गाजियाबाद, करंट क्राइम। अभी हाल ही में मुख्य विकास अधिकारी विक्रमादित्य सिंह मलिक का स्थानांतरण गाजियाबाद नगर निगम में नगरायुक्त के पद पर हुआ था और निवर्तमान नगरायुक्त डॉ. नितिन गौड़ को हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रुप में तैनाती मिली है। डॉ. नितिन गौड़ ने आरडीसी स्थित आवास को कुछ दिन पहले ही खाली किया है। नितिन गौड़ द्वारा आवास खाली करने के बाद नगर निगम के नजारत विभाग ने आवास का हैंडओवर लेकर साफ-सफाई का काम शुरु करा दिया है। नए नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की शिफ्ंिटग से पूर्व नगर निगम द्वारा आवास को चमकाने का काम जोर-शोर से चल रहा है। नगरायुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक पिछले लंबे समय से गाजियाबाद में मुख्य विकास अधिकारी के रुप में तैनात थे। इसलिए फिलहाल वह अपने गांधी नगर स्थित सरकारी आवास में रह रहे है। अगले सप्ताह वह आरडीसी कैंप कार्यालय स्थित आवास में शिफ्ट हो जाएंगे।
जब नगरायुक्त आवास के जनरेटर में नहीं था डीजल, अधिकारी को करना पड़ा पंप पर फोन
इन दिनों नगर निगम आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। आर्थिक तंगी का हाल यह है कि कई बार नगर निगम के रोजमर्रा के कामों पर भी इसका असर नजर आने लगता है। पैट्रोल पंप को भुगतान न होने के कारण कई बार पंप डीजल-पैट्रोल देने से हाथ खड़े कर देते है। जिससे कूड़ा उठाने वाली गाड़ियां भी खड़ी हो जाती है। शनिवार को भी नगर निगम में कुछ ऐसा ही नजारा नजर आया। दरअसल, शनिवार को आरडीसी कैंप कार्यालय स्थित नगरायुक्त आवास के जनरेटर में डीजल खत्म हो गया था। डीजल लेने के लिए नगर निगम का एक कर्मचारी नगर निगम के साथ अनुंबधित पैट्रोल पंप पर डीजल लेने के लिए गया। लेकिन पैट्रोल पंप प्रबंधन ने डीजल देने से हाथ खड़े कर दिये। जिसके बाद नगर निगम के एक अधिकारी ने पंप पर स्वयं फोन कर स्थिति से अवगत कराया कि नगरायुक्त आवास के जनरेटर के लिए डीजल चाहिए। उसके बाद ही पैट्रोल पंप से डीजल मिल सका।