मोतिहारी| बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां वैशाली में 75 एकड़ भूमि में बुद्ध स्तूप का निर्माण कराने की घोषणा की और कहा कि यह पूरी तरह पत्थर से निर्मित होगा। वैशाली में ही बौद्ध दर्शन पर आधारित संग्रहालय की स्थापना भी की जाएगी। (nitish kumar news) पूर्वी चंपारण जिले के कनछेदवा में ‘अशोक बुद्ध विहार’ के लोकर्पण समारोह में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के विचार हमेशा प्रासंगिक रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बोधगया की पवित्र भूमि पर भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया और लोगों को उपदेश दिया। दुनिया के अरबों लोग उनके विचार से प्रभावित हुए। आज भी बौद्ध धर्मावलंबी बोधगया आकर भगवान बुद्ध के विचारों से प्रेरणा लेते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छह देशों में भगवान बुद्ध के मिले अवशेषों को पटना में स्थापित करुणा स्तूप के पास स्थापित किया गया है।
बिहार को ‘विहार’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विहार से ही बिहार का नाम पड़ा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ ही भाषा एवं शब्दों में परिवर्तन आता है। बिहार प्रारंभ से ही अध्ययन का केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि पाटलि गांव से पाटलिपुत्र और आज फिर पटना हो गया।
नारी सशक्तीकरण की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान बुद्ध ने नारी सशक्तीकरण के लिए सर्वप्रथम कदम उठाया था और नारियों को संघ में प्रवेश की अनुमति दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्याय के साथ विकास का मतलब ही है सभी क्षेत्रों का विकास।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा, “जुमला बाबू के झांसे में आने की जरूरत नहीं है। समाज में जो कट्टरपंथ है, धर्माधता है, उसके खिलाफ छात्र जीवन से ही हमलोग आवाज उठाया करते थे। आज समाज के कुछ लोग कट्टरपंथ का समर्थन भी कर रहे हैं।”
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