एक नवंबर से पंजीकृत क्षय (टीबी) रोगियों को हर महीने 1000 रुपये की पोषण सहायता मिलेगी, जबकि वर्तमान में उन्हें छह महीने तक 500 रुपये दिए जा रहे हैं। जिले में 18,000 से अधिक टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है, जिनमें से 500 मरीज गंभीर स्थित (एमडीआर) वाले हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनिल यादव ने बताया कि अब सभी मरीजों को एक सप्ताह की दवाइयाँ दी जा रही हैं, जबकि पहले उन्हें चार-चार दिन की दवाएं मिलती थीं। इससे मरीजों को सप्ताह में दो बार डॉट सेंटर के चक्कर लगाने पड़ते थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश स्तर पर दवा की आपूर्ति में सुधार होने से अब दवाओं की कोई कमी नहीं है।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. अखिलेश मोहन ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन योजना के तहत 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीबी रोगियों की मॉनिटरिंग और दवाओं की आपूर्ति में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। हाल ही में जारी आदेश के अनुसार, एक नवंबर 2024 से पुष्ट टीबी रोगियों को पोषण सहायता राशि 500 की बजाय 1000 रुपये मिलेगी।