गाजियाबाद (करंट क्राइम)। डॉग्स के काटने से विजयनगर क्षेत्र की चरण सिंह कॉलोनी में हुए 14 वर्ष के बच्चे की मौत के बाद शहरवासियों में एक दहशत सी व्याप्त हो गई है। क्योंकि पूरे शहर के लोग ही स्ट्रीट डॉग्स के आतंक से परेशान है। नगर निगम में भी प्रतिदिन कई शिकायतें आवारा कुत्तों को लेकर आ रही है। लेकिन निगम प्रशासन भी स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन और नसबंदी ही कर सकता है। सोमवार से नगर निगम द्वारा विजयनगर जोन में स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन और नसबंदी का विशेष अभियान शुरु किया गया है। हालांकि नगर निगम प्रशासन द्वारा समय-समय पर स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी और वैक्सीनेशन किया जाता रहा है। अभियान के तहत विजयनगर जोन के 16 वार्डों सहित कई कॉलोनियों में स्ट्रीट डॉग्स का वैक्सीनेशन और नसबंदी की गई।
बता दें कि चरण सिंह कॉलोनी में एक डॉग के काटने से बच्चे की मौैैत का मामला सामने आया था। इस मामले में नगर निगम की ओर से डॉगी को पालने वाली महिला को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। जिसके बाद नगर निगम ने तय किया कि विजयनगर जोन स्ट्रीट डॉग्स के मामले में संवेदनशील है, इसलिए इसी क्षेत्र से विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा डॉग्स के आतंक का मामला
सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में गाजियाबाद में पिछले दिनों हुई 14 साल के बच्चे की मौत का मामला उठाते हुए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और मनोज मिश्रा को बताया कि गाजियाबाद में कुत्ता काटने से रैबीज संक्रमित हुए बच्चे की मौत से ठीक पहले का दर्दनाक वीडियो वायरल है। वीडियों में दिखाई दे रहा है कि अपनी गोद में बच्चे को बैठाए पिता कितना असहाय है। डॉक्टर भी उनकी कोई मदद करने की स्थिति में नहीं थे। सॉलिसीटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि देश भर में कुत्तों के हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। लेकिन, अलग-अलग हाईकोर्ट अलग-अलग आदेश दे रहे हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने इस बात पर सहमति जताई कि पूरे देश में कुत्तों और दूसरे आवारा पशुओं के हमले मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसके बाद कोर्ट में मौजूद वरिष्ठ वकील विजय हंसारिया ने जजों से अनुरोध किया कि सुप्रीम कोर्ट को कुत्तों के काटने की घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू करनी चाहिए।
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