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हिमाचल प्रदेश

हिमाचल में सेब उत्पादन बढ़ने की उम्मीद

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शिमला| हिमाचल प्रदेश में इस बार बेहतर सेब उत्पादन की उम्मीद की जा रही है। (himachal pradesh hindi news) बागवानी विशेषज्ञों का अनुमान है कि 3.75 करोड़ पेटी या 7,50,000 टन सेब का उत्पादन हो सकता है। एक पेटी 20 किलोग्राम का होता है।

इस साल के सेब का आकार थोड़ा छोटा है, क्योंकि अप्रैल में मौसम प्रतिकूल था। यह सेब के पेड़ों में फूल लगने का समय होता है।

बागवानी निदेशक डी.पी. बंगालिया ने कहा, “3.75 करोड़ पेटी सेब टूटने की उम्मीद है, जो करीब 7,50,000 टन रह सकता है। गत वर्ष उत्पादन करीब 2.9 करोड़ पेटी रही थी।”

उन्होंने कहा कि शुरुआती किस्मों की तोड़ाई शुरू हो चुकी है और ये फल चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और कर्नाटक के बाजार में पहुंच रहे हैं।

उन्होंने कहा कि गत महीने तक 10 लाख से अधिक पेटियां बिक चुकी हैं।

राज्य में मुख्यत: शिमला, कुल्लू, मंडी, लाहौल-स्पीति, किन्नौर और चंबा जिले में सेब की खेती होती है।

आम तौर पर राज्य में 2.5 करोड़ पेटियां या पांच लाख टन सेब हर साल टूटते हैं। 2010-11 में हालांकि रिकार्ड 8,92,000 टन सेब टूटे थे।

यहां पास स्थित ढल्ली बाजार के व्यापारियों ने कहा कि सेब थोड़ा छोटा है, लेकिन कीमत अधिक है।

एक व्यापारी प्रताप चौहान ने कहा, “अभी निचले इलाकों से सेब आ रहे हैं। रोज करीब 20 हजार पेटियां आ रही हैं। ज्यादातर सेब दिल्ली भेजा जा रहा है।”

उन्होंने कहा कि पहाड़ों पर बारिश होने के कारण आपूर्ति कम है।

चौहान ने कहा, “दिल्ली में मांग अच्छी है। छोटे आकार और बेरंग होने के बाद भी बेहतर कीमत मिल रही है।”

ऊपरी शिमला के जुब्बल के किसान जगदीश मंता ने कहा कि शिमला के निचले इलाकों में ही अभी सेब तोड़े जा रहे हैं। मध्यम ऊंचाई पर उन्नत किस्मों के सेब के सही आकार और रंग में पहुंचने में करीब दो सप्ताह और लगेगा।

थोड़ी कमतर गुणवत्ता वाली रेड जून, समर क्वीन और टाइडमैन अर्ली वर्सेस्टर जैसी शुरुआती किस्में अभी बाजार में पहुंच रही हैं।

रॉयल डिलीशियस, रेड चीफ, सुपर चीफ, ओरेगांव स्पर और स्कारलेट स्पर जैसी उन्नत किस्में बाजार में आनी शुरू हो गई हैं, लेकिन इनकी आपूर्ति मध्य अगस्त तक बढ़ेगी।

रॉयल डिलीशियस किस्म अभी ढल्ली में 1,800 रुपये प्रति पेटी बिक रही है, जो गत वर्ष के मुकाबले 400 रुपये अधिक है। गोल्डेन किस्म की कीमत 500-700 रुपये है, जो गत वर्ष करीब 400 रुपये थी।

दिल्ली और चण्डीगढ़ की थोक मंडी में पेटियों की कीमत 50-100 रुपये बढ़ जाती है।

राज्य के 2014-15 के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक, सेब उत्पादन 2013-14 में 7,39,000 टन, 2012-13 में 4,12,000 टन और 2011-12 में 2,75,000 टन रहा था।

राज्य में सेब मध्य अक्टूबर तक टूटेंगे।

देश

नवरात्रि शुरू होते ही हिमाचल के मंदिरों में उमड़े श्रद्धालु

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शिमला । हिंदुओं द्वारा शुभ अवधि माने जाने वाले नौ दिवसीय नवरात्रि की शुारुआत पर गुरुवार को सैकड़ों भक्त हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में एकत्र हुए और पूजा-अर्चना की। लेकिन मंदिरों में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए कोविड-19 का टीकाकरण जरूरी है। उत्तर भारत के सबसे व्यस्त मंदिरों में से एक, बिलासपुर जिले में पहाड़ी की चोटी पर स्थित नैना देवी मंदिर में पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अधिकांश तीर्थयात्री आए।

ऊना जिले के चिंतपूर्णी के लोकप्रिय मंदिरों और कांगड़ा जिले के ज्वालाजी और ब्रजेश्वरी देवी मंदिरों में भारी भीड़ देखी गई।
नैना देवी मंदिर के एक अधिकारी ने आईएएनएस को फोन पर बताया, “हम नवरात्रि के दौरान प्रतिदिन 25,000 से 30,000 भक्तों के आने की उम्मीद कर रहे हैं।”
अधिकारियों ने कहा कि केवल उन भक्तों को, जिनके पास अंतिम टीकाकरण प्रमाण पत्र या आरटी-पीसीआर नकारात्मक रिपोर्ट है, जो 72 घंटे से अधिक पुराने नहीं हैं, उन्हें राज्य भर के मंदिरों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। भक्त ब्रजेश्वरी देवी, नैना देवी, चिंतपूर्णी और ज्वालाजी मंदिरों के ऑनलाइन लाइव “दर्शन” कर सकेंगे। वे मंदिरों के लिए ऑनलाइन पेशकश करने में भी सक्षम होंगे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि सभी प्रमुख मंदिरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और क्लोज सर्किट टेलीविजन (सीसीटीवी) कैमरे लगाए गए हैं। महोत्सव का समापन 15 अक्टूबर को होगा।

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देश

तिब्बती स्कूलों को एनजीओ को न सौंपें – हिमाचल मंत्री

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शिमला । हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को पत्र लिखकर केंद्रीय तिब्बती स्कूलों को किसी एनजीओ को नहीं सौंपने और उन्हें केंद्रीय विद्यालय संगठन के दायरे में लाने का आग्रह किया है। पत्र में, भारद्वाज ने भारतीय छात्रों के भविष्य को सुरक्षित रखने को ध्यान में रखते हुए इन स्कूलों को केंद्रीय विद्यालय के रूप में बदलने की सिफारिश की।

उन्होंने कहा कि 2013 में सभी केंद्रीय तिब्बती स्कूलों को निजी एनजीओ- धर्मशाला स्थित संभोता तिब्बती स्कूल सोसायटी को सौंपने का निर्णय लिया गया था।
उन्होंने कहा कि इन स्कूलों में पढ़ने वाले तिब्बती छात्रों की संख्या भारतीय छात्रों की तुलना में नगण्य है।
भारद्वाज ने कहा, “इसके अलावा, तिब्बती उन क्षेत्रों में अपने स्वयं के प्रशासित स्कूल चला रहे हैं जहां वे अपने छात्रों को समायोजित कर सकते हैं, अगर इन स्कूलों को तिब्बती एनजीओ को सौंप दिया जाता है तो भारतीय छात्रों के पास स्कूलों को छोड़ने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचेगा।”

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देश

भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना 2 सितंबर को धर्मशाला दौरे पर

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धर्मशाला । भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना 02 सितंबर को कांगड़ा प्रवास पर रहने वाले है।

भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना कल प्रातः 11 बजे धर्मशाला मंडल के त्रिदेव प्रशिक्षण वर्ग के उद्घाटन सत्र को संबोधित करेंगे । उसके उपरांत भाजपा प्रभारी धर्मशाला में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करने जा रहे है।
शाम को अविनाश राय खन्ना एक बूथ स्तर की बैठक में भाग लेंगे जिसके बाद वो धर्मशाला के विधायक, नगर निगम के मेयर , डिप्टी मेयर और पार्षदों के साथ बैठक करने जा रहे है। यह सभी बैठकें पार्टी के दृष्टि से महत्वपूर्ण रहने वाली है, धीरे धीरे भाजपा 2022 का रोड मैप तैयार कर रही है।
3 सितंबर को भाजपा प्रभारी केंद्रीय विश्वविद्यालय में एक सत्र को संबोधित करेंगे।
भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का धन्यवाद करते हुए कहा कि हमारा समस्त नेतृत्व टोक्यो पैरालंपिक -2020 में गए पैरा एथलीटस का मनोबल लगातार बढ़ा रहे है ।
उन्होंने कहा कि मैं उन सभी प्रदेशों का भी धन्यवाद करना चाहता हूं जिन्होंने सभी जीत हासिल करने वाले पैरा एथलीट को पुरुस्कारो से नवाज़ा है। उन्होंने कहा कि अभी तक टोक्यो पैरालंपिक -2020 में भारत ने कुल 10 पदक जीते है जिसमे से 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 3 ब्रोंज है।

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