पटना| बिहार की राजनीति में तेजी से बदलते परिदृश्य में जनता परिवार में शामिल समाजवादी पार्टी (सपा) के अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट तेज हो गई है। (bihar latest news) कल तक जहां सत्ताधारी दल सहित तीन दलों के महागठबंधन और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा था, अब सपा भी संघर्ष करती दिखेगी।
सपा के महासचिव रामगोपाल यादव ने लखनऊ में बयान जारी कर तीसरा मोर्चा के संकेत दिए हैं। उन्होंने बिहार में सपा के अकेले ही चुनाव लड़ने की घोषणा की है। पहले सपा को महागठबंधन में शामिल मानते हुए तीन सीटें और फिर पांच सीटें देने का ऐलान किया गया था।
महागठबंधन में मुख्य रूप से सत्तारूढ़ जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के सीट बंटवारे में तीन सीटें दिए जाने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पहले ही नाराजगी जाहिर करते हुए अलग राह पकड़ने की घोषणा कर दी है। अब सपा भी महागठबंधन में महत्व न दिए जाने से नाराज होकर अलग वजूद कायम करने के संकेत दे दिए हैं।
इधर, राजद से निष्कासित सांसद पप्पू यादव ने भले ही नई पार्टी जन अधिकार मोर्चा बना ली हो, लेकिन उन्हें भी किसी साथी की तलाश है।
तीसरा मोर्चा बनाए जाने के विषय में राकांपा के नेता और सांसद तारिक अनवर कहते हैं कि अगर सपा तैयार होगी तो उसके साथ मिलकर चुनाव लड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, “सामान्य विचारधारा वाली पार्टियों को बिहार में एकजुट किया जाएगा।”
अनवर कहते हैं कि इसके लिए वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से बात करेंगे।
इधर, सपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष रामचंद्र सिंह यादव भी कहते हैं कि कई पार्टियां सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।
उन्होंने कहा, “बिहार में सभी सामान्य विचारधाराओं वाली पार्टियों से बात की जाएगी और सम्मानजनक तरीके से मिलकर चुनाव मैदान में उतरा जाएगा।”
पप्पू यादव इस मसले पर तो खुलकर कुछ भी नहीं बोलते, मगर इतना जरूर कहते हैं कि बिहार के हित की बात करने वाले और लालू व नीतीश को हराने के लिए वह किसी भी दल से गठबंधन कर सकते हैं। यादव हालांकि यह भी कहते हैं कि पार्टी अकेले भी चुनाव लड़ने को तैयार है।
राजनीति के जानकारों का कहना है कि अगर बिहार चुनाव में तीसरा ‘कोण’ बनता है तो वह सबसे ज्यादा महागठबंधन को ही चुभेगा।
बिहार की राजनीति को गहराई से जानने वाले वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र किशोर कहते हैं कि महागठबंधन से सपा के अलग हो जाने के बाद बदली परिस्थितियों में बिहार चुनाव में तीसरे मोर्चे के दाखिल होने की उम्मीद बढ़ गई है, और अगर ऐसा होता है तो चुनाव में काफी हद तक ‘त्रिकोणात्मक संघर्ष’ की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि ये दल भी गठबंधन के सहारे ही चुनावी नैया पार करने के जुगाड़ में होंगे, इस कारण बिहार चुनाव में तीसरे मोर्चे की उम्मीद बढ़ी है।
किशोर कहते हैं, “राकांपा, सपा और पप्पू यादव की पार्टी की कुछ खास क्षेत्रों में अच्छी पकड़ है। इन स्थानों पर संघर्ष त्रिकोणत्मक होगा, इसमें कोई शक नहीं।”
उल्लेखनीय है कि मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी (सपा) उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ है, और पड़ोसी राज्य बिहार में वह अभी अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रही है।
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