गाजियाबाद (करंट क्राइम)। जनपद में अभी तक मंकी पॉक्स का कोई पुष्ट मरीज नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग और शासन मंकी पॉक्स को लेकर सतर्क है। शासन से जहां जिले में मंकी पॉक्स के लिए आईसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं वहीं जांच के लिए अब सैंपल दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भेजने की व्यवस्था की गई है ताकि सैंपल पहुंचने और फिर रिपोर्ट प्राप्त करने में समय की बचत हो सके। यह बात शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. भवतोष शंखधर ने कहीं।
बता दें कि अब तक मंकी पॉक्स की जांच के लिए नमूने पुणे स्थित लैब में भेजे जा रहे थे। जनपद से अब तक कुल मिलाकर तीन नमूने भेजे गए हैं और एक भी मामले में मंकी पॉक्स का संक्रमण होने की पुष्टि नहीं हुई है।
उन्होंने बताया मंकी पॉक्स की जांच के लिए पूरे देश भर में 15 लैब हैं। उत्तर प्रदेश शासन की ओर से निर्देश प्राप्त हुए हैं कि पश्चिम उत्तर प्रदेश के सहारनपुर और मेरठ मंडल के सभी जिलों को मंकी पॉक्स की जांच के लिए दिल्ली स्थित एम्स से जोड़ा गया है, यानि इन सभी जिलों से मंकी पॉक्स की जांच के लिए नमूने दिल्ली भेजे जाएंगे। शासन से निर्देश दिए गए हैं कि जांच के लिए नमूने अच्छे से पैक करके भेजें और नमूना भेजने से पहले दूरभाष की मदद से लैब में संपर्क अवश्य कर लें।
जिला सर्विलांस अधिकारी (डीएसओ) डा. राकेश कुमार गुप्ता ने कहा कि जनपद को दिल्ली स्थित एम्स की लैब से जोड़े जाने से बड़ी सुविधा हो जाएगी। पुणे लैब से जांच कराने में पांच से सात दिन का समय लग जाता था, अब ऐसा नहीं होगा। दिल्ली में जांच की सुविधा मिल जाने से एक से दो दिन में ही रिपोर्ट प्राप्त होने की संभावना है। उन्होंने कहा जनपद में मंकी पॉक्स का एक भी पुष्ट मामला अभी तक नहीं है, मिलते-जुलते लक्षण देखकर पैनिक न हों। किसी तरह की परेशानी होने पर नजदीकी स्वास्थ्य
केंद्र पर जाएं और चिकित्सक से परामर्श लें।