गाजियाबाद। वर्ष-90 से 2000 के बीच आई बाजीगर फिल्म आप सभी ने देखी होगी। (ghaziabad latest news) फिल्म में जिस तरह से कुर्सी कब्जाने को लेकर किरदारों का रोल दिखाया गया था, ठीक उसी की तर्ज पर इन दिनों समाजवादी पार्टी में देखने को मिल रहा है। सपा के जिलाध्यक्ष साजिद हुसैन के हज यात्रा पर जाने से पूर्व ही सपा के कुछ नेताओं ने जिले की कुर्सी पर अपनी ताजपोशी किये जाने की पैरवी अपने बड़े नेताओं से की थी।
स्थानीय नेता को पार्टी शीर्ष नेतृत्व की ओर से इस ओर हरी झंडी भी मिल गई थी और शीर्ष स्तर पर कई जिलों के संगठन पदाधिकारियों को बदलने का खाका भी तैयार कर लिया गया है, जिसकी घोषणा होना शेष है। शीर्ष स्तर पर हुई इस कवायद की भनक जैसे ही सपा के जिलाध्यक्ष साजिद हुसैन को मालूम हुई तो उन्होंने भी समय न गवांते हुए दिल्ली की ओर रूख कर दिया और पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव से भेट कर अपने हज जाने की बात कह डाली और श्री यादव से यहां तक आश्वासन ले लिया कि जब
तक वह हज करके वापस नहीं आये तब तक संगठन में किसी तरह का कोई बदलाव
नहीं करें। फिलहाल गाजियाबाद जिला संगठन में फेरबदल होने की चर्चाएं लंबे समय से चल रही हैं, लेकिन इन दिनों यह चर्चाएं पूरे जोर शोर से चल रही हैं। पिछली 18 अगस्त को सपा के जिलाध्यक्ष साजिद हुसैन हज यात्रा पर भी निकल चुके हैं। हज यात्रा पर जाने के बाद से पार्टी की एक लॉबी संगठन में फेरबदल कराये जाने की जुगत में जुट गई है। सूत्रों का कहना है कि लॉबी के सदस्यों ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से इस संबंध में मुलाकात भी कर ली है और संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री वर्ष-2017 मिशन के मद्देनजर कुछ जिलों के संगठनों में बदलाव करने की मन बना चुका हैं, जिसका पूरा खाका भी तैयार कर लिया गया है। जिलों के संगठनों में होने वाले बदलाव में जनपद गाजियाबाद भी शामिल है, ऐसे में यदि बदलाव होता है तो फिल्म बाजीगर की पुर्नावृत्ति जनपद गाजियाबाद में जरूर हो जायेगा। फिलहाल सूत्र यह भी बता रहे हैं कि जिलाध्यक्ष साजिद हुसैन अपनी कुर्सी को बचाने के लिए कुर्सी के चारों तरफ लक्ष्मण रेखा बिछा कर गये हैं, जिसे उनकी अनुपस्थिति में कोई नहीं बदल सकता।
पुराने पर खेला जा सकता है दाव
समाजवादी पार्टी में जिला संगठन में होने वाले बदलाव की चर्चाएं इन दिनों बेहद तेज हैं। राजनगर आरडीसी स्थित पार्टी कार्यालय पर स्वयं सपाई आपस में संगठन में होने वाले फेरबदल की चर्चाओं को करते नजर आ रहे हैं। ज्यादातर सपाईयों का कहना है कि सपा के जिला संगठन पर पूर्व जिलाध्यक्ष राशिद मलिक की वापसी हो सकती है। सपाई इसके पीछे वजह बता रहे हैं कि पूर्व जिलाध्यक्ष राशिद मलिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की गुडबुक में हैं और अब संगठन को चुस्त दुरूस्त करने का काम स्वयं मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ले लिया है, जिसके चलते राशिद मलिक को दोबारा से दायित्व सौंपा जा सकता है। राशिद मलिक को पहली बार जब जिलाध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया था तो उन्होंने जिला संगठन को मजबूत धार देने का काम किया था। जिलाध्यक्ष रहते हुए उन्होंने कई कार्यक्रमों में अपने बूते पर भीड़ जुटाकर अपने विरोधियों को कड़ा जबाव दिया था, वहीं पूर्व जिला उपाध्यक्ष राहुल चौधरी और राशिद मलिक की जोड़ी भी खूब चर्चाओं में रही थी। उस समय श्री मलिक के व्यवाहर में भी कुछ परिवर्तन आ गया था, जिसके चलते उनके अपने उनसे दूर हो गये थे, लेकिन अब दोबारा से राशिद मलिक ने अपने करीबियों से नजदीकियां बनानी शुरु कर दी हैं।
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