गाजियाबाद (करंट क्राइम)। देश में महामारी के रूप में आपदा आई है और ऐसे में पूरी सियासत मदद के साथ आगे आ गई है। सभी राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने स्तर पर मदद का अभियान चला रही हैं और उन सभी का प्रयास है कि कोई भी व्यक्ति भोजन से वंचित ना रहे। अभियान चल रहा है और जाहिर सी बात है कि सियासत में कोई भी काम बिना संदेश के नहीं होता है। सियासत अपना काम भी करती है और अपने काम के जरिए वो एक संदेश भी देती है।
भाजपा भी काम कर रही है और संदेश दे रही है। समाजवादी पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सभी कार्यकतार्ओं से कहा था कि वह कोरोना पीड़ितों की मदद करें और अभियान चलाकर वह सुनिश्चित करें कि कोई व्यक्ति भूखा ना रहे। इसके लिए उन्होंने सभी जिला और महानगर अध्यक्षों को निर्देशित किया था। पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष यदि आदेश दे रहे हैं तो पालन होना चाहिए। सपा के कार्यकर्ता काम कर भी रहे हैं और अभियान चला रहे हैं, लेकिन गाजियाबाद जिले में साइकिल वाला खेमा ट्यूनिंग एरर का शिकार नजर आ रहा है। यहां साइकिल के दोनों पहियों में बैलेंसिंग का अभाव है। सपा का जिला संगठन अलग चल रहा है और महानगर संगठन अलग। वहीं दूसरी तरफ भाजपा अपने बूथ से लेकर मंडल तक और संघ से लेकर जनप्रतिनिधियों के माध्यम से एक संदेश दे रही है। उसकी मदद के थैले संदेश दे रहे हैं। उसके कार्यकर्ता संदेश दे रहे हैं और वहीं साइकिल वाली पार्टी समाजवादी में जिला और महानगर संगठन ही अलग-अलग छोर पर खड़ा हो गया है।
सपा के महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी लोगों की मदद कर रहे हैं और वह अपनी मदद मुहिम के फोटो सोशल मीडिया पर भी अपलोड कर रहे हैं, लेकिन सपा के जिलाध्यक्ष राशिद मलिक इस मामले में सोशल मीडिया से गायब हैं और सपा के भीतर ही आवाज उठ रही है कि यदि जिलाध्यक्ष और महानगर अध्यक्ष मिलकर मदद वाली मुहिम चलाते तो समाजवादी पार्टी का एक शानदार संदेश जाता। मगर ऐसा नहीं हुआ। यहां तक कि सपा संगठन ने कोई हेल्पलाइन नंबर तक नहीं जारी किया। सपा के गरीब मजदूर कार्यकर्ता को इस नंबर के जरिए बताया जा सकता था कि वह मदद के लिए इस नंबर पर कॉल करे। यदि किसी को भोजन नहीं मिला है तो वह इस नंबर पर कॉल कर सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। खुद सपा के नेता मान रहे हैं कि ऐसे समय पर तो गरीबों की मदद के लिए जिलाध्यक्ष राशिद मलिक और महानगर अध्यक्ष राहुल चौधरी को एक साथ आना चाहिए था। यहां पर ट्यूनिंग एरर से ज्यादा कोपरेशन की जरूरत थी। कई गरीब लोगों ने बताया भी कि उन्होंने मदद के लिए राहुल चौधरी को ही फोन किया है और राहुल चौधरी ने जटवाड़ा, बालुपुरा से लेकर कई अन्य क्षेत्रों में फोन कॉल आने पर ही राशन वाली मदद उपलब्ध कराई है। यही भी संभव है कि जिलाध्यक्ष राशिद मलिक ने भी लोगों की मदद की हो, लेकिन यह मदद कहीं दिखाई नहीं दे रही है। इससे साइकिल का मदद वाला संदेश जनता के बीच कमजोर होता है।
काश सरकार में फॉर्चूनर कार वाले भी आ जाते मदद के लिए
जब प्रदेश में सपा सरकार थी तो लगता था कि गाजियाबाद में सबसे ज्यादा नेता सपा के पास हैं। सपा दफ्तर पर फॉर्चूनर कार से नेता आया करते थे। ये नेता उस समय सपा के झंडे में लिपटने की कसमे खाया करते थे, मगर आज जब सरकार नहीं है ते ये नेता भी सरकरा के जाते ही कार समेत गायब हो गए हैं। यदि ये नेता मदद के लिए आगे आ जाते तो पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के एक मजबूत संदेश जाता। लेकिन अब पता नहीं ये नेता कहां हैं। वो नेता भी नजर नहीं आ रहे जो सरकार के रहते महानगर में एक छोटा सा पद मिलने पर लाखों रुपए के होर्डिंग लगा देते थे। अब हजारों के राशन वाली मदद के साथ भी ये नेता नहीं आ रहे हैं। उनसे ज्यादा मजबूत तो मदद के मामले में कांग्रेस नजर आ रही है। उसके पूर्व सांसद से लेकर पूर्व महानगर अध्यक्ष तक लगातार गरीबों की मदद कर रहे हैं। यदि सपा के ये नेता ऐसे समय में निजी नाराजगी भुलाकर साथ आ जाते तो पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष का जनता में एक मजबूत संदेश जाता।
सपा के यूथ नेताओं ने जज्बे और हौसलों से लड़ी है जंग
सपा के जिला और महानगर संगठन के बीच ट्यूनिंग एरर की खबरें सपा खेमे से ही आ रही है। तो यहां पर मदद वाली जंग सपा की यूथ लॉबी ने अपने दम पर ही लड़ा है। सपा के यूथ नेता जीतू शर्मा तो लॉकडाउन के पहले दिन से ही अपनी टीम के साथ मदद वाली इस रेस में सबसे आगे चल रहे हैं। चाहे बात कच्चा राशन देने की हो या फिर पका हुआ भोजन देने की हो। सपा नेता जीतू शर्मा और उनकी टीम ने पहले दिन से ही एक मजबूत संदेश जनता के बीच दिया है।
लगातार काम किया है और सोशल मीडिया पर उन्होंने समाजवादी पार्टी का संदेश बहुत मजबूती के साथ दिया है। यही वजह है कि जीतू शर्मा की मदद वाली मुहिम को समाजवादी पार्टी के बुलेटिन पर भी जगह मिली है और बात जब सपा यूथ लॉबी की हो रही है तो यहां सपा के यूथ नेता मनोज पंडित भी किसी से पीछे नहीं रहे हैं। वह अपने भाई हरिश शर्मा की एनजीओ जनशक्ति एक आवाज के जरिए मदद वाले अभियान में जुटे हैं। उनके साथ उनके भाई भूषण पंडित भी हैं। मनोज पंडित ने दूरी एनजीओ से संपर्क स्थापित कर भोजन हासिल किया और उसे गरीबों में वितरित कराया। लगातार मेहनत की है और सोशल मीडिया पर उन्होंने भी समाजवादी मुहिम का मजबूत संदेश दिया है। बहुत शानदार तरीके से समन्वय बैठाकर उन्होंने गरीबों के घर तक राशन पहुंचाया है। लेकिन यहां पर सपा के वो नेता नजर नहीं आ रहे जो छात्र सभा से लेकर यूथ मोर्चा तक पद तो प्रदेश स्तर का चाहते हैं लेकिन काम वो महानगर स्तर पर भी नहीं कर रहे हैं। युवाओं की टीम में कभी-कभी प्रदीप शर्मा भी काम करते नजर आ जाते हैं। लेकिन अन्य नेता टीम से गायब हैं। यहां पर जीतू शर्मा और मनोज पंडित की टीम अपने-अपने संसाधनों और अपने-अपने संबंधों के बल पर मदद अभियान को सफल बनाने में लगे हैं। पार्टी के राष्टÑीय अध्यक्ष के आदेशों का अनुपालन हो रहा है और तारीफ की बात यह है कि यह समर्पण और यह कर्मठता तब है जब पार्टी सरकार में नहीं है और ये नेता अपने बूते पर पार्टी के संदेश को मजबूती दे रहे हैं।