– जनसुनवाई के स्तर में भी उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल शर्मा ने किया है सुधार
परिचय
नाम : अनिल कुमार शर्मा
वर्तमान तैनाती : क्षेत्रीय प्रबंधक ग्रेटर नोएडा
जन्म स्थान : मऊ उत्तर प्रदेश
शिक्षा : इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई की
पूर्व तैनाती : गाजियाबाद
गाजियाबाद, करंट क्राइम :
दिल्ली-एनसीआर का विस्तार हो रहा है, तो वहीं सरकारी विभाग भी अपनी योजनाओं को विस्तृत कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार शर्मा का कहना है कि सिकंदराबाद दिल्ली- एनसीआर में उद्यमियोें के लिए नया केंद्र बन रहा है। यहां भूखंड आसानी से उपलब्ध हो रहे हैं और सरकार और यूूपीसीडा इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर सौंदर्यीकरण को लेकर ध्यान दे रहा है। उन्होंने बताया कि यहां बीते लगभग तीन साल के दौरान सरकार लगभग 70 करोड़ रुपए से अधिक बजट व्यय कर चुकी है ताकि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों से लेकर जगमगाती रोड नजर आएं। साथ ही यहां दिल्ली-एनसीआर के उद्यमी आसानी से निवेश करें और उनके कारोबार को भी नई ऊंचाइयां मिलें। इसी के साथ सेंट्रल वर्ज से लेकर आईसीसी की रोड और आधुनिक पत्थरों से साथ ही स्टील फेंसिंग का भी काम औद्योगिक क्षेत्र में कराया गया है। जिससे सड़कों पर उड़ने वाली धूल बंद हो जाए और यहां के मैकेनिक सिस्टम को भी मजबूत बनाया गया है। इसके साथ ही क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल शर्मा कहते हैं कि वह प्रतिदिन 100 से सवा सौ लोगों से खुद व्यक्तिगत रूप से मुलाकात करते हैं। उनके कार्यों में आ रही रूकावटों को दूर करना उनकी प्राथमिकता में शामिल रहता है। इसके लिए वह बाकायदा अभियान भी चलाते हैं। साथ ही कुछ मामलों में जहां कब्जा मिलने में परेशानी आती है वहां जिलाधिकारी के माध्यम से वार्ता कर उनका हल करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल रहता है। उन्होंने कहा कि अगर सरकारी कर्मचारी किसी काम को अपनी जिम्मेदारी के साथ-साथ उसे एक भावना के रूप में लेकर काम करेंगे तो इससे निवेशकों को अच्छा लगता है। वह उनके दिल तक उतरने का एक बेहतर तरीका भी है। अनिल शर्मा कहते हैं की जनसुनवाई को बेहतर बनाना उनकी प्राथमिकता में रहा है और इसका असर अभी धीरे-धीरे उनके कार्यक्षेत्र में नजर आ रहा है। गाजियाबाद में भी पोस्टिंग के दौरान उन्होंने लोनी में आवास और कई अन्य योजनाओं में बेहतर प्रयास किए थे। जिससे उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम को काफी लाभ पहुंचा था। उन्होंने कहा है कि जिस प्रकार से सिकंदराबाद बीते तीन सालों के दौरान विकास कार्य कराए गए हैं और यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर ध्यान दिया गया है उसका लाभ भविष्य में उद्यमी को मिलेगा। सिकंदराबादएक ऐसा प्लेस बन रहा है जो गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, दिल्ली और गुड़गांव के बीच में है। यहां की जमीनों का भाव अभी अपेक्षाकृत एनसीआर के अन्य जिलों की तुलना में काम है, जो उद्योगों के लिए एक मुनाफे का सौदा है। बीते दिनों दैनिक करंट क्राइम के सम्पादक मनोज गुप्ता और वरिष्ठ संवाददाता गौरव शाशि नारायण से बातचीत करते हुए उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक अनिल कुमार शर्मा ने कई महत्वपूर्ण जानकारी साझा की हैं। प्रस्तुत है बातचीत के प्रमुख अंश।
सवाल : सिकंदराबादऔद्योगिक क्षेत्र का मुख्य हिस्सा बने इसके लिए क्या किया जा रहा है?
दिल्ली-एनसीआर के निकट होने की वजह से सिकंदराबाद लेकर मैंने अपने कार्यकाल के दौरान खास फोकस किया है। यहां के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काम किया गया है। औद्योगिक क्षेत्र की सड़क बेहतर की गई हैं। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में प्रकाश की भी व्यवस्था की गई है, जो समस्याएं आ रही हैं उनको दूर करने के लगातार प्रयास हो रहे हैं। जो विकास कार्य रुके हुए हैं, उनको अक्टूबर- नवंबर तक पूरा कर दिया जाएगा। वर्तमान में मेरा फोकस ग्रेटर नोएडा और सिकंदराबादको लेकर है।
सवाल : लगभग कितना बजट बीते कुछ वर्षों में अपने रीजन में खर्च किया है?
उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम लगातार अपनी इकाइयों को सुधारने और वहां उद्यमियों को जोड़ने का प्लान कर रहा है। इसके तहत बीते कुछ वर्षों के दौरान लगभग 70 करोड़ रुपए का बजट रीजन में खर्च किया गया है। इसमें रोड, सड़कों की सफाई, लाइटें, हाई मास्क लाइट और सड़क के किनारे धूल नही उड़े इसके लिए भी प्रबंध किया गया है। अमूमन देखा जाता है कि औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों में पानी के जमाव की वजह से उनकी हालत खस्ता हो जाती है। इसको दूर करने का काफी हद तक प्रयास किया गया है। साथ ही जहां आरसीसी की सड़क बनाई जा रही हैं। वहां जलभराव ना हो इसका भी ध्यान रखा जाता है। सरकार की मंशा है कि बेहतर काम हो और उद्यमियों का इसका सीधा लाभ पहुंच सके।
सवाल : औद्योगिक क्षेत्र को अलग पहचान मिले इसके लिए क्या किया गया है ?
सिकंदराबादऔर ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक क्षेत्र अलग से नजर आएं। इसके लिए लगभग 8 से अधिक एंट्री पॉइंट बनाए गए हैं। जिसका सौंदर्र्यीकरण बड़े स्तर पर किया गया है। दूर से ही होल्डिंग, फ्लेक्स से लेकर दिशा सूचक और सेंट्रल बर्ज से लेकर अन्य मार्ग को सुंदर और आकर्षक बनाया गया है। साथ ही आरसीसी की सड़क बेहतर की जा रही हैं। कर्व स्टोन का उपयोग किया जा रहा है। डिवाइडर पर फेंसिंग और स्टील जाली लगाई जा रही है ताकि जानवर मार्ग पर ना आए और दुर्घटनाएं ना हों।
सवाल : वायु प्रदूषण से औद्योगिक क्षेत्र के लिए परेशानी रहती है, इसके लिए क्या प्रयास हुए हैं?
औद्योगिक क्षेत्र में जो भी निर्माण और औद्योगिक संचालित की जा रही हैं वह एनजीटी, कोर्ट और वायु प्रदूषण की स्थिति को ध्यान में रखकर की जा रही हैं। साथ ही धूल ना उड़े इसके लिए सड़कों के किनारे इंटर टाइल लॉकिंग लगाई जाती हैं। जलभराव ना हो और इनकी मेंटेनेंस पर भी अधिक ध्यान दिया जा रहा है ताकि सड़कों पर धूल ना उड़े और लोगों और उद्यमियों को परेशान ना होना पड़े।
सवाल : अवंटियों को किस प्रकार से राहत पहुंचाई जा रही है?
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी में अवंटियों को राहत दी जा रही है। 2004, 05 और 0 6 के बड़ी संख्या में ऐसे मामले थे जिनको आवंटन नहीं मिल पाया था। उनको चिन्हित किया गया और फिर उन लोगों की कागजी कार्रवाई पूर्ण कराई जाने के बाद उनका आवंटन करवाया गया है ताकि वह अपना कारोबार ठीक प्रकार से कर सकें।
सवाल : आपने चार्ज संभालने के बाद क्या तालमेल बैठाया की व्यवहार को लेकर बड़ी तारीफ होती है?
मुझे लगभग तीन साल से अधिक का समय हो गया है। इस दौरान मैं प्रतिदिन 100 से 125 लोगों से फोन और व्यक्तिगत मिलने के प्रयास करता हूं। इसके लिए अभियान भी चलाए जाते हैं। साथ ही औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों को हम घर जैसा माहौल दे रहे हैं। उनसे दोस्ताना संबंध रखते हैं और भावनात्मक रूप से जुड़कर उनके साथ आगे की कार्य योजना भी बनाई जाती हैं।
सवाल : उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम से कैसे उद्यमियों को जोड़ रहे हैं?
प्रति माह बड़ी संख्या में लोग उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम की सर्विस लेने के लिए आते हैं। उनको असुविधा ना हो, साथ ही प्रत्येक माह प्रमुख उद्योगों के साथ बैठक की जाती है। जनसुनवाई को बेहतर बनाया जा रहा है।
सवाल : सिकंदराबादको औद्योगिक क्षेत्र के रूप में क्यों खास है ?
दिल्ली-एनसीआर का हिस्सा होने के साथ ही सिकंदराबाद की जो लोकेशन है। वह भविष्य का सबसे बेहतर स्थान है। यह 6 लाइन का एनएच पर है, यह एक सेंटर पॉइंट भी है, जो दिल्ली-गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा और अन्य राज्यों के भी समीप है। यहां से एक घंटे के भीतर आसानी से इन सभी प्रमुख शहरों से चलकर पहुंचा जा सकता है। साथ ही यह अन्य प्रदेशों के लिए भी भविष्य का हब बन सकता है।
सवाल सिकंदराबादउद्यमियों को क्यों पसंद आ रहा है?
सिकंदराबाद में सरकार ने तमाम कार्य योजनाएं शुरू की हैं। साथ ही उनको दिल्ली-एनसीआर की तुलना में सस्ती जमीन मुहैया कराई जा रही है। ईको फ्रेंडली माहौल दिया जा रहा है और सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यहां बिना भ्रष्टाचार के काम हो रहा है।
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