चेन्नई| सरकारी बैंकों और सरकारी गैर-जीवन बीमा कंपनियों के कर्मचारी बुधवार को हड़ताल पर रहेंगे। (banking employees strike) श्रमिक नेताओं ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर संगठन विरोधी और श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में यह हड़ताल आहूत की गई है। जनरल इंश्योरेंस एंप्लाईज ऑल इंडिया एसोसिएशन (जीआईईएआईए) के संयुक्त सचिव के. गोविंदन ने आईएएनएस से कहा, “मजदूर विरोधी और मजदूर संगठन विरोधी नीतियों का विरोध करने के लिए यह हड़ताल की जा रही है।”
उन्होंने कहा कि गैर-जीवन बीमा कर्मचारी संघ वेतन समझौता जल्द करने, प्रोन्नति नीति तय करने और आउटसोर्सिग की प्रथा समाप्त किए जाने की मांग कर रहे हैं।
ऑल इंडिया बैंक एंप्लाईज एसोसिएशन (एआईईबीए) के महासचिव सी.एच. वेंकटचलम ने कहा, “इस देश में श्रमिकों के अधिकारों और उन्हें मिली सुविधाओं पर हमले किए जा रहे हैं और नियोक्ताओं को अधिकाधिक छूट दी जा रही है।”
उन्होंने कहा, “श्रमिकों की कीमत पर श्रम कानून में नियोक्ताओं के हित में सुधार करने की खुली कोशिश की जा रही है। नव-उदारवादी आर्थिक नीतियों से कर्मचारियों और आम लोगों की समस्याएं सिर्फ बढ़ ही रही हैं।”
उनके मुताबिक, 14 बैंक श्रमिक संघों ने हड़ताल का समर्थन किया है।
वेंकटचलम ने कहा कि बैंकिंग क्षेत्र में निरंतर निजीकरण, अधिग्रहण और विलय को बढ़ावा देने वाले सुधार किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा, “अधिकाधिक निजी पूंजी और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। निजी क्षेत्र की कंपनियों को बैंक शुरू करने के लिए लाइसेंस दिए जा रहे हैं।”
उनके मुताबिक, श्रमिक संघ के विरोध के बावजूद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के निजीकरण की कोशिश की जा रही है और उसके लिए संसद में एक विधेयक पारित किया गया है।
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