Connect with us

गुजरात

गुजरात बंद के दौरान हिंसा, 5 मरे, 100 घायल, सेना बुलाई गई

Published

on

अहमदाबाद| गुजरात में शिक्षा और नौकरियों में पटेल समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर राज्यव्यापी बंद के दौरान बड़े पैमाने पर हिंसा हुई। (gujrat hindi news) बंद का आह्वान पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति ने किया था। इस दौरान भड़की हिंसा में पांच लोगों की मौत हो गई और सौ से ज्यादा लोग घायल हो गए। दंगा, आगजनी, पथराव और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान के बाद कई शहरों में सेना तैनात करने का फैसला किया गया। गुजरात राज्य पुलिस कंट्रोल पर तैनात एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, “अर्धसैनिक बलों की फायरिंग में अहमदाबाद में तीन और बनासकांठा में दो लोग मारे गए। दंगाइयों पर काबू पाने के लिए अर्धसैनिक बलों को गोली चलानी पड़ी।”

गुटों के बीच हुए संघर्ष और पथराव में 100 से अधिक लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों वाहन फूंक दिए गए हैं। सौ तो बसें ही फूंकी गई हैं।

सेना, सीआरपीएफ, राज्य आरपीएफ, आरएएफ और बीएसएफ की 133 कंपनियों को अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, जामनगर, मोरबी, वडोदरा, मेहसाणा और बनासकांठा में तैनात किया गया है। राज्य पुलिस की पूरी ताकत भी इनके साथ हालात पर काबू पाने में लगी हुई है।

सेना और अर्ध सैनिक बलों ने अलग-अलग शहरों के दंगा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य दलों के वरिष्ठ नेताओं ने लोगों से शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। लेकिन, इनकी अपील का असर होता नहीं दिख रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा, “मंगलवार से जिस तरह का वातावरण महात्मा गांधी और सरदार पटेल की भूमि पर बन रहा है और जिस तरह से हिंसा हो रही है.. हम जानते हैं कि हिसा का कोई उद्देश्य नहीं है और एक साथ चलकर तथा साथ रहकर ही राज्य का विकास संभव है।”

उन्होंने कहा, “गुजरात के सभी भाई और बहनों से यह मेरा विनम्र अुनरोध है कि वे शांति बनाए रखें क्योंकि हर मुद्दा बातचीत से ही सुलझ सकता है। हमें लोकतंत्र की भावना का पालन करना चाहिए और सभी मुद्दे सुलझाने चाहिए तथा गुजरात को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहिए।”

अहमदाबाद में सुरक्षा बलों की 49 कंपनियां तैनात की गई हैं। यहां मंगलवार को पटेल समुदाय की रैली में 12 लाख से अधिक लोग पहुंचे थे।

सूरत में सुरक्षा बलों की 10 कंपनियां तैनात की गई हैं। शहर में बड़े पैमाने पर आगजनी और लूटपाट की घटनाएं हुई हैं।

कई शहरों में लगा कर्फ्यू भी बवाल को रोक नहीं सका। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने बताया कि शहर में रात का कर्फ्यू बुधवार को भी जारी रहेगा।

अहमदाबाद और हिंसा प्रभावित तमाम शहरों में स्कूल-कॉलेज गुरुवार को भी बंद रहेंगे।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पीएएएस) के संयोजक 22 साल के हार्दिक पटेल मंगलवार देर शाम पटेल समुदाय को आरक्षण देने की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए थे। इसके बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

दो घंटे बाद हिरासत से छूटने पर हार्दिक ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की थी और सरकार को मांगें मानने के लिए 48 घंटे का वक्त दिया था। उन्होंने बुधवार को बंद का आह्वान किया।

हार्दिक पर पुलिस की कार्रवाई की खबर जंगल में आग की तरह फैली, जिसके विरोध में गुस्साए पटेलों ने राज्य में अलग-अलग जगहों पर सार्वजनिक और निजी संपत्तियों में तोड़फोड़ शुरू कर दी।

अहमदाबाद में कम से कम दो कैबिनेट मंत्रियों के घरों पर भी हमला किया गया। एक पुलिस चौकी फूंक दी गई।

पुलिस ने अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, मेहसाणा, उंझा और विजनगर में कर्फ्यू लगाकर हालात पर काबू पाने की कोशिश की।

मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह से बात की है और हिंसा की जांच का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि हिंसा के दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।

गुजरात

भारतीय सीमा से लगे चीन के 680 गांव ‘चिंता का विषय’: विशेषज्ञ

Published

on

गांधीनगर। ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल के सलाहकार बोर्ड ने एक चौंकाने वाले खुलासे में जानकारी दी है कि चीन ने भारत के साथ अपनी सीमा पर 680 ‘जियाओकांग’ (समृद्ध या संपन्न गांव) बनाए हैं। ये गांव भारतीय ग्रामीणों को एक बेहतर चीनी जीवन की ओर आकर्षित करने के लिए हैं, ये भी बीजिंग के लिए अतिरिक्त आंख और कान के रूप में काम करने वाले हैं।

“चीन ने लगभग 680 जि़याओकांग का निर्माण किया है, जिसे वे अपनी सीमाओं पर और भूटान की सीमाओं पर गांव कहते हैं। इन गांवों में उनके लोग रहते हैं और स्थानीय भारतीय आबादी को प्रभावित करते हैं कि चीनी सरकार कितनी अच्छी है।
ग्लोबल काउंटर टेररिज्म काउंसिल के सलाहकार बोर्ड के एक सदस्य कृष्ण वर्मा ने आईएएनएस को बताया, “ये उनकी ओर से खुफिया अभियान, सुरक्षा अभियान हैं। वे ‘लोगों को भारत विरोधी बनाने’ की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए हम अपने पुलिस कर्मियों को इन प्रयासों के बारे में प्रशिक्षण दे रहे हैं और उन्हें उनकी हरकतों का मुकाबला करने के लिए संवेदनशील बना रहे हैं।”
भारत सरकार (जीओआई) के पूर्व विशेष सचिव वर्मा शुक्रवार को गांधीनगर में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) में 16 परिवीक्षाधीन उप अधीक्षकों (डीवाईएसपी) के लिए 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के अवसर पर एक कार्यक्रम में थे। वह आरआरयू में मीडिया के साथ एमेरिटस रिसोर्स फैकल्टी, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल कोऑपरेशन, सिक्योरिटी एंड स्ट्रैटेजिक लैंग्वेजेज भी हैं।
वर्मा ने कहा, “इसलिए आरआरयू ने अरुणाचल प्रदेश पुलिस के लिए एक विशेष दर्जे का पाठ्यक्रम तैयार किया है, ताकि घुसपैठ के चीनी प्रयासों का मुकाबला किया जा सके। आरआरयू डिजाइन किया गया कार्यक्रम पूर्वोत्तर राज्य की जरूरतों के लिए खास है और अरुणाचल प्रदेश डीजीपी आरपी उपाध्याय के परामर्श से बनाया गया था, जो दो महीने पहले गुजरात आए थे।”
आरआरयू सत्रों ने कर्मियों को न केवल फोरेंसिक और जांच तकनीकों में प्रशिक्षित किया, बल्कि डार्क वेब, साइबर अपराध और अपराध स्थल प्रबंधन, इंटरनेट बैंकिंग, धोखाधड़ी, फर्जी समाचार का पता लगाने, चीनी और पूर्वोत्तर में पुलिस अधिकारियों के लिए आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों का परिचय भी दिया।
वर्मा ने आगे कहा, “वे (चीनी) प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में बहुत उन्नत हैं, विशेष रूप से इंटरनेट और सोशल मीडिया। वे भारत के लोगों को गुमराह करने के लिए, झूठी खबरें फैलाने के लिए सोशल नेटवकिर्ंग साइटों का उपयोग कर रहे हैं। इसलिए हमने उन्हें ये सिखाया। पूर्वोत्तर सीमा क्षेत्र हैं बहुत संवेदनशील है और उनके लिए तोड़फोड़ के ऐसे प्रयासों के बारे में जानना नितांत आवश्यक है।”
साथ ही वर्मा ने यह भी कहा, “हम उन्हें मंदारिन (चीनी भाषा) भी सिखा रहे हैं क्योंकि घुसपैठ करने वाले लोग इसे बोलते हैं। विश्वविद्यालय ने एक साल का पाठ्यक्रम तैयार किया है जो भाषा का बुनियादी ज्ञान देता है। भविष्य में आरआरयू की भी योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल मार्गदर्शन में, पोस्ट ग्रेजुएशन के पांच साल के पाठ्यक्रम के साथ आने वाले हैं, जहां वे अपनी संस्कृति, इतिहास, उनकी जरूरतों, आदतों, उनकी नीतियों को समझेंगे।”

Continue Reading

गुजरात

हार्दिक पटेल ने गुजरात के सीएम से पाटीदारों के खिलाफ मामले वापस लने की मांग की

Published

on

गांधीनगर। पाटीदार नेता और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने 2015 में पाटीदार आंदोलन से संबंधित लंबित मुद्दों और मांगों को उठाते हुए गुजरात के नवनियुक्त मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल को पत्र लिखा है, जो पाटीदार समुदाय से हैं। पत्र में हार्दिक पटेल ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस)से जुड़े विभिन्न लंबित मुद्दों को लेकर अपनी पूर्व की मांगों को दोहराया है।

हार्दिक पटेल ने पत्र में लिखा, “अगर आरक्षण आंदोलन (उनके नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति द्वारा शुरू किया गया) अनुचित था, तो सरकार को आरक्षण का प्रावधान नहीं करना चाहिए था। उन्होंने राजद्रोह के आरोपों सहित अपने खिलाफ दर्ज करीब 28 मामलों का भी जिक्र किया। उन्होंने पत्र में कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी के खिलाफ राजद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता है।  गुजरात में जुलाई 2015 में शुरू हुए पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद 438 मामले दर्ज किए गए। उस आंदोलन के दौरान चौदह पाटीदार युवाओं की जान चली गई थी।
हार्दिक पटेल ने पत्र में कहा कि पीएएएस आंदोलन के बाद गुजरात सरकार के गृह विभाग ने 391 मामले वापस लेने का वादा किया था, लेकिन यह आश्वासन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। पटेल ने कहा कि उनके आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने पिछड़ी सवर्ण जातियों के लिए 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी। हार्दिक पटेल ने कहा कि यह साबित करता है कि आरक्षण आंदोलन गलत नहीं था। गुजरात सरकार को नैतिक रुख अपनाते हुए पाटीदारों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना चाहिए।
उन्होंने पत्र में कहा कि सरकार ने अभी भी पाटीदार आंदोलन के दौरान मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों के लिए नौकरी जैसी हमारी मांगों को पूरा नहीं किया है। पत्र में यह भी कहा गया है कि यह पाटीदार समाज के साथ विश्वासघात है। राज्य में एक करोड़ से अधिक पाटीदार हैं जो गुजरात के सामाजिक-आर्थिक और शैक्षिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

Continue Reading

गुजरात

गुजरात में आज होगा मंत्रिमंडल का विस्तार, इन नए चेहरों को मिल सकती है कैबिनेट में एंट्री

Published

on

गांधीनगर। गुजरात के सीएमओ के बुधवार को किए गए एक ट्वीट के मुताबिक, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात के नए मंत्रिमंडल का शपथ ग्रहण समारोह गुरुवार दोपहर 1.30 बजे राजभवन में होगा।

राज्य में अगले साल होने वाले चुनावों में चुनावी जीत के लिए भाजपा पाटीदार पटेल पर भरोसा कर रही है।
घाटलोदिया से पहली बार विधायक भूपेंद्र पटेल ने सोमवार को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। रविवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में उन्हें सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया।
कयास लगाए जा रहे हैं कि भूपेंद्र पटेल की कैबिनेट में सभी नए चेहरे होंगे। यह भी संभावना है कि युवा विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक सभी मौजूदा चेहरों को बाहर किए जाने की संभावना है।गुरुवार को शपथ ग्रहण से पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने बुधवार को गांधीनगर स्थित अपने आवास पर एक के बाद एक बैठक की।

Continue Reading

Trending

%d bloggers like this: