गाजियाबाद (करंट क्राइम)। गांव मोरटा के पास बने कूड़े के पहाड़ का मामला गरमाता जा रहा है। कूड़े के पहाड़ का मामला अब एनजीटी दरबार में पहुंच गया है। एनजीटी ने इस विषय को लेकर डाली गई जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश शासन के नगर विकास विभाग, जिलाधिकारी और नगरायुक्त से जवाब मांगा है। जिसके बाद नगर निगम का विधि विभाग पूरे मामले की रिपोर्ट को तैयार करने में जुट गया है।
अभी हाल ही में गांव मोरटा के पास कूड़ा डाले जाने से वहां धीरे-धीरे कूड़े का पहाड़ बन गया। जिसके बाद एक व्यक्ति ने इस कूड़े के पहाड़ को लेकर नेशनल ग्रीन टिब्यूनल में उत्तर प्रदेश सरकार, जिलाधिकारी और नगरायुक्त को पार्टी बनाते हुए एक जनहित याचिका डाली। एनजीटी ने जनहित याचिका को स्वीकार करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के नगर विकास विभाग, जिलाधिकारी और नगरायुक्त से गांव मोरटा के पास बने कूड़े के पहाड़ को लेकर जवाब मांगा है। जिसके बाद नगर निगम का विधि विभाग इस मामले को लेकर जवाब तैयार करने में जुट गया है। हालांकि इस पूरे मामले को लेकर नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथलेश कुमार का कहना है कि गांव मोरटा के पास जो कूड़े का पहाड़ बना है उसमें नगर निगम का कोई दोष नहीं है। नगर निगम प्रशासन ने शहर से कूड़ा उठाने का ठेका एक कंपनी को दिया हुआ है। नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत निकलने वाले कूड़े का निस्तारण वहीं कंपनी करती है। नगर निगम का विधि विभाग इस मामले को लेकर पूरी रिर्पोट तैयार कर एनजीटी में जमा कर देगा।