त अधिकतर नेताओं के पास 100 फीसदी शुल्क पर ही गनर हैं। ऐसे में जब से शासनादेश आया है, तब से नेता परेशान हैं कि सरकारी सुरक्षा को रखें या फिर वापस उल्टा लोटा दें। चर्चा है कि कई नेताओं ने तो सरकारी सुरक्षा त्यागने का मन बना लिया है, और प्राइवेट गनर रखने पर विचार विर्मश करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि पार्टी के कई ऐसे नेता जो खुद को सीनियर कहते हैं, वह सौ फीसदी सुरक्षा का भुगतान कर रहे हैं, अब उन्हें बीस हजार रुपये इसके चुकाने होंगे। शासनादेश की जानकारी होते हुए नेताओं ने खामोश रहना बेहतर समझा हुआ है। क्योंकि नेता बताना ही नहीं चाहते हैं कि उनकों जो गनर मिला है वह कितने प्रतिशत पर है, लेकिन छुपाकर भी कुछ नहीं होने वाला है, क्योंकि पूरी लिस्ट एलआईयू के पास है।
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