– दीपक भाटी
समाचार संपादक
क्यों कहा कहने वाले ने कि हम बैठे हुए थे कहीं पर ? वहां पर सुन रहे थे हम भगवा गढ़ के एक पूर्व अध्यक्ष के अल्फाज ? वह पूरी ताकत से कह रहे थे अगर प्रदेश में पांच अध्यक्ष भी बदले गए, तो उसमें भगवा कमांडर का भी नाम होगा साहब ? कहने वाले ने कहा, पूर्व अध्यक्ष के शब्दों में दिखाई दे रहा था हमें हद से ज्यादा आत्मविश्वास ? कुछ तो वजह है जो वह खुलकर कर रहे हैं इतनी बड़ी बात ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि भगवागढ़ के सरदार जी के पास है मौलाना जी वाले सरकारी महकमें की जिम्मेदारी ? अक्सर वो बड़े वाले नेता के साथ अपनी विज्ञप्तियां करते रहते हैं जारी ? हम तो बस जानना चाहते हैं उनसे एक ही बात? गाजियाबाद के लिए उन्होंने मौलाना जी वाले महकमें से की है कोई उपलब्धि प्राप्त ? क्या कराया है इस महकमें से गाजियाबाद के लिए भी कुछ काम ? या फिर बड़े नेता के साथ विज्ञप्तियां डालकर वह देते हैं बस शहर और समाज में अपनी ताकत का पैगाम ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि बस मैं आपको बताना चाहता हूं इतनी सी बात ? वह जब तक है उनके साथ ? तब तक नहीं बनेगी किसी की भी बात ? आप देखो इतिहास उठाकर सारे हालात ? जितने साथ थे वह हो गए हैं दूर ? ,कहने वाले ने कहा, यह सब बाई चांस है, या है सोच समझ दस्तूर ? कोई सोचे कि वह अपनी बिगड़ी हुई बात को फिर से ठीक कर सकता है ? मगर उसकी यह गलतफहमी है, ऐसा वह बिल्कुल भी नहीं होने देगा हुजूर ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि हम थे पार्षद राजकुमार भाटी के यहां मौजूद ? यहां पर मेयर सुनीता दयाल करोड़ों रुपए के विकास कार्यों का पेश कर रही थी वजूद ? मगर हमें यहां पर एक बात समझ नहीं आ रही थी साहब ? भाटी जी के खास नरेश भाटी और गौरव सोलंकी, क्यों कार्यक्रम से दूरी बना गए साहब? जबकि मंडल में आने वाले पार्षद सत्येंद्र चौधरी, नीलम भारद्वाज और प्रतिमा शर्मा थी कार्यक्रम में मौजूद ? लगता है सोलंकी और मिस्टर भाटी ने दूरियां दिखाकर दिया है दूरियों का सबूत ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि इतनी तो इस बार आप लिख कर रख लो बात ? गौतम जी हो या चौहान जी, महानगर की टीम में आने के नहीं करेंगे प्रयास ? हमें पता है दोनों लगा रहे हैं कुछ बड़ा करने पर जोर ? चौहान जी एससी मोर्चे के अध्यक्ष बनना चाहते हैं ? गौतम जी पकड़ रहे हैं मोर्चे की प्रदेश वाली डोर? देखना अब यह है कि इन दोनों में से किसका मामला होगा राइट ? फिलहाल तो जारी है दोनों के बीच में प्रतिस्पर्धा वाली फाइट ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि शर्मा जी के वार्ड में होने वाली है विकास कार्यों की बौछार ? सभी कार्यों को लेकर टेंडर लग गए हैं जोरदार ? शर्मा जी के यह कार्य नहीं हो रहे हैं यहां के गुप्ता जी को बर्दाश्त ? वह दे रहे हैं अपने लोगों में संदेश, कह रहे हैं शर्मा जी की ही अलग-अलग नाम की फर्म से होंगे यहां पर सारे काम ? कमाई जाएंगे यहां पर खुलकर दाम ? न जाने क्यों सिस्टम वाले हो गए हैं शर्मा जी पर इतनी मेहरबान ? कहने वाले ने कहा, प्लीज मत खोलना दोनों के नाम ? नहीं तो हो जाएगा सरे रहा घमासान ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि कमंडल वालों में और पार्षद के बीच में इस वक्त लगी हुई है जबरदस्त आग ? सुना है कमंडल वाले अपने यहां के पार्षद से हैं बहुत ज्यादा नाराज ? सुना है पार्षद नर्सरी के बाहर लगे हुए ठियों से हटवाना चाहते हैं सिस्टम वसूलने वाली वीटो ? बस इसी बात पर हो रही है दोनों में लड़ाई ? देखना अब यह है कि यहां पर जीत किसकी होगी ? क्योंकि कमंडल वालों ने तो शुरू कर दी है पार्षद पर जुबानी चढ़ाई ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि मिस्टर गिरी जब से हुए हैं पूरे मान से किसी से फ्री? तब से उन्होंने लगा दिया है टॉप वाला गियर ? हमने देखा, राखी पर उन्होंने लिया दीदी का आशीर्वाद ? दिया संदेश किसी को कि आपके अलावा भी बहुत सारे लोग हैं करते हैं हमारी केयर ? हमने देखा गिरी के जहां हो चुके हैं जनरली एहसास ? वहीं पूरे मान से कोई खड़ा हुआ नजर आ रहा है अग्रवाल जी के साथ ? हमारी थी कॉलेज वाले कार्यक्रम पर नजर ? वहां पर विद फैमिली वह थे पूरे मान से मौजूद ? दोनों मामले पेश कर रहे थे दूरियों के सबूत?
क्यों कहा कहने वाले ने कि एक बड़े जनप्रतिनिधि के प्रतिनिधि हैं ? जिनका नाम है ‘फिलहाल ?’ सुना है वह जनप्रतिनिधि के बहुत सारे कार्यों की करते हैं देखभाल ? मगर प्रतिनिधि होते हुए उन्हें नहीं है गाजियाबाद के नेताओं की जानकारी ? ऐसा हमें तब महसूस हुआ, जब जनप्रतिनिधि के कॉलेज में बैठे थे बहुत ही वरिष्ठ भगवाधारी ? मिस्टर ‘फिलहाल’ कि यहां पर हुई एंट्री ? उन्होंने कई चेहरों को दिखा दिया बाहर का रास्ता ? ‘फिलहाल’ कि इस हरकत से हुए कई चेहरे नाराज ? कम से कम जनप्रतिनिधि को अपने प्रतिनिधि की करनी चाहिए स्थानीय नेताओं से मुलाकात ? ताकि आगे से ना बने इस तरह के हालात ?
क्यों कहा कहने वाले ने कि वह भी कितना अच्छा था टाइम ? जब गेम फिनिशर के प्रिय भार्गव को मिल जाता था पूर्व वाली ताकतवर लेडी जनप्रतिनिधि से मुलाकात का कभी भी टाइम ? मगर सुना है जब से बदली है सल्तनत, तब से खराब चल रहा है भार्गव का टाइम ? अधिकारी दे नहीं रहे हैं इस चेहरे को काम ? मौजूदा ताकतवर लेडी जनप्रतिनिधि भी नहीं कर रही हैं किसी भी समस्या का समाधान ? फिनिशर की मोहब्बत पढ़ रही है भार्गव को भारी ? देखना अब यह है कि अपने प्रिय को इस द्वंद्व से बाहर लाने में मिस्टर फिनिशर क्या करेंगे कोई तैयारी ?