गया/पटना| विधानसभा चुनाव वाले राज्य बिहार में सोमवार को तीन केंद्रीय मंत्री पहुंचे। स्मृति ईरानी ने गया के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में अध्यापन सत्र का उद्घाटन किया तथा दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के भवनों की आधारशिला रखी तो अल्पसंख्यक मामलों की केंद्रीय मंत्री डॉ. नजमा हेपतुल्ला ने तीन मदरसों में कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन किया। (bihar state hindi news) केंद्रीय कृषिमंत्री राधामोहन सिंह भी उनके साथ रहे। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने बिहार के गया में नवस्थापित भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में अध्यापन सत्र का उद्घाटन किया। संस्थान का संचालन मगध विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय में किया जा रहा है। आईआईएम-गया में फिलहाल नौ राज्यों के 30 छात्र-छात्राओं ने दाखिला लिया है।
उद्घाटन के मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए स्मृति ने कहा कि इस संस्थान में पढ़ाई शुरू हो गई है, जो अब बिना रुकावट के जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि संस्थान में छात्रों और शिक्षकों के लिए उचित सुविधा की व्यवस्था की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार में उच्च शिक्षा राजनीति का अखाड़ा बन गई थी, जिसमें बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है। केंद्र सरकार राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर उच्च शिक्षा की स्थिति में सार्थक बदलाव लाने की कोशिश कर रही है।
एक अधिकारी ने बताया कि एक साल तक आईआईएम-कोलकाता मेंटर का काम करेगा, तब तक गया का आईआईएम अपने पैरों पर खड़ा हो जाएगा। दाखिला, अध्यापन, प्रशासन, आवासन समेत सारे काम आईआईएम-कोलकाता करेगा।
स्मृति ईरानी के मगध विश्वविद्यालय के दूरस्थ शिक्षा निदेशालय कार्यालय पहुंचने पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एम़ इश्तियाक व आईआईएम के अधिकारियों और छात्र-छात्राओं ने उनका स्वागत किया।
केंद्रीय मंत्री इसके बाद गया के दरियापुर पहुंचीं, जहां दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के सात भवनों का शिलान्यास किया।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि ये भवन आधुनिक तरीके से तैयार किए जाएंगे, जिनमें शिक्षकों और छात्रों की सभी आधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। स्मृति ने केंद्रीय विश्वविद्यालय में मेडिकल की पढ़ाई की मांग को खारिज करते हुए कहा कि यह उनके क्षेत्राधिकार के बाहर का मामला है।
उन्होंने मोतिहारी में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना और भागलपुर स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय के विकास का भी आश्वासन दिया।
दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हरिश्चंद्र राठौर ने बताया कि करीब 152 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इन भवनों में से तीन भवनों का निर्माण कार्य जुलाई 2016 तक पूरा कर लिया जाएगा, जबकि अगले 24 महीने में शेष चार भवनों के निर्माण का कार्य भी पूरा हो जाने की उम्मीद है।
शुरुआत में प्रशासनिक भवन के अतिरिक्त सामाजिक विज्ञान व नीति संस्थान एवं पृथ्वी, जीव तथा पर्यावरण संकाय भवन निर्माण कार्य पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एक छात्र एवं दूसरा छात्राओं के लिए छह मंजिला छात्रावास का निर्माण भी होना है।
इधर, पटना में केंद्रीय मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने एक मदरसे में पटना, केसरिया व मोतिहारी स्थित मदरसों में कौशल विकास केंद्र का उद्घाटन रिमोट दबाकर किया। उन्होंने कहा, “पारंपरिक शैक्षिक संस्थानों में कौशल प्रशिक्षण केंद्रों का शुभारंभ अल्पसंख्यक समुदाय के कौशल विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
उन्होंने कहा कि केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार केवल भाषण नहीं देती, बल्कि काम करने पर विश्वास करती है।
वहीं राधामोहन ने कहा कि मोदी सरकार के नारे ‘सबका साथ सबका विकास’ को परियोजनाओं के माध्यम से लोगों तक पहुंचाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, “इन तीनों मदरसों के लिए 3़ 60 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यह धन अल्पसंख्यक समुदाय के युवक-युवतियों के कौशल विकास पर खर्च किया जाएगा। बिहार के इन तीन मदरसों में यह केंद्र ‘पायलट प्रोजेक्ट’ के रूप में शुरू किया जा रहा है। आगे चलकर अन्य मदरसों में भी इसे लागू किया जाएगा।”
उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले छात्रों को प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिसके बाद कम दर पर ब्याज के साथ ऋण भी मुहैया कराई जाएगी।
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