नोएडा समाचार: देश की सर्वोच्च अदालत ने नोएडा अथॉरिटी के खिलाफ तलख़ टिप्पणी की होती है, लेकिन भ्रष्टाचार के मामले में खेल जारी है। इसी तरह का एक मामला नोएडा अथॉरिटी के सेक्टर-39 दफ्तर से सामने आया है। सूत्रों के मुताबिक, अथॉरिटी के अधिकारी ने कैमरा लगवाने के बहाने लाखों रुपए क़ब्ज़ा किया। इस मामले की चर्चा सेक्टर-39 दफ्तर में कर्मचारियों के बीच में हो रही है, और इसका विवादित विवरण सोशल मीडिया पर कर्मचारी द्वारा साझा किया जा रहा है।
मामले का विवरण:
अनुसंधान के अनुसार, सेक्टर-39 बिजली डिपार्टमेंट के डिवीजन 2 कार्यालय में करीब चार लाख 90 हजार का बिल तैयार किया गया था, जिसमें कैमरा लगाने और सेटअप के लिए खर्च बजट में शामिल था। हालांकि, मौके पर कैमरा लगाने का काम नहीं किया गया था। इस मामले पर जब ट्राईसिटी टुडे को सीनियर मैनेजर ने बताया कि विभाग के कर्मचारी इस बिल पर हस्ताक्षर करने आते हैं, तो उन्हें इस मामले के बारे में कुछ नहीं पता था। एक मजेदार बात यह है कि इस कार्यालय में वरिष्ठ प्रबंधक स्वयं बैठे हुए हैं, और इस बिल पर उनके हस्ताक्षर और मुहर लगे हुए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी:
नोएडा अथॉरिटी पर सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कई बार टिप्पणी भी की है। कोर्ट ने कहा है कि नोएडा अथॉरिटी के कुछ अफसर फर्जीवाड़े में शामिल नहीं हैं, बल्कि पूरा प्राधिकरण भ्रष्टाचार में डूबा हुआ है। यह सवाल उठता है कि जिस कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारी खुद बैठकर बिना देखे बिल पर हस्ताक्षर कर रहे हैं, उसके बाहर के कामों का क्या हाल होगा। देखने वाली बात होती है कि क्या ज़िम्मेदार अफ़सर इस मामले की जांच करवाते हैं या नहीं।
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