नईदिल्ली| दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) से पूछा है कि औरंगजेब मार्ग का नाम किस आधार पर बदल कर ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मार्ग करने का फैसला किया गया है।(delhi high court hindi news) मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने एनडीएमसी से 22 सितंबर तक अपना जवाब दाखिल करने के लिए कहा।
अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नगर निकाय को मार्ग का नाम बदलने संबंधी अधिसूचना जारी करने से रोकने का अनुरोध किया गया है।
पीठ ने एनएमडीसी से कहा, “आपने जो प्रक्रिया अपनाई है, उसकी जानकारी अदालत को दीजिए।”
एनडीएमसी की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसजी) संजय जैन ने कहा कि मार्ग का नाम बदलने से संबंधित एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई है।
यह याचिका वकील शाहिद अली ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि इस फैसले में इतिहास की जानकारी का अभाव है और यह 1975 की एक अधिसूचना के भी विरुद्ध है, जिसके मुताबिक इतिहास से जुड़े नाम में बदलाव नहीं किए जाने के प्रावधान हैं।
अदालत ने हालांकि याचिकाकर्ता से भी विवादास्पद मुद्दा उठाने पर सवाल किया।
एएसजी ने कहा, “सिर्फ एक एडवायजरी जारी की गई थी कि नामकरण किए जा चुके मार्ग का फिर से नामकरण नहीं होगा। यह मार्ग एनडीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है और उसे इसका नाम बदलने का पूरा अधिकार है। हमने एक समकालीन हस्ती के नाम पर इसका नाम बदलने की सूचना जारी की थी, जिसकी देश पूजा करता है। इसमें गलत क्या है?”
एएसजी ने कहा कि पहली बार शहर में किसी मार्ग का नाम नहीं बदला जा रहा है। इससे पहले हुमायूं मार्ग का नाम भी बदला गया था।
याचिका में कहा गया है कि एक ऐतिहासिक नाम को बदलने से एक धर्मनिरपेक्ष और न्यायपरस्त देश की छवि पर बुरा प्रभाव पड़ेगा।
याचिका में कहा गया है, “ऐतिहासिक नाम को बदलने की कवायद एक बीमार और सांप्रदायिक राजनीति की उपज है।”
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद महेश गिरि और मीनाक्षी लेखी तथा दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) की व्यापार इकाई के नेता ने मार्ग का नाम बदलने का अनुरोध किया था, जिसे एनडीएमसी ने 28 अगस्त को स्वीकार कर लिया था।
याचिका में कहा गया है, “एनडीएमसी ने कानून और प्रक्रिया का उल्लंघन करते हुए, बजाय एक नए मार्ग का नामकरण ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम पर करने के, औरंगजेब मार्ग के नाम से जाने जाने वाले एक ऐतिहासिक मार्ग का नाम ए.पी.जे. अब्दुल कलाम मार्ग कर दिया।”
याचिका में कहा गया है कि मौजूदा नियमों के मुताबिक आम तौर पर पुराने मार्गो के नाम नहीं बदले जाएंगे और सिर्फ किसी नए मार्ग का नामकरण ही किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति के नाम पर किया जाएगा।
याचिका में आगे कहा गया है, “नियमों के मुताबिक इतिहास से जुड़े नाम नहीं बदले जाएंगे। नाम बदलने के सभी प्रस्ताव 27 सितंबर, 1975 के एक पत्र में बताए गए निर्देशों के मुताबिक गृह मंत्रालय को भेजे जाएंगे।
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