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ग़ाजियाबाद

प्रशासनिक व्यवस्था से उठता जनता का विश्वास

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क जमाना था जब जनता का कोई आदमी कलेक्टर के दरबार में हाजिरी या दरखास्त लगाया करता था तो उसकी फरियाद पूरी हो जाया करती थी।(editorial) आम आदमी को विश्वास था कि जो सरकारी तंत्र उसके लिए विकसित किया गया है, वह उसका भला करेगा, इंसाफ करेगा, और गलत लोगों को सबक सिखायेगा। उस जमाने के प्रशासनिक अधिकारी भी जनता के प्रति समर्पित थे, और जनसमस्याओं का निस्तारण ही उनकी प्राथमिकता हुआ करता था। किसी नगर, गांव, तहसील, ब्लाक में अगर किसी एसडीएम के आने की खबर ही पहुंच जाया करती थी, तो आदमी परेशान हो जाया करता था, कि ना जाने आज किसकी शामत आई है, किसी ने कोई गलत काम तो नहीं कर दिया है। लेकिन आज स्थितियां काफी बदली हुई नजर आ रही हैं, आज आम जन का विश्वास प्रशासनिक व्यवस्था से उठता नजर आ रहा है। देखने में आ रहा है कि आमजन अब अधिकारियों के पास जाने से बेहतर न्यायालय का दरवाजा खटखटा रही है। जनता समझ चुकी है कि जो अधिकारी उसकी फरियाद पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, वह अधिकारी न्यायालय के आदेशों को अनदेखा नहीं कर पायेंगे।
कुछ ताजा उदहारण देकर बात करें तो हाल ही में प्रशासन ने व्यापक अभियान चलाकर अर्थला के डूब क्षेत्र को अवैध कब्जों से मुक्त कराया था। यह प्रशासन की कर्मठता नहीं थी, बल्कि यह नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के वह आदेश थे, जिसने अधिकारियों को अर्थला तक दौड़ लगाने के लिए मजबूर कर दिया था। एनजीटी ने एक जनहित याचिका पर मुख्य सचिव को इस प्रकरण में अवमानना का नोटिस जारी कर दिया था। इस नोटिस जारी होने के बाद शासन से जब सख्ती दिखाई गई तब कहीं जाकर अर्थला में अवैध कब्जे हटाये गये। खास बात यह है कि इस क्षेत्र में अवैध कब्जों को लेकर प्रशासन के द्वार में कई शिकायतें पहले भी आई हैं, लेकिन जब हल नहीं निकला तो जनता को कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा, और फिर कार्रवाई हुई। यही प्रकरण नहीं अवैध रंगाई की फैक्ट्रियां हो, गुंडा एक्ट के मामले हों, सरकारी सुरक्षा की गुहार हो, शस्त्र लाइसेंस हो या फिर कुछ ओर इन मामलों में जनता सीधे ना जाकर कोर्ट का दरवाजा खटखटा रही है, जो इस बात की बानगी है कि प्रशासनिक व्यवस्था, नगर निगम, जीडीए, यूपीएसआईडीसी व अन्य विभागों से न्याय की आस हम खोते जा रहे हैं, जो की अच्छे संकेत नहीं हैं। सड़क पर होते अवैध कब्जे अतिक्रमण इस बात के स्वत गवाह हैं कि प्रशासन कितना मौन और सुस्त है, फाइलें वहीं दौड़ रही हैं, जिनके दौड़ने के पीछे कुछ कारण हैं, बाकी जनता के लिए तो अब न्याय पालिका ही मालिक है।
धन्यवाद। मनोज गुप्ता

उत्तर प्रदेश

साल 2023 में 55 थानों वाला हो जाएगा पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद!

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35 से अधिक एसीपी स्तर के अधिकारियों को भी मिलेगी तैनाती
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को मजबूत और पहले से अधिक क्रियाशील बनाने के लिए साल 2023 के अंत तक गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत 55 थानों को चालू कर दिया जाएगा। वर्तमान में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत 23 थाने बने हुए हैं, जबकि 10 नए थानों को जल्द शुरू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
वहीं पुलिस के बेहद करीबी सूत्र बता रहे हैं कि गाजियाबाद के शहर, रूरल और ट्रांस हिंडन जोन में थानों की कुल संख्या 55 हो जाएगी। इसी के साथ गाजियाबाद में एसीपी स्तर के अधिकारियों की संख्या में भी इजाफा होगा। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत 25 से अधिक सर्किल भी होने के कयास लगाया
जा रहा है।
वर्तमान में कुल 9 सर्किल हैं। सर्किल बढ़ने के साथ ही यहां एसीपी स्तर के अधिकारियों को नई तैनाती की जा सकती है जिसकी कुल संख्या 35 तक जा सकती है।
वर्तमान में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत एसीपी स्तर के 17 अधिकारियों के लिए पद सृजित किए गए हैं, जो साल 2023 के अंत तक बढ़कर 35 तक
पहुंच जाएंगे।
प्रभारी मंत्री के सामने उठा था थानों व सर्किल बढ़ाने का मुद्दा
बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री के रुप में पहुंचे, उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण के जिला मुख्यालय में हुए कार्यक्रम के दौरान गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने उनको जानकारी दी थी कि गाजियाबाद कमिश्नरेट में लगातार थानों की संख्या बढ़ाने का कार्य चल रहा है। साल 2023 के अंत तक जिले के तीनों जोन को मिलाकर थानों की कुल संख्या 55 तक पहुंच सकती है।
वहीं एसीपी स्तर के अधिकारियों की संख्या भी शासन द्वारा 17 तय की गई की गई थी। जिससे भविष्य में बढ़ाया जाना है। वहीं एसीपी स्तर के अधिकारियों को तैनाती देने के लिए नए सर्किल वितरित किए जाएंगे।
सर्किल आॅफिसर पर रहेगा दो थानों का प्रभार !
पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के अंतर्गत 55 थानों को शुरू कर दिया जाएगा। तो प्रत्येक सर्किल आॅफिसर के अंतर्गत 2-2 थानों का सर्किल रहेगा। यह समीकरण सिटी से लेकर नदियापार और देहात के थानाक्षेत्रों में भी लागू होंगे। वहीं एसीपी स्तर के अधिकारियों के पास भी दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

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उत्तर प्रदेश

लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने ली बड़ी गारंटी

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कहा-साधु संतों के आशीर्वाद से होली के बाद लोनी होगी अपराध मुक्त
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)

गाजियाबाद। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर कई दिनों की खामोशी के बाद फिर से फॉर्म में आये हैं। उनके घर पर हरिद्वार से साधु संत आये हैं। शुक्रवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के घर पर साधु संतों का डेरा था। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने साधु संतों की सेवा की और बताया कि ये सभी साधु नाथ पंथ के साधु हैं और एक सप्ताह तक यानी महाशिवरात्रि तक लोनी में ही हवन करेंगे। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि इस हवन से लोनी में राक्षस प्रवृति के लोग, असुरी शक्तियां, भटकती आत्मायें सभी को तर्पण दिया जायेगा।
जिनकी हत्या हुई है और अकाल मौत को प्राप्त हुए हैं उनकी आत्मा की शांति के लिए भी तर्पण होगा। लेकिन जिन लोगों ने आपराधिक कृत्य किये हैं उनके नष्ट होने का आह्वान इस हवन में होगा। ये यज्ञ अपने आप में महत्वपूर्ण है। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गारंटी ली कि आने वाली होली के बाद इस हवन के इफैक्ट दिखाई देंगे। लोनी गारंटी से अपराध मुक्त हो जायेगी। वैसे अभी भी पहले की तुलना में लोनी में क्राइम
कम है।
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यह कहकर अधिकारियों का ध्यान हिन्दी भवन में उस समय अपनी ओर खींचा जब उन्होंने कहा कि राम राज्य या तो लोनी में है या फिर अयोध्या
में है।

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उत्तर प्रदेश

रैपिड रेल का उद्घाटन करने आ सकते हैं गाजियाबाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)

गाजियाबाद। रैपिड रेल प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है और इस रूट पर रैपिड रेल का ट्रायल रन चल रहा है। बताया जाता है कि ट्रायल रन भी लगभग पूरा हो चुका है और स्टेशन का काम भी पूरा है। ये एक बड़ा प्रोजेक्ट है और केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के लोकसभा क्षेत्र में इसे एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है। लोकसभा सांसद जनरल वीके सिंह ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर केन्द्र सरकार में विशेष प्रयास किये और एक तरह से यह प्रोजेक्ट गाजियाबाद में लोकसभा सांसद जनरल वीके सिंह की देन कहा जा सकता है। अब गाजियाबाद ऐसा शहर हो गया है जहां रैपिड रेल जनता के लिए समर्पित की जानी है। सूत्र बता रहे हैं कि मार्च महीने में रैपिड रेल का उद्घाटन हो सकता है और इस बात की प्रबल संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रैपिड रेल का उद्घाटन करने के लिए आ सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि रैपिड रेल का उद्घाटन मार्च के महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों द्वारा होगा। कयास ये भी लगाये जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गाजियाबाद आयेंगे तो वो रैपिड रेल का उद्घाटन साहिबाबाद से करेंगे या दुहाई स्टेशन को इसके लिए चुना जायेगा।

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