पुराने भाजपाई विजय मोहन की बनती है मेयर वाली मजबूत दावेदारी
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। मेयर चुनाव को लेकर अनकहा काउन्ट डाउन शुरू हो गया है। दावेदार कहीं खुद दावा कर रहे हैं तो कहीं पार्टी अपने वरिष्ठ नेताओं पर विचार कर रही है। कुछ नाम ऐसे हैं जो खुद साईलेंट हैं लेकिन उनका प्रोफाईल ऐसा है कि मेयर टिकट के लिए उनकी दावेदारी बन रही है। मेयर दावेदारी के चेहरों में आज बात भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय मोहन की। विजय मोहन हमेशा से एक्टिव राजनीति में रहे हैं। मुद्दों को लेकर वो हमेशा से मुखर रहे हैं। भाजपा का झंडा उन हालातों में थामा है जब संघर्ष के दौर में डंडा भी अपने शरीर पर खाया है। भाजपा के प्रति उन्होंने अपने किरदार को पूरी वफा से निभाया है। विजय मोहन की दावेदारी मेयर पद के लिए बनती है हालाकि अभी विजय मोहन खुद साईलेंट मोड पर हैं लेकिन भाजपा में ये भी कहा जाता है कि यहां नेता साईलेंट होता है पार्टी कभी साईलेंट नहीं होती।
जिन्हें प्रदेश में पद देना होता है उन्हें घर से बुलाकर पद दिया जाता है। जिन्हें महानगर का ताज पहनाना होता है उन्हें रात में बुलाकर ताजपोशी की जाती है। ऐसे में पार्टी अगर अपने की पुराने निगम चेहरे पर विचार करती है तो कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए।
नगर निगम का है अनुभव और संगठन की संभाली है जिम्मेदारी
विजयमोहन भाजपा के पुराने नेता हैं। वो कार्यकर्ता हैं जिन्होंने चुनाव में पुलिस की लाठियां खाई हैं। उनका उम्मीदवार हमेशा से कमल का फूल होता है। जो लोग निगम एनसाईक्लोपीडिया की बात करते हैं तो वो लोग जान लें कि बाकी एक्ट जानकार बाद में आये हैं और ये उपाधि पहले विजयमोहन के ही नाम थी। निगम पार्षद रहे हैं और निगम की बारीकियां जानते हैं, समस्याएं जानते हैं समाधान जानते हैं। निगम के साथ साथ उन्होंने संगठन की भी जिम्मेदारी संभाली है। भाजपा के महानगर अध्यक्ष रहे हैं। भाजपा की क्षेत्रीय टीम में पदाधिकारी रहे हैं।
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