भारतीय उद्योग जगत की महान हस्ती रतन टाटा ने 86 साल की उम्र में 9 अक्तूबर 2024 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया। वह अपने पीछे एक विशाल विरासत छोड़ गए हैं, जो न केवल टाटा समूह, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है। रतन टाटा ने अपने दूरदर्शी निर्णयों से टाटा परिवार की महान परंपरा को कायम रखा। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने अनेक क्षेत्रों में नवाचार और सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण प्रस्तुत किया।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था, और वह 1991 से 2012 तक टाटा समूह के चेयरमैन रहे। उनके कार्यकाल में, समूह ने कई महत्वपूर्ण अधिग्रहण किए, जैसे जगुआर और लैंड रोवर, जो वैश्विक स्तर पर भारतीय कंपनियों की पहचान को बढ़ाने में मददगार साबित हुए। रतन टाटा ने हमेशा अपनी कंपनियों में नैतिकता, मानवता और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को प्राथमिकता दी। उन्होंने न केवल व्यवसाय में सफलता हासिल की, बल्कि समाज के उत्थान के लिए भी कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू कीं। टाटा परिवार का देश के विकास में बड़ा योगदान है, और रतन टाटा का कार्य इस दिशा में महत्वपूर्ण मील का पत्थर रहेगा।