वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। चुनाव पास आ रहा है तो सभी को संगठन से भी आस है कि उनके नाम को खास बताकर भेजा जाये। हर सिटिंग पार्षद को उम्मीद है कि टिकट रिपीट होगा। लेकिन जो पार्षद संगठन से दूर रहे हैं और वो अपने टिकट को कन्फर्म रिपीट मान रहे हैं तो ये खबर उनकी हार्टबीट बढ़ा सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि संगठन ही सर्वोपरि है और संगठन ने अगर किसी भी पार्षद का शिजरा खोला तो फिर रिपीट वाली कहानी में टविस्ट आ सकता है। चुनाव आया है तो लहजों में मिठास आ गयी है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि भाजपा संगठन भी इस बार हर पार्षद की कर्म कुन्डली तैयार कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि उन पार्षदों पर खास तौर से नजर है जो चुनाव से 6 महीने पहले ही संगठन को सर्वोपरि मानकर एक्टिव होते हैं। उन्हें संगठन याद आ जाता है और वो संगठन के आदेश सिर माथे पर रखने लगते हैं। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि इस बार हिसाब 6 महीने पहले वाली गतिविधि से नहीं होगा बल्कि साढ़े चार साल की एक्टिविटि का चार्ट तैयार हो रहा है। करंट क्राइम को ये जानकारी मिली है कि गोपनीय रूप से ऐसा रजिस्टर तैयार हो रहा है जिसमें भाजपा के मौजूदा पार्षदों के पूरे पांच साल के संगठन समर्पण का लेखा जोखा निकाला जा रहा है। इस रजिस्टर में दर्ज है कि कौन पार्षद संगठन को लेकर एक्टिव रहा है। उसके वार्ड में यदि कार्यक्रम हुआ है तो उसकी गतिविधि क्या रही है। वह कितने सहयोग वाले रूप में रहा है। वहीं उन पार्षदों का भी लेखा जोखा तैयार हुआ है जो डिएक्टिव रहे हैं।
किस पार्षद ने संगठन को दिये दर्शन और किसने किये प्रदर्शन
इस बार टिकट दावेदारी को लेकर जहां भाजपा में सबसे ज्यादा चुनौती उसके मौजूदा पार्षदों को अपनी पार्टी के दावेदारों से मिल रही है तो पार्षदों की पांच साला रिपोर्ट संगठन तैयार कर रहा है। सूत्र बताते हैं कि इस बात का भी लेखा जोखा तैयार हो रहा है कि संगठन के कार्यक्रमों में किस पार्षद ने दर्शन दिये और वो कौन से पार्षद हैं जिन्होंने इन पांच सालों में प्रदर्शन किये हैं। दर्शन के साथ प्रदर्शन की भी ये रिपोर्ट तैयार हो रही है कि ये प्रदर्शन पार्टी के पक्ष में थे या सरकार के खिलाफ थे। कौन पार्षद डिएक्टिव रहा है और जब इस रजिस्टर का पन्ना बोलेगा तो पार्षद के सामने पूरा हिसाब आ जायेगा कि पार्टी के किस आयाम में पार्टी के किस काम में और संगठन के किस प्रवास में पार्षद की क्या गतिविधि रही है।
कौन से हैं वो दस नाम जिनकी दावेदारी पर लग सकता है विश्राम
भाजपा में अगर चुनाव की दावेदारी सबसे ज्यादा है तो यहां पार्टी में भी खुला हिसाब किताब कार्यक्रम तैयार हो रहा है। रजिस्टर तैयार हो रहा है और सूत्र बताते हैं कि दस पार्षदों के नाम इस रजिस्टर में दर्ज हो चुके हैं। और भी नाम बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता लेकिन दस भगवा पार्षद ऐसे हैं जो इस बार दावेदारी से लेकर उम्मीदवारी तक टिकट नहीं बल्कि संकट योग में आ गये हैं। सूत्र बताते हैं कि इनमें से कुछ पार्षद ऐसे भी हैं जिनके एक्टिविटि वाले खाते के आगे जीरो दर्ज है। और अब भाजपा भी इन्हें वार्ड का टिकट देकर हीरो बनाने में कतई रूचि नहीं ले रही है। ये दस चेहरे भाजपा संगठन के रडार पर आ गये हैं।