अब जिले के लोगों को मिलेगा बेहतर उपचार : वीके सिंह
दिल्ली-एनसीआर को मिला डबल तोहफा दिल्ली में आयुर्वेदिक, गाजियाबाद में यूनानी केंद्र में मिलेगी शिक्षा और चिकित्सा सुविधा
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गोवा से देश को तीन बड़े चिकित्सा एवं शिक्षा केंद्रों का उद्घाटन किया। उन्होंने देश में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक और यूनानी के बड़े नेशनल मेडिकल इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया है। साथ ही गोवा में एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का भी लोकार्पण किया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा देश में पहली बार आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी विधाओं वाले सुपर स्पेशलिटी इंस्टीट्यूट को खोला जा रहे हैं। इसे देश में चिकित्सा इतिहास में अब भारत नई इबारत लिखने के लिए प्रवेश माना जा चुका है। स्वास्थ्य सेवा भारत जैसे देश में सपना हुआ करती थीं, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार करते हुए नई क्रांति की ओर कदम उठाए हैं। इससे देशभर के गरीबों के लिए पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज का प्रबंध भी आयुष्मान भारत के तहत किया था। आज की इस शुरूआत को एक मील का पत्थर माना जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह स्कीम लाखों गरीबों के लिए ना सिर्फ मददगार बनेगी बल्कि देशवासियों को अभिमान बनाने के लिए पारंपरिक चिकित्सा का बड़ा तोहफा भी दिया है। गोवा के कार्यक्रम में उन्होंने देश के तीन बड़े सुपर स्पेशलटी अस्पतालों की सौगात दी है। तीनों इंस्टीट्यूट इसलिए भी खास है कि यहां एलोपैथिक ना होकर आयुर्वेदिक, यूनानी और होम्योपैथिक पद्धति पर जोर दिया जाएगा।
मंच से बोले वीके सिंह महिलाएं भी यूनानी पद्धति पर दें ध्यान
जनरल वीके सिंह इस कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर मंच से बोल रहे थे, तो उन्होंने कहा कि महिलाएं भी यूनानी पद्धति पर ध्यान दें। यूनानी पद्धति के जरिए सौंदर्य और निखार को बढ़ाया जा सकता है। इसके साइड इफेक्ट भी नहीं होते हैं, जिस पर वहां मौजूद लोगों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा है कि यूनानी पद्धति प्राचीन होने के साथ ही साथ साइड इफेक्ट होने का खतरा भी कम रहता है। उन्होंने कहा कि आज वर्ल्ड हेल्थ आॅगेर्नाइजेशन और आयुष मंत्रालय ने जिस प्रकार से मिलकर काम किया है, इससे यूनानी पद्धति का स्कोप बढ़ गया है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए गाजियाबाद में बनकर तैयार हुए उत्तर भारत के पहले राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान का उद्घाटन होने पर खुशी जाहिर की गई। संस्थान में अभी ओपीडी में मरीजों को इलाज होगा। साथ ही वर्ष-2023 से यहां यूनानी चिकित्सा व शोध की पढ़ाई शुरू होगी जिसमें विदेशी छात्रों को भी इससे जोड़ा जाएगा।
प्रतिदिन हो रहा है 500 से 600 मरीजों का इलाज
यूनानी चिकित्सा संस्थान बेंगलूर और गाजियाबाद के निदेशक प्रोफेसर अब्दुल वद्दू और सलाहकार डॉ एमके काजमी ने निरीक्षण किया। प्रोफेसर अब्दुल ने बताया है कि वर्तमान में यहां प्रतिदिन 500 से 600 मरीजों का इलाज हो रहा है। ओपीडी में चार विशेषज्ञ डॉक्टर काम कर रहे हैं। उद्घाटन हो चुका है अब बहुत जल्द ही 10 चिकित्सकों के संग विशेषज्ञों की नियुक्ति हो जाएगी। इसके बाद ओपीडी में 5 से 7 हजार मरीजों का इलाज शुरू हो जाएगा।
विदेशी छात्रों की शिक्षा का केंद्र बनेगा यूनानी सेंटर
भविष्य में देश-विदेश के छात्र-छात्राओं को पढ़ाई के साथ ही शोध करने का मौका मिलेगा। यहां 46 कमरों का हॉस्टल है और अलग वार्ड भी बनाए गए हैं। संस्थान में श्रीलंकाई, बांग्लादेश, अफगानिस्तान व अन्य खाड़ी देशों के छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने के साथ ही यूनानी पद्धति का प्रचार प्रसार के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इसमें यूनानी दवाओं पर विभिन्न तरह के शोध किए जाएंगे। यहां यूनानी पद्धति में परास्नातक और खास कोर्स की शिक्षा भी दिलाई जाएगी। परिसर में लगभग 425 वाहनों की पार्किंग की सुविधा भी दी गई है।
इन सुविधाओं का भी मिलेगा लाभ
यूनानी चिकित्सा और एजुकेशन सेंटर में ओपीडी, चार आॅपरेशन थिएटर, नर्सरी, सामान्य वार्ड, प्राइवेट वार्ड, आईसीयू, एक्यूप्रेशर कक्ष, फिजियोथैरेपी कक्ष, पंचकर्म कक्ष, जिमनीजियम, सीएसडी कैंटीन, शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक के साथ ही ट्यूटोरियल रूम, सेमिनार हॉल, म्यूजियम, लाइब्रेरी, लैब और बहुउद्देशीय शोध विभाग यूनानी फार्मेसी, कंप्यूटर कक्ष के साथ ही निगरानी एवं राष्ट्रीय गणित चिकित्सा बेंगलुरु की तर्ज पर यहां पर भी पुलिस रूम का निर्माण किया गया है।
कोराना काल में भी नहीं रुका काम
अस्पताल से जुड़े पदाधिकारियों ने बताया है कि संस्थान का निर्माण 1 मार्च 2019 से शुरू हुआ था, तत्कालीन केंद्रीय राज्यमंत्री श्रीपद्नायक और केंद्रीय राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह ने शिलान्यास किया था। उस समय 2022 में से पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था जो पूरा हो गया है। कुछ कार्य बचा है जिसे जल्द पूरा कर 2023 से यहां शैक्षणिक कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
इनकी रही मौजूदगी
कार्यक्रम में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह, सीपी अजय मिश्रा, असीम अली खान, कविता गर्ग आयुष मंत्रालय की पदाधिकारी, सांसद जनरल वीके सिंह, प्रोफेसर अब्दुल बद्द और सीएमओ भवतोष शंखधर, डॉ. आसना, एमके काजमी, उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री और शहर विधायक अतुल गर्ग, सरदार एसपी सिंह, जगदीश साधना, कुलदीप चौहान, विनीत शर्मा, डीडी त्यागी, पंकज भारद्वाज, गौरव चौपड़ा, संजीव झा सहित अन्य प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे।
दुनियाभर में गाजियाबाद को पहचान दिलाएगा यूनानी चिकित्सा संस्थान : वीके सिंह
गाजियाबाद के स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा है कि यूनानी चिकित्सा संस्थान गाजियाबाद जिले को नई पहचान दिलाएगा। उन्होंने कहा कि यहां यूनानी पद्धति पर लोगों का उपचार होगा और उनको एलोपैथिक दवाओं के बजाए यूनानी पद्धति की दवाएं व कोर्स करवाया जाएगा। वीके सिंह ने कहा कि यह अस्पताल व सेंटर पूरी तरीके से आयुष मंत्रालय की देखरेख में काम करेगा और यहां कर्मचारियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। महिलाओं के लिए भी यह यूनानी पद्धति बेहद लाभप्रद रहेगी।
जब बोले जनरल वीके सिंह ठेकेदार को मत छोड़ना अभी
जनरल वीके सिंह अपनी अलग शैली और अंदाज के लिए जाने जाते हैं। वह यूनानी अस्पताल के उद्घाटन पर मंच से बोल रहे थे तो उन्होंने कहा कि इस यूनानी अस्पताल के निर्माण से जुड़े ठेकेदार को अभी जाने नहीं देना हैं। जो भी यहां कमी या छोटे-मोटे काम है ंउसको जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाए ताकि इसका लाभ जनता और मरीजों को मिलना शुरू हो जाए। उन्होंने कहा कि अगर यह ठेकेदार चला जाएगा तो उसे बुलाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
382 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है यूनानी सेंटर
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा से यूनानी सेंटर का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया और जानकारी दी कि यह 382 करोड़ों की लागत से तैयार किए गए इस संस्थान में 14 विभागों में यहां यूनानी पद्धति से परास्नातक और शोध की शिक्षा भी मिलेगी। इसमें औषधि विज्ञान, गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन, यूनानी चिकित्सा और प्रथाओं के वैज्ञानिक सत्यापन पर ध्यान केंद्रित रहेगा।
सुरक्षा के किए गए थे पुख्ता इंतजाम
यूनानी अस्पताल के उद्घाटन अवसर पर खुद सीपी अजय मिश्रा कार्यक्रम में पहुंचे थे। साथ डिप्टी कमिश्नर आॅफ पुलिस सिटी निपुण अग्रवाल, एसीपी कवि नगर रितेश त्रिपाठी, एसओ मधुबन बापूधाम डॉ. नीरज तोमर, एसएचओ कवि नगर अमित काकरान, यातायात और लोकल इंटेलिजेंस के पुलिस अधिकारी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे और सुरक्षा से लेकर अन्य जिम्मेदारी संभाले रखी।