वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद। मेयर चुनाव का बिगुल अंदरखाने बज चुका है। हालांकि अभी सबसे बड़ा सस्पेंस आरक्षण को लेकर है और आरक्षण के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। गाजियाबाद मेयर सीट पर भाजपा दावेदारी की बात करें तो यहां सिख समाज के चेहरे के रूप में सरदार एसपी सिंह का नाम भी आता है। सरदार एसपी सिंह पुराने भाजपाई हैं और सिख समाज की नुमार्इंदगी करते हैं।
भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं में गिनती होती है और राजनीति के साथ साथ सामाजिक व धार्मिंक आयोजनों में भी भागीदारी रहती है। सौम्य स्वभाव के नेता हैं। राजनीति का गहरा अनुभव है। भाजपा में अगर पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सिख समाज की बात होती है तो सरदार एसपी सिंह का चेहरा सबके सामने आ जाता है। मेयर पद के लिए इस चेहरे की दावेदारी अपनी लम्बी भाजपाई पारी के आधार पर भी बनती है और सिख समाज की भागीदारी के आधार पर भी बनती है। पार्टी के सभी कार्यक्रमों में शत प्रतिशत मौजूदगी रहती है। दावेदारी का मापदण्ड अगर बिरादरी ना भी हो तो भी सरदार एसपी सिंह अपनी एक अलग पहचान रखते हैं।
अल्पसंख्यक आयोग से लेकर मौलाना फाउन्डेशन तक
सरदार एसपी सिंह उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य रहे हैं। इस पद पर रहकर उन्होंने एक बड़ा काम गुरू ग्रन्थ साहब के लिए किया था। पहले जेलों में गुरू ग्रन्थ साहब भी अन्य धार्मिक ग्रन्थों के साथ रखा जाता था। सरदार एसपी सिंह ने सबसे पहले इसका विरोध किया था और उन्होंने कहा था कि सिख समाज की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र गुरू ग्रन्थ साहब है। इसे जेल में नहीं रखा जा सकता और उसी के बाद कोर्ट ने आदेश दिये थे कि जेलों में गुरू ग्रन्थ साहब को नहीं रखा जाएगा। सरदार एसपी सिंह भाजपा के महानगर संयोजक भी रहे हैं और मौजूदा समय में फाउन्डेशन में दायित्व संभाल रहे हैं। नामित पार्षद भी रहे हैं और भाजपा कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने एक लम्बा सफर तय किया है।
सोशल मीडिया से लेकर सामाजिक सरोकारों में सिंह की भागीदारी
(करंट क्राइम)। सरदार एसपी सिंह भाजपा के पुराने नेताओं में गिने जाते हैं। शिक्षित और शालीन हैं। उनकी सबसे बड़ी खूबी ये है कि वो सामाजिक सरोकारों में सबसे आगे दिखाई देते हैं। मौका खुशी का हो या गम का हो भाजपा का ये सिख चेहरा सभी के साथ खड़ा नजर आता है। कभी किसी से उनका विवाद नहीं होता है और बेहद शालीनता के साथ वो अपनी बात को सोशल मीडिया पर रखते हैं। मुददों से अपडेट रहते हैं और डिजिटल पॉलिटिक्स में भी एक्टिव रहते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वो हमेशा सोशल मीडिया पर संयम वाले लहजे में एक्टिव होते हैं। शालीनता से अपने तर्क को रखते हैं। आज के राजनीतिक दौर की सबसे बड़ी जरूरत डिजीटल प्लेट फॉर्म का सरदार एसपी सिंह बड़ी कुशलता के साथ इस्तेमाल करते हैं। राजनीति में हमेशा संबंधों को नहीं लाते हैं और संबंधों में कभी भी वो पॉलिटिक्स नहीं करते हैं।