शिमला| शिमला के प्रमुख सेब क्षेत्र में विश्वबैंक द्वारा वित्त पोषित एक सड़क का निर्माण कर रही एक निजी कंपनी के अधिकारियों को हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आठ सितंबर को न्यायालय में पेश होने का सोमवार को नोटिस जारी किया।
न्यायालय ने चड्ढा एंड चड्ढा कंस्ट्रक्शन कंपनी को निर्देश दिया कि इस मामले में न्यायालय द्वारा समय-समय पर पारित निर्देशों का पालन किया जाए। (himachal pradesh hindi news, ) मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मंसूर अहमद मीर और न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान की खंडपीठ ने ठियोग-हटकोटि-रोहरू मार्ग के निर्माण में विलंब पर दाखिल एक सार्वजनिक याचिका पर यह आदेश पारित किया।
न्यायालय ने राज्य सरकार को भी यह निर्देश दिया कि न्यायालय द्वारा नियुक्त दो सदस्यीय समिति द्वारा सौंपी गई ताजा रपट में दिए गए सुझावों पर अपना जवाब दाखिल करे।
न्यायालय ने पिछले वर्ष दिसंबर में स्वत: संज्ञान लिया था और याचिका को एक सार्वजनिक याचिका माना था, लेकिन याचिकाकर्ता नरेंद्र बरागटा को मामले से अलग कर दिया था, क्योंकि वह एक पूर्व मंत्री हैं। बरागटा पूर्व की भाजपा सरकार में बागवानी मंत्री थे।
याचिका में राज्य सरकार से यह निर्देश देने की मांग की गई है कि 80 किलोमीटर लंबा ठियोग-कोटखाई-हटकोटि- रोहरू मार्ग निर्धारित समय सीमा एक जून, 2016 से पूर्व समुचित तरीके से बनकर तैयार हो जाए।
You must be logged in to post a comment Login