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मध्यप्रदेश

मप्र रेल हादसा : 27 शव बरामद, राज्य सरकार ने की सहायता की घोषणा

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भोपाल| मध्य प्रदेश के हरदा जिले में मंगलवार रात दो रेल गाड़ियों की 21 बोगियां पटरी से उतर गईं, जिनमें से छह बोगियां काली माचक नदी में गिर गई। (train accident in madhya pradesh) हादसे में कई लोगों की मौत हुई है। 27 यात्रियों के शव बरामद कर लिए गए है। रेल प्रशासन ने जांच के आदेश दिए हैं, वहीं मध्य प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को संवाददाताओं को बताया, “काली माचक नदी के करीब यह हादसा रेल पटरी के नीचे की मिट्टी खिसक जाने के कारण हुआ। यह मिट्टी भारी बारिश के कारण खिसकी। हादसे में मारे गए 27 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं।”

चौहान ने बताया, “दोनों रेल गाड़ियों की कुल 21 बोगियां पटरी से उतरीं। कई शव घटनास्थल से पांच किलो मीटर दूर मिले। हो सकता है कि बोगी में पानी भरने से अथवा जान बचाने की कोशिश में वे पानी के साथ बह गए हों। राज्य सरकार मृतकों के परिजनों दो-दो लाख रुपये, गंभीर रूप से घायल यात्रियों को 50-50 हजार रुपये और सामान्य रूप से घायल यात्रियों को 10-10 हजार रुपये की सहायता देगी।”

चौहान ने बताया, “हादसे को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मेादी और रेल मंत्री सुरेश प्रभु से चर्चा की है। राहत व बचाव के काम में विभिन्न दल लगे हुए हैं, वहीं सेना से भी मदद मांगी गई है। उन्होंने किसी बांध से पानी छोड़े जाने की बात से इंकार करते हुए कहा कि भारी बारिश के कारण मिट्टी का कटाव हुआ।”

गौरतलब है कि रेल हादसा पाश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल-खंडवा रेल खंड पर हरदा जिले के खिरकिया-हरदा रेल्वे स्टेशन के बीच पड़ने वाली काली माचक नदी के पुल पर हुआ। मुम्बई से वाराणसी जा रही गाड़ी संख्या 11071 कामायानी एक्सप्रेस इस पुल से गुजरने के दौरान मंगलवार देर रात दुर्घटना का शिकार हो गई। इस रेलगाड़ी के चार डिब्बे काली माचक नदी के पुल पर से गुजरते समय पटरी से उतरकर नदी के गिर गए।

एक अन्य रेलगाड़ी गाड़ी संख्या 13201 जनता एक्सप्रेस के दो डिब्बे भी पटरी से उतरकर नदी में गिर गए। यह रेलगाड़ी बिहार में पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल से मुंबई जा रही थी।

पश्चिम मध्य रेल्वे के भोपाल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी आई. बी. सिद्दीकी ने बुधवार को आईएएनएस को बताया कि कामायनी और जनता एक्सप्रेस रेलगड़ियों के छह डिब्बे पटरी से उतरकर नदी में डूब गए, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई। रेल प्रशासन ने हादसे की जांच के आदेश दिए है। जांच का जिम्मा मुंबई में रेलवे सुरक्षा आयुक्त को सौंपा गया है।

कामायनी एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे यात्रियों ने भोपाल में संवाददाताओं को बताया कि काली माचक नदी के पुल से पहले उन्हें जोरदार झटका सा लगा और बोगी संख्या एस चार के बाद की कई बोगियां पटरी से उतरकर नदी में जा गिरी। इस गाड़ी का बहुत बड़ा हिस्सा पुल को पार कर चुका था, उसके बाद यह हादसा हुआ। कई यात्रियों ने पानी से निकलकर अपनी जान बचाई। इस गाड़ी के शेष हिस्से को वाराणसी की ओर रवाना कर दिया गया है।

यात्रियों ने बताया कि घटनास्थल का नजारा ऐसा था कि मानो उनके चारों तरफ सिर्फ पानी ही पानी हो। एक यात्री ने बताया कि उसकी बोगी में भी कई फुट तक पानी भर गया था और वह किसी तरह अपनी जान बचा पाया है। उस बोगी में और भी कई यात्री थे, बाकी का क्या हुआ, इसकी उसे जानकारी नहीं है।

बिहार में पटना स्थित राजेंद्र नगर टर्मिनल से मुम्बई जा रही जनता एक्सप्रेस का इंजन और दो डिब्बे भी ठीक इसी स्थान पर पटरी से उतरकर नदी में गिर गए।

हादसे की जानकारी मिलने के बाद प्रशासन, पुलिस और रेलवे का अमला घटनास्थल पर पहुंच चुका है, जिसके बाद राहत एवं बचाव कार्य जारी हैं। राहत एवं बचाव कार्य में ग्रामीण भी सहयोग कर रहे हैं। पानी में डूबे डिब्बों में यात्रियों की तलाश की जा रही है। गोताखोर नदी के पानी में लापता यात्रियों की भी तलाश कर रहे हैं। स्वास्थ्य दल भी मौके पर पहुंच गए हैं। सेना के राहत एवं बचाव दल को भोपाल से घटनास्थल पर भेज दिया गया है।

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संघ की तुलना ‘दीमक’ से की

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इंदौर । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना दीमक से की है। इंदौर में युवक कांग्रेस के कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा, “आप ऐसे संगठन से लड़ रहे हैं, जो ऊपर से नहीं दिखता। जैसे घर में दीमक लगती है, यह उसी तरह से काम करता है।”

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, “मैं समझता हूं कि जब यह कहूंगा, तो सबसे ज्यादा गालियां खाऊंगा, क्योंकि मैंने आरएसएस की तुलना दीमक से की है।”
उन्होंने कहा कि संघ रजिस्टर्ड संस्था नहीं है। इसकी सदस्यता नहीं है, कोई अकाउंट नहीं है। संघ का कोई कार्यकर्ता जब आपराधिक कृत्य में पकड़ा जाता है, तो वे कहते हैं कि हमारा सदस्य ही नहीं है। यह ऐसा संगठन है, जो गुपचुप और छुपकर काम करता है। ये लोग केवल कानाफूसी करते हैं और गलत भावना फैलाते हैं। कभी आंदोलन नहीं करते और न ही किसी की समस्या के लिए लड़ते हैं।
उन्होंने सीधे तौर पर संघ पर हमला करते हुए कहा, “आरएसएस की विचारधारा नफरत की है। हिंदुओं को खतरा दिखाकर डर पैदा करो और डर पैदा करके बताओ कि हम ही तुम्हारी रक्षा कर सकते हैं, बाकी कोई नहीं कर सकता। आज जब राष्ट्रपति से लेकर नीचे तक के पदों पर हिंदू हैं, तो फिर खतरा किससे है?”

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मानहानि मामले में मध्य प्रदेश की अदालत ने सीएम सहित दो अन्य को जारी किया नोटिस

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भोपाल। मध्य प्रदेश की एक जिला अदालत ने हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर मानहानि मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने चौहान के अलावा शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा को भी उसी मामले में नोटिस जारी किया है, जिसमें कांग्रेस नेता ने ओबीसी आरक्षण के संबंध में ‘गलत तथ्यों का प्रचार’ करके उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण मामले के बारे में कुछ टिप्पणियों को लेकर चौहान और दो अन्य के खिलाफ जबलपुर जिला अदालत में मामला दायर किया था। तन्खा ने कहा कि अदालत ने उनसे जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख 25 फरवरी तय की है।
तन्खा ने कहा कि “मुझे अपने वकील (वाजिद हेडर) से जानकारी मिली है कि 10 करोड़ के मूल्य के नुकसान के हमारे दावे में, जबलपुर कोर्ट ने मुख्यमंत्री और अन्य प्रतिवादी पक्षों को अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया है। अदालत मामले पर 25 फरवरी को सुनवाई करेगी। तब से, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को स्थानीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर मतदान प्रक्रिया पर रोक लगाने और सामान्य वर्ग के लिए उन सीटों को फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया। सरकार ने पंचायत चुनाव रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में तन्खा पर ओबीसी आरक्षण कोटा का विरोध करने का आरोप लगाया है।
यह तब शुरू हुआ, जब तन्खा स्थानीय कांग्रेस नेताओं द्वारा दायर एक याचिका के वकील के रूप में पेश हुए, जिसमें 2014 के रोटेशन और आरक्षण के आधार पर राज्य में पंचायत चुनाव कराने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के अध्यादेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राज्य में समुदाय (ओबीसी) को आरक्षण प्रदान करने में बाधा उत्पन्न करने के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए। राज्य विधानसभा के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान ओबीसी मुद्दे पर घंटों बहस हुई थी।

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सावित्रीबाई फुले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने याद किया

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भोपाल। छुआछूत मिटाने, विधवा विवाह कराने और महिलाओं को शिक्षित करने का अभियान चलाने वाली सावित्रीबाई फुले कि आज सोमवार को जयंती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने महान समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
सावित्री बाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया, जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह कराना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। सावित्रीबाई फुले ने 3 जनवरी 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की 9 छात्राओं के साथ महिलाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की । लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी।
सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ स्वयं पढ़ी अपितु दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया। दस मार्च 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया।

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