– पुलिस को बढ़ानी होगी रात्रि गश्त व्यवस्था
गाजियाबाद, करंट क्राइम : त्यौहारी सीजन शुरू होने को है। त्यौहार सीजन में ही बदलता हुआ मौसम भी पुलिस कमिश्नरेट के लिए चुनौती पेश करेगा। मौसम में परिवर्तन आते ही जहां पुलिस को झपटमारी की वारदातों में थोड़ी राहत मिलेगी। तो वहीं चोरी और घरों में होने वाली चोरियां पुलिस के क्राइम ग्राफ को बढ़ाने का काम करेंगी। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम गाजियाबाद से पूर्व के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो साल-2022 में लगभग 264 से अधिक चोरियां हुई हैं। तो वहीं साल-2021 में यह आंकड़ा 234 रहा था। बीते साल दिसंबर से लेकर सितंबर की बात की जाए तो अभी तक पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग थानाक्षेत्रों में चोरी के 150 से अधिक मुकदमें लिखे जा चुके हैं। चोरियों के बढ़ते ग्राफ पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस कमिश्नरेट को रात्रि गश्त की व्यवस्था को मजबूत करना पड़ेगा। इसके साथ ही यूपी पुलिस और कमिश्नरेट गाजियाबाद द्वारा चलाए जा रहे आॅपरेशन त्रिनेत्र के जरिए पुलिस को कैमरों की संख्या बढ़ानी है ताकि वह चोरों पर घेराबंदी करने के लिए तकनीकी पहरा बैठा सके। त्यौहारी सीजन में लोगों का घर से आने जाने का रूटिंग बढ़ जाता है, तो वहीं सर्दियों में गृहभेदन की घटनाओं में इजाफा पुलिस के लिए क्राइम ग्राफ की टेंशन का मुख्य कारण बन जाता है।
पुराने आंकड़े से लाना होगा सुधार
गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम की शुरूआत दिसंबर 2022 से हुई थी और अब सितंबर 2023 आ पहुंचा है। बीते लगभग 10 महीनों के दौरान 178 गृहभेदन के मामले कमिश्नरेट पुलिस के अलग-अलग थानाक्षेत्र में दर्ज किए गए हैं। पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत आने वाले सिटी जोन, ट्रांस हिंडन और ग्रामीण जोन के डीसीपी स्तर के अधिकारियों ने अभी से अपनी क्राइम मीटिंग में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित करना शुरू कर दिया है कि वह आगामी त्यौहारी सीजन होने के चलते अधिक सतर्क रहें। साथ ही जैसे ही सर्दियों का मौसम शुरू हो, चेकिंग व्यवस्था और ज्यादा दुरुस्त की जाए ताकि गृहभेदन की वारदातों पर अंकुश लगाया जा सके। साथ ही क्राइम का ग्राफ भी कंट्रोल करने के निर्देश दिए जाने की सूचना सूत्रों से मालूम हुई है।
साल चोरियां
2020- 168
2021- 234
2022- 264
2023- 178
आॅपरेशन त्रिनेत्र कितना दिखाएगा असर
कमिश्नरेट सिस्टम के अंतर्गत पुलिस द्वारा आॅपरेशन त्रिनेत्र चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत अलग-अलग स्थान पर लगे सीसीटीवी की गणना की जा रही है। वहां के आईपी एड्रेस और किस कंपनी का कैमरा लगा है पूरी जानकारी जुटाई जा रही हैं। पुलिस कमिश्नरेट सितंबर माह के आंकड़े के अनुसार अब तक लगभग 8000 के आसपास कैमरों का डाटा पुलिस तैयार करने में जुट गई है। जिसे पूरा कर पुलिस मुख्यालय को भी भेजा जाना है। दरअसल पुलिस आॅपरेशन त्रिनेत्र के जरिए गृहभेदन की वारदातों के साथ ही अपराधियों में एक मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास भी कर रही है ताकि उन्हें यह लगे कि वह कैमरे की जद में है और वह अपराध करने से कतराएंगे।
इन बातों का भी रखना होगा ध्यान
– घर में घरेलू सहायिका, सुरक्षा गार्ड या वाहन चालक रखने से पहले उसका पुलिस वैरीफिकेशन अवश्य करवाएं।
-फ्लैट, मकान, दुकान और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के मुख्य गेट व परिसर में कैमरा अवश्य लगवाएं।
– घर का कीमती सामान, जेवर और कैश लॉकर या अलमारी में रखें।
बढ़ानी होगी रात्रि सुरक्षा की स्कीम
सर्दियों के दिनों में अधिकांश अपराध रात के अंधेरे और कोहरे की चादर के बीच अंजाम दिए जाते हंै। ऐसे में मौसम में परिवर्तन आते ही चौकी प्रभारियों, बीट व गश्त वाहनों को रात 12 बजे से 4 बजे तक एक्टिव रखने के निर्देश जारी किए जाएंगे।
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