पटना| बिहार में पिछले सप्ताह तक सूखे जैसे हालात थे, लेकिन अब प्रदेश के सैकड़ों गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि प्रदेश तथा नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रों में बीते गुरुवार से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है।(bihar floods hindi news)
राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश से कोसी, गंडक, गंगा, बागमती व अन्य नदियों के जलस्तर में वृद्धि हुई है। खतरे के मद्देनजर हजारों लोगों ने अपना घर छोड़ना शुरू कर दिया है।
विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि जल संसाधन विभाग ने बाढ़ के प्रति संवेदनशील जिलों खासकर नेपाल की सीमा से सटे जिलों में हाई अलर्ट जारी कर दिया है। ऐसा सैकड़ों गांवों में पानी घुसने तथा कई नदियों में जलस्तर के बढ़ने के कारण किया गया है।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने यहां कहा कि उत्तर बिहार में गुरुवार को रिकॉर्ड 200 मिलीमीटर, जबकि शुक्रवार को 175 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
अधिकारियों के मुताबिक, नदियों का जलस्तर बढ़ने से कई जगहों पर बांधों पर दबाव बढ़ गया है।
रपटों के मुताबिक सुपौल, मुजफ्फरपुर, सहरसा, मधेपुरा, भागलपुर, मुंगेर तथा पूर्णिया जिले में सैकड़ों लोग अपना घर छोड़ चुके हैं।
बिहार सरकार ने इंजीनियरों को अलर्ट रहने तथा हालात पर 24 घंटे निगरानी रखने को कहा है।
एक इंजीनियर ने कहा, “सभी इंजीनियरों को आवश्यक उपकरणों व बोल्डर के साथ किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने व बांधों की सुरक्षा करने को कहा है।”
अधिकारियों ने हालांकि कहा कि सभी बांध सुरक्षित हैं और आतंकित होने की जरूरत नहीं है।
इंजीनियर ने कहा कि पूर्वी कोसी बांध सुरक्षित है। साल 2008 में इसके टूटने से पांच जिलों में बाढ़ आ गई थी।
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