गाजियाबाद (करंट क्राइम)। जिस सामूहिक विवाह सरकार के श्रम मंत्री दूल्हा दुल्हन को आर्शिवाद देने आए
थे, जिस सामूहिक निकाह में काजी निकाह करवा रहे थे, वो फर्जी निकले हैं। घोटाले की सबसे बड़ी बात यह है
कि 175 विवाह और निकाह में 156 मामले फर्जी सामने आए हैं। गाजियाबाद में यह बड़ा शादी घोटाला
है और जांच में इसका खुलासा हो गया है। एक शादी के लिए 75 हजार रूपए का अनुदान दिया गया था और करोड़ों में यह राशि है इसके अलावा इस फर्जी विवाह समारोह में प्रशासन के भी 1 करोड़ से ज्यादा रूपए पंडाल और खाने पर खर्च हो गए। अब तलाश
उन दूल्हों की है जो कई साल पहले फेरे ले चुके थे। अब तलाश उन दुल्हनों की भी है जो कई साल पहले निकाह कबूल कर चुकीं थी। सूत्र बताते हैं कि यह मामला एक शिकायत के बाद लोकायुक्त के पास आया लोकायुक्त से जांच डीएम के पास आई। डीएम ने जांच के लिए कमेटी बनाई जिसमें जांच के लिए एडीएम सिटी गंभीर सिंह, वित्त एवं लेखाधिकारी श्रीमती मनप्रीत कौर बेसिक शिक्षा गाजियाबाद तथा अभियोजन अधिकारी अमरदीप सदस्य बनाया गया। इस पर शिकायतकर्ता ने आपत्ति दर्ज कराई की संबंधित जांच अधिकारियों को हटाकर अन्य किसी उच्च अधिकारी से जांच कराई जाए। इसके बाद मुख्य विकास अधिकारी द्वारा परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण, जिला समाज कल्याण अधिकारी और डिप्टी डायरेक्टर कृषि की संयुक्त टीम को जांच सौपी गई।
जब जांच शुरू हुई तो शादी के फेरों से लेकर निकाह के छुआरों तक घोटाला ही घोटाला था। 175 शादी और निकाह हुए थे और जांच के बाद 156 मामले फर्जी पाए गए। यह अब तक का सबसे बड़ा शादी घोटाला है और जांच अभी जारी है। माना यह जा रहा है कि अन्य जिलों में भी जो सामूहिक विवाह हुए हैं, उनमें इसी तरह का घोटाला हुआ है।
बेटी ने कर ली कोर्ट मैरिज और पिता ने ले लिया योजना का लाभ
पायल और कोमल दो बहने हैं और कोमल ने लगभग पांच साल पहले
कोर्ट मैरिज कर ली थी, पायल की भी 3 साल पहले शादी हो गई थी। लेकिन जब सरकार से पैसा मिल
रहा था तो पायल और कोमल को भी कुमारी बताया गया। श्रम विभाग द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह में 75 हजार की धन राशि ले ली गई।
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