- रूक रूककर सामने आ रहे हैं सपाईयों के विवाद
पार्टी में नहीं रूक रहे हैं सपाईयों के आपसी विवाद, जनता में हो रही है जमकर किरकिरी
गाजियाबाद। सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी की जनपद ईकाई में सरकार की योजनाओं को जन जन तक पहुंचाने के बजाये आपसी विवाद इन दिनों ज्यादा गहराये हुए हैं। (ghaziabad hindi news, ) पिछले छह माह कीरिपोर्ट कार्ड पर नजर दौड़ाई जाए तो कई ऐसे विवाद सामने आए जिसमें सपा सरकार की जनता के बीच जमकर किरकिरी हुई और बाद में सपा के वरिष्ठ नेताओं ने प्रभावी कदम उठाये तब कहीं जाकर सपाईयों के आपसी विवाद शांत हो सके।
अभी सरकार की नीतियों को जन जन तक पहुंचाने के लिए जनपद गाजियाबाद की पांचों विधानसभा सीटों पर निकाली गई साइकिल रैलियों में भी अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा। सपाईयों की फोटो खिचाने की ललक स्वयं पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व राज्यसभा सांसद प्रो रामगोपाल यादव व राज्यमंत्री राकेश यादव ने स्वयं देखी। साइकिल रैली के अलावा अभी हाल ही में जनपद गाजियाबाद की पांचों विधानसभा क्षेत्रों में अध्यक्ष मनोनीत किये जाने के बाद ताजा मामला प्रकाश में आया है जब समाजवादी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष संतोष यादव ने पार्टी के महानगर अध्यक्ष संजय यादव के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और खुलकर कहा कि सपा महानगर अध्यक्ष संजय यादव ने मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र से जिन्हें अध्यक्ष मनोनीत किया है वह उनके प्रकोष्ठ से जुड़ा हुआ है जब प्रकोष्ठ के किसी कार्यकर्ता को कोई पद दिया जाना है तो उनसे एक बार विचार विमर्श किया जाना चाहिए था।
इसके अलावा नगर निगम सपा पार्षद जाकिर अली व पार्षद सत्यपाल यादव के बीच घमासान मचा हुआ है।कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि सपा के भीतर जो आपसी विवाद नेताओं के बीच चल रहे हैं वह आने वाले समय में पार्टी को नुकसान पहुंचा सकते हैं और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के मिशन 2017 को कहीं न कहीं नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सपा में पूर्व में चले विवादों पर नजर दौड़ाई जाए तो पहले विवाद मुरादनगर अध्यक्ष महबूब अंसारी और महिला नेत्री रश्मि चौधरी के बीच हुआ। जिसमें रश्मि चौधरी ने मुरादनगर अध्यक्ष महबूब अंसारी को राजनगर स्थित पार्टी कार्यालय पर खुलेआम थप्पड़ मार दिया। थप्पड़ प्रकरण की गूंज लखनऊ तक पहुंची जिसमें वरिष्ठ नेताओं के बीच में आने के बाद मामला किसी तरह से शांत हो सका। इसके अलावा दूसरा बड़ा मामला राज्य महिला आयोग सदस्या राजदेवी चौधरी व पूर्व पार्षद हरिश चौधरी के बीच हुआ। दोनों के बीच विवाद लंबे समय तक चला और पूर्व पार्षद हरिश चौधरी ने राज्य महिला आयोग सदस्या राजदेवी चौधरी के खिलाफ परिवार समेत पार्टी कार्यालय पर भूख हड़ताल की। भूख हड़ताल किये जाने के बाद मामला गर्माया और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को बीच में आना पड़ा और उक्त मामला भी किसी तरह से शांत हो सका।
तीसरा मामला पार्षद जाकिर अली को सपा पार्षद दल का नेता चुने जाने के बाद प्रकाश में आया, जब पार्षद दल के नेता की दौड़ में शामिल पार्षद सत्यपाल यादव ने मोर्चा खोल दिया और जाकिर अली को पार्षद दल का नेता चुने जाने पर खुलकर आपत्ति जता दी। अभी भी उक्त प्रकरण शांत नहीं हुआ है, और दोनों पार्षद एक दूसरे के खिलाफ खड़े हुए हैं। दोनों पार्षद अपने अपने तरीके से पैरवी कर रहे हैं और पार्षद सत्यपाल यादव ने ऐलान कर दिया है कि यदि उनकी पार्टी में अनदेखी हुई तो वह पार्टी से त्यागपत्र भी दे देंगे। अब चौथा मामला समाजवादी पार्टी युवजन सभा के जिलाध्यक्ष संतोष यादव व महानगर अध्यक्ष संजय यादव से जुड़ा हुआ है। सयुश जिलाध्यक्ष संतोष यादव ने हाल ही में विधानसभा क्षेत्र अध्यक्षों के मनोनयन की जो सूची जारी की गई है उसमें मुरादनगर अध्यक्ष विकास यादव को बनाये जाने पर आपत्ति जाहिर की है। श्री यादव का कहना है कि विकास यादव सयुश से जुड़े हुए थे और उन्हें अब विधानसभा अध्यक्ष मनोनीत कर दिया गया है। उनके संगठन के किसी पदाधिकारी को यदि कोई अन्य पद दिया जा रहा है तो कम से कम उनके संज्ञान में मामला लाया जाना चाहिए था। इस तरह से किसी का मनोनयन करना पार्टी संविधान के खिलाफ है।
विवादों के साये में रही साइकिल रैली
अगस्त माह में निकाली गई साइकिल रैलियां भी विवादों के साये में रही। पार्टी की रैलियों की शुरूआत में ही फोटो खिचाने को लेकर जमकर अनुशासनहीनता देखने को मिली जब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रो रामगोपाल यादव हरी झंडी दिखा रहे थे तब कई पार्टी के पदाधिकारी मंच पर मौजूद रहे। अव्यवस्थाओं को देखकर प्रो रामगोपाल यादव नाराज होकर दिल्ली लौट गये थे। इसके अलावा मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र में निकाली गई साइकिल यात्रा में भी राज्यमंत्री राकेश यादव के साथ सपा कार्यकर्ताओं ने धक्का मुक्की की। राज्यमंत्री राकेश यादव के साथ हुई धक्का मुक्की के बाद मोदीनगर में भी साइकिल यात्रा के दौरान राज्यमंत्री द्वारा भाषण में स्थानीय नेताओं का नाम नहीं लिये जाने पर स्थानीय नेताओं ने मंत्री के सामने ही खुलकर विरोध प्रकट किया था और उक्त प्रकरण भी अखबारों की सुर्खियां बना था।
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