एडिशनल सीपी और डीसीपी की प्लानिंग रही कामयाब
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। पुलिस कमिश्नरेट में तहसील के भीतर चैंबर में घुस के हुई मनोज उर्फ मोनू चौधरी अधिवक्ता की हत्या के मामले का सिहानी गेट पुलिस ने महज कुछ घंटों में खुलासा कर दिया। इस मामले में डीजीपी से लेकर एडीजी एलओ तक पल-पल का अपडेट ले रहे थे। वकील की हत्या होते ही पुलिस कमिश्नरेट के एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी, डीसीपी सिटी जोन निपुण अग्रवाल, एसीपी नंदग्राम रवि सिंह और थाना प्रभारी नरेश शर्मा सहित सिटी जोन के तमाम थाना प्रभारी, क्राइम ब्रांच की टीमें और स्वॉट टीमें एक्शन मोड में कर ली गई थीं। पुलिस ने इस मामले में मृतक के बहनोई अमित डागर, अमित डागर के भाई नितिन डागर और इस पूरे मामले में अनुज उर्फ पालू को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तमंचा, घटना में प्रयुक्त ब्रेजा गाड़ी और सेंट्रो कार भी बरामद की है।
सीसीटीवी से मिले सबूत, तो पुलिस ने फैला दिया था नेटवर्क
मनोज उर्फ मोनू चौधरी की हत्या के मामले में पुलिस को जैसे ही सीसीटीवी से कुछ अहम सबूत मिले और उसके बाद मृतक की पत्नी और हत्यारोपी की बहन ने अपने रिश्तेदारों को पहचानने की बात कबूल की। तो पुलिस ने चिरंजीव विहार से लेकर दुहाई तक अपना नेटवर्क फैला दिया था।
हालांकि शातिर हत्यारे गाजियाबाद से नोएडा और फिर गाजियाबाद के कई हिस्सों में खुद को बचाने के लिए दौड़े लेकिन पुलिस की नेटवर्किंग के आगे उनकी एक नहीं चल सकी।पुलिस ने घटना लगभग 16 घंटे के भीतर ही हत्या में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
खुलासे में फिर 21 साबित हुई सिटी कमिश्नरेट की टीमें
अधिवक्ता मनोज चौधरी उर्फ मोनू की हत्या के मामले में एडिशनल सीपी दिनेश पी, डीसीपी सिटी जोन निपुण अग्रवाल, एसीपी नंदग्राम रवि सिंह, थाना प्रभारी सिहानी गेट नरेश शर्मा, एसीपी कवि नगर अभिषेक श्रीवास्तव, एसएचओ कवि नगर योगेंद्र मलिक, क्राइम ब्रांच की टीमें,डीसीपी सिटी जोन की स्वॉट टीम और नंदग्राम थाना प्रभारी सचिन मलिक से लेकर लोकल इंटेलीजेंस के साथ ही सर्विलांस और सिटी की वर्किंग टीम का ही सपोर्ट था की सनसनीखेज घटना का कम समय में सफल अनावरण हो गया। सिटी की टीम ने एक बार फिर बड़ी घटना का 24 घंटे के भीतर खुलासा करके बताया है कि बेहतर वर्किंग जारी है। बीते दिनों सिहानि गेट थानाक्षेत्र में मेरठ के ज्वैलरी कारोबारी से हुई 45 लाख की लूट को भी 24 घंटे के भीतर खोल दिया गया था। वहीं नंदग्राम सर्किल के कई बड़े मामले पुलिस ने चंद्र घंटे में खोलकर अपना डंका बजाया है।
करोड़ों की प्रॉपर्टी और पारिवारिक विवाद बनी हत्या की वजह
(करंट क्राइम)। एडिशनल सीपी दिनेश कुमार पी ने जानकारी दी है कि अधिवक्ता मनोज चौधरी की हत्या के मामले में पारिवारिक विवाद और प्रॉपर्टी हत्या की मुख्य वजह है। पुलिस से जानकारी दी है कि मृतक का एक मकान चिरंजीव विहार में था, जो उसकी बहन के नाम था। तो इसी के साथ एक मकान दुहाई और गोविंदपुरम में भी जो मौजूदा मकान है। उसकी कीमत करोड़ों में आंकी गई है। पुलिस ने बताया है कि मृतक लंबे समय से बैनामा लेखक और अधिवक्ता का काम कर रहे थे, लिहाजा उनके कई पहुंच वाले लोगों से भी बेहतर संबंध थे।
करंट क्राइम की जानकारी रही सटीक
(करंट क्राइम)। करंट क्राइम ने हत्या वाले ही दिन जानकारी अपने पाठकों को दे दी थी कि इस मामले में तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है। गुरुवार को रक्षाबंधन के दिन पुलिस के आलाधिकारियों ने पूरी घटना का खुलासा किया। वो सीसीटीवी भी मीडिया के सामने प्रस्तुत की जो इस खुलासे में अहम सबूत थी। इसी के साथ करंट क्राइम ने सूचना अपने पाठकों तक पहुंचाई उस पर एकबार फिर सटीकता की मोहर लगी है।
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