कोलकाता| मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपनी सरकार का नियंत्रण राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को सौंपने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि यह दक्षिणपंथी संगठन अपनी शर्ते सरकार पर थोपता है और एजेंडे तय करता है। (kolkata hindi news) हाल ही में हुई तीन दिनी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-आरएसएस समन्वय बैठक का हवाला देते हुए येचुरी ने कहा, “मोदी ने यह साबित कर दिया है कि आरएसएस के पास न केवल सरकार का रिमोट कंट्रोल है, बल्कि वास्तविक नियंत्रण भी उसी के हाथ में है। आरएसएस अपनी शर्ते मोदी सरकार पर थोपता है और एजेंडे भी तय करता है।”
पार्टी के पूर्व महासचिव हरकिशन सिंह सुरजीत के जन्मशती समारोह को संबोधित करते हुए मौजूदा महासचिव ने कहा कि मौजूदा शासन में देश में आपातकाल जैसे हालात बन गए हैं।
उन्होंने कहा, “आरएसएस मोदी को अच्छे काम का प्रमाणपत्र देता है। लेकिन अच्छे काम का वास्तव में अर्थ है देशभर में सांप्रदायिकता का जहर फैलाना और जाहिर तौर पर हर क्षेत्र में ऐसा होता दिखाई दे रहा है।”
येचुरी ने कहा, “ये समझते हैं कि इन्हें शिक्षा के भगवाकरण के लिए जनादेश मिला है.. इतिहास को फिर से लिखवाने की कोशिशें भी की जा रही हैं। ये ऐसे लोग हैं जो हिंदू बांग्लादेशियों का स्वागत करते हैं, लेकिन मुस्लिमों के अपने देश में प्रवेश करने पर उन्हें घुसपैठिए कहते हैं।”
वामपंथी नेता ने कहा, “दंगा कराना ही सांप्रदायिकता फैलाने का एकमात्र जरिया नहीं है, और भी कई तरीके हैं जिन्हें अपनाने में कोई कसर नहीं छोड़ा जा रहा है।”
येचुरी ने कहा, “इन्होंने इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए हैं। ये धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य के नियमों को बदल रहे हैं, जो देश की एकता और अखंडता के लिए एक बड़ा खतरा है।”
मोदी के ‘मेक इंन इंडिया’ अभियान की खिल्ली उड़ाते हुए उन्होंने दावा किया कि यह देश का उतना भी ध्यान नहीं खींच पाया, जितना कांग्रेस के नेतृत्व वाले संप्रग शासन मेंएफडीआई ने खींचा था। उन्होंने घटते औद्योगिक विकास और बढ़ती किसान आत्महत्याओं के लिए भी सरकार की निंदा की।
येचुरी ने ममता बनर्जी के तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच ‘मैच फिक्सिंग’ का आरोप भी लगाया।
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