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मध्यप्रदेश

मप्र रेल हादसा : आंखों के सामने डूब गई जीवन संगिनी!

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हरदा| अजय कुमार का रो-रो कर बुरा हाल है। वह बिहार से हैं। जीवन की गाड़ी को रफ्तार देने मुंबई के लिए निकले थे।(mp railway accident hindi news) मगर मध्य प्रदेश के हरदा जिले में हुए रेल हादसे में उनकी जीवन की गाड़ी को ब्रेक लग गया। जीवन संगिनी कंचन बाई आंखों के सामने पानी में डूबती रही और वह चाहकर भी उसे बचाने का साहस नहीं जुटा पाए।

अजय जैसे और भी कई लोग हैं, जिन्होंने अपने परिजनों को मौत के मुंह में समाते देखा है।

अजय कुमार और पत्नी कंचन बाई अपनी बिटिया के साथ राजेंद्र नगर पटना से मुम्बई के लिए जनता एक्सप्रेस में सवार हुए थे। गाड़ी में उनकी यात्रा आरामदायक थी, सभी प्रसन्न थे, मगर पश्चिम मध्य रेलवे के भोपाल-खंडवा रेल खंड के हरदा जिले के खिरकिया-हरदा रेलवे स्टेशन के बीच पड़ने वाली काली माचक नदी के पुल पर गाड़ी के पहुंचते ही हालात बदल गए। गाड़ी में जोर से झटका लगा और कुछ ही देर में बचाओ-बचाओ के शोर के बीच जान बचाने के लिए अफरा-तफरी मच गई।

अजय रात का मंजर याद कर सिसकने लगते हैं, उनकी आंखों से आंसू की धारा बह निकलती है।

उन्होंने संवाददातओं से कहा, “यात्रा के दौरान सब कुछ सामान्य था। कोई सो रहा था, कोई सोने की तैयारी में था, तभी अचानक गाड़ी में झटका लगा और डिब्बे पलट गए। कुछ समझ पाते इससे पहले डिब्बे में पानी भरने लगा, बिटिया को लेकर डिब्बे से बाहर आया। बाहर आकर खिड़की से देखा कि पत्नी कंचन पानी में फंसी है, वह बाहर आने की कोशिश कर रही है, मगर उसे सफलता नहीं मिल रही।”

अजय जोर से रो पड़ते हैं, कहते हैं, “उन्होंने कंचन को पानी में लगातार डूबते देखा, चाहते थे कि किसी तरह उसे बचा लें, मगर डिब्बे के अंदर घुस कर उसे बचाने का साहस नहीं जुटा पाए। पत्नी को पानी में डूबकर मरते देखा। अब बिटिया बची है, जो अपनी मां को याद कर रोए जा रही है।”

अजय से मिलती-जुलती कहानी मालेगांव की मीरा बाई की है। मीरा अपनी चाची मथुरा बाई के साथ मुम्बई से कामायनी एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थी। मीरा बाई बताती है, “गाड़ी में जोर से झटका लगा और लोग चिल्लाने लगे। गाड़ी पलट रही है, भगदड़ सी मच गई। डिब्बे से नीचे उतरने वालों के साथ हो गई। अपनी चाची को भी पुकारा और लोगों से मदद मांगी, मगर लोगों ने कहा कि पहले आप उतरिए, चाची को हम लोग उतारते हैं, फिर पानी के बीच चाची कहां गई कुछ पता नहीं है।”

हरदा के करीब काली माचक नदी के पुल से गुजरते समय मंगलवार रात मुम्बई से वाराणसी की ओर जा रही गाड़ी संख्या 11071 कामायनी एक्सप्रेस अनियंत्रित हो गई और उसकी सात बोगियां पटरी से उतर गईं। इनमें से चार नदी के पानी में जा समाईं।

इस हादसे के बाद दूसरी ओर से राजेंद्र नगर पटना से मुम्बई जा रही गाड़ी संख्या 13201 जनता एक्सप्रेस का इंजन और दो बोगियां पटरी से उतरकर नदी के पानी में डूब गईं।

जहां यह हादसा हुआ, नदी में पानी का बहाव बहुत तेज था, और कई लोगों का अब भी पता नहीं चल सका है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, 27 शव बरामद कर लिए गए हैं। कुछ शव घटना स्थल से कई किलोमीटर दूर मिले हैं।

गाड़ियों के पलटे डिब्बों से लेकर पानी के बीच राहत और बचाव दल के लोग तलाशी अभियान में लगे हैं। लापता लोगों की तलाश में उनके परिजन घटना स्थल से लेकर हरदा के अस्पताल में भटक रहे हैं।

परिजन शवों की चादरें हटा-हटा कर अपने प्रियजनों की पहचान की कोशिश में लगे हैं।

घटना स्थल पर पड़े सामानों, जूतों-चप्पलों के बीच भी लोग अपनों की तलाश कर रहे हैं।

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कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने संघ की तुलना ‘दीमक’ से की

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इंदौर । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना दीमक से की है। इंदौर में युवक कांग्रेस के कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने आरएसएस पर हमला करते हुए कहा, “आप ऐसे संगठन से लड़ रहे हैं, जो ऊपर से नहीं दिखता। जैसे घर में दीमक लगती है, यह उसी तरह से काम करता है।”

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, “मैं समझता हूं कि जब यह कहूंगा, तो सबसे ज्यादा गालियां खाऊंगा, क्योंकि मैंने आरएसएस की तुलना दीमक से की है।”
उन्होंने कहा कि संघ रजिस्टर्ड संस्था नहीं है। इसकी सदस्यता नहीं है, कोई अकाउंट नहीं है। संघ का कोई कार्यकर्ता जब आपराधिक कृत्य में पकड़ा जाता है, तो वे कहते हैं कि हमारा सदस्य ही नहीं है। यह ऐसा संगठन है, जो गुपचुप और छुपकर काम करता है। ये लोग केवल कानाफूसी करते हैं और गलत भावना फैलाते हैं। कभी आंदोलन नहीं करते और न ही किसी की समस्या के लिए लड़ते हैं।
उन्होंने सीधे तौर पर संघ पर हमला करते हुए कहा, “आरएसएस की विचारधारा नफरत की है। हिंदुओं को खतरा दिखाकर डर पैदा करो और डर पैदा करके बताओ कि हम ही तुम्हारी रक्षा कर सकते हैं, बाकी कोई नहीं कर सकता। आज जब राष्ट्रपति से लेकर नीचे तक के पदों पर हिंदू हैं, तो फिर खतरा किससे है?”

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मानहानि मामले में मध्य प्रदेश की अदालत ने सीएम सहित दो अन्य को जारी किया नोटिस

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भोपाल। मध्य प्रदेश की एक जिला अदालत ने हाल ही में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा द्वारा दायर मानहानि मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने चौहान के अलावा शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा को भी उसी मामले में नोटिस जारी किया है, जिसमें कांग्रेस नेता ने ओबीसी आरक्षण के संबंध में ‘गलत तथ्यों का प्रचार’ करके उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया है।

कांग्रेस सांसद ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी आरक्षण मामले के बारे में कुछ टिप्पणियों को लेकर चौहान और दो अन्य के खिलाफ जबलपुर जिला अदालत में मामला दायर किया था। तन्खा ने कहा कि अदालत ने उनसे जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तारीख 25 फरवरी तय की है।
तन्खा ने कहा कि “मुझे अपने वकील (वाजिद हेडर) से जानकारी मिली है कि 10 करोड़ के मूल्य के नुकसान के हमारे दावे में, जबलपुर कोर्ट ने मुख्यमंत्री और अन्य प्रतिवादी पक्षों को अपना जवाब प्रस्तुत करने के लिए नोटिस जारी किया है। अदालत मामले पर 25 फरवरी को सुनवाई करेगी। तब से, सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) को स्थानीय निकाय में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों पर मतदान प्रक्रिया पर रोक लगाने और सामान्य वर्ग के लिए उन सीटों को फिर से अधिसूचित करने का निर्देश दिया। सरकार ने पंचायत चुनाव रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में तन्खा पर ओबीसी आरक्षण कोटा का विरोध करने का आरोप लगाया है।
यह तब शुरू हुआ, जब तन्खा स्थानीय कांग्रेस नेताओं द्वारा दायर एक याचिका के वकील के रूप में पेश हुए, जिसमें 2014 के रोटेशन और आरक्षण के आधार पर राज्य में पंचायत चुनाव कराने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के अध्यादेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने राज्य में समुदाय (ओबीसी) को आरक्षण प्रदान करने में बाधा उत्पन्न करने के लिए एक-दूसरे पर आरोप लगाए। राज्य विधानसभा के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान ओबीसी मुद्दे पर घंटों बहस हुई थी।

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सावित्रीबाई फुले को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने याद किया

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भोपाल। छुआछूत मिटाने, विधवा विवाह कराने और महिलाओं को शिक्षित करने का अभियान चलाने वाली सावित्रीबाई फुले कि आज सोमवार को जयंती है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।

मुख्यमंत्री चौहान ने महान समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले की जयंती पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने निवास कार्यालय स्थित सभागार में उनके चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की।
सावित्री बाई फुले का जन्म 3 जनवरी 1831 को हुआ था। सावित्रीबाई फुले भारत के पहले बालिका विद्यालय की पहली प्रिंसिपल और पहले किसान स्कूल की संस्थापक थी। सावित्रीबाई ने अपने जीवन को एक मिशन की तरह से जिया, जिसका उद्देश्य था विधवा विवाह कराना, छुआछूत मिटाना, महिलाओं की मुक्ति और दलित महिलाओं को शिक्षित बनाना। सावित्रीबाई फुले ने 3 जनवरी 1848 में पुणे में अपने पति के साथ मिलकर विभिन्न जातियों की 9 छात्राओं के साथ महिलाओं के लिए एक विद्यालय की स्थापना की । लड़कियों की शिक्षा पर उस समय सामाजिक पाबंदी थी।
सावित्रीबाई फुले उस दौर में न सिर्फ स्वयं पढ़ी अपितु दूसरी लड़कियों के पढ़ने का भी बंदोबस्त किया। दस मार्च 1897 को प्लेग के कारण सावित्रीबाई फुले का निधन हो गया।

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