टना| जातिगत जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने के विरोध में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के सोमवार को एक दिवसीय बिहार बंद का मिलाजुला असर देखा गया। (bihar state hindi news) पटना में बंद के समर्थन में निकले राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद सहित सैकड़ों राजद कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। राज्य के कई इलाकों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर उतर आए। राजधानी पटना में भी बंद समर्थकों ने अपनी मांग के समर्थन में सड़कों पर टायर जलाए। राजधानी पटना सहित राज्य के विभिन्न इलाकों में बंद समर्थक सुबह से ही सड़कों पर नजर आए। बंद समर्थकों द्वारा कई स्थानों पर वाहनों में तोड़फोड़ की गई। कई शिक्षण संस्थानों को भी बंद करवाया गया।
पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक विकास वैभव ने बताया कि लालू प्रसाद को तब हिरासत में लिया गया, जब वह अपने समर्थक के साथ जबरदस्ती दुकानें बंद कराने का प्रयास कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि जबरदस्ती बंद कराने का लेकर पटना के 22 थाना में 24 प्राथमिकी दर्ज की गई है, जिसमें लालू प्रसाद सहित 566 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें 480 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
वैभव के अनुसार, यदि इन लोगों के खिलाफ लगी धाराएं जमाानती होंगी तो उन्हें जमानत मिल जाएगी।
अधिकारियों के अनुसार, बंद से आम जनजीवन प्रभावित हुआ। शैक्षणिक संस्थाओं को भी बंद समर्थकों ने जबरदस्ती बंद करवा दिया। पटना उच्च न्यायालय में भी कामकाज प्रभावित रहा।
अधिकारियों ने बताया कि बंद के कारण न्यायाधीशों को न्यायलय पहुंचने में विलंब हुआ। पटना उच्च न्यायालय ने सरकार से जानना चाहा है कि क्या राज्य सरकार बंद का समर्थन कर रही है। न्यायालय ने बंद को लेकर सरकार की तैयारी पर भी सवाल उठाए हैं।
इसके पूर्व लालू अपने आवास से टमटम पर सवार होकर पटना की सड़कों पर निकले। लालू ने कहा कि बंद को पूरी तरह सफल बताते हुए कहा कि यह बंद स्वत:स्फूर्त है।
उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी करने की मांग करना और बिहार में भाजपा को सत्ता से दूर रखना है। गया, सिवान, भागलपुर, छपरा, शेखपुरा मधुबनी और बगहा में भी सुबह से ही सड़कों पर सन्नाटा रहा। सहरसा और कटिहार में भी वाहनों की आवाजाही रोकी गई। बेगूसराय में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 और 24 को जाम कर दिया गया।”
बंद के आह्वान के मद्देनजर पटना के निजी स्कूलों को पहले ही बंद करवा दिया गया था। बंद से रेल सेवा को मुक्त रखा गया था फिर भी कई स्टेशनों पर बंद समर्थकों ने रेलगाड़ियां रोकीं।
इस क्रम में कई स्थानों पर बंद समर्थकों द्वारा उत्पात मचाए जाने की खबर है। बंद समर्थकों ने वाहनों के शीशे तोड़ दिए तथा राहगीरों के साथ मारपीट की। कई स्थानों पर विपक्षी दलों के पोस्टरों को निशाना बनाया गया।
राजद के इस बंद को सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) का समर्थन प्राप्त था।
इधर, राजद के बंद को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने असफल करार देते हुए कहा कि इस बंद के दौरान ‘जंगलराज’ के जख्म हरे हो गए और राजद-जद (यू) गठबंधन का चरित्र भी लोगों के सामने आ गया।
बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने कहा कि इस बंद के दौरान जिस तरह बंद समर्थकों द्वारा सड़क पर आतंक मचाया गया, उससे राजद-जद (यू) गठबंधन का चरित्र सामने आ गया। उन्होंने कहा कि इस बंद से लोगों को यह भी समझ आ गया कि अगर ये गठबंधन फिर सत्ता में आया तो यही सब कुछ झेलना होगा।
इधर, पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बंद के दौरान पूरे बिहार में उत्पात मचाया गया] जिससे जंगलराज के जख्म हरे हो गए। उन्होंने आरोप लगाया कि बंद को सफल बनाने में सरकारी तंत्र भी लगा रहा। सरकारी बसों को भी बंद रखा गया।
मोदी ने कहा, “लाठी के बल पर दहशत फैलाकर राज्य के लोगों की जिन्द्गी की रतार रोक दी गई। लोगों के साथ मारपीट की गई, परंतु सरकार बंद समर्थकों से उन लोगों की हिफाजत नहीं कर पाई।”
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