वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद।
बीते दिनों सोशल मीडिया पर कुछ ऐसी खबरें चलीं थी जिसमें विकास को लेकर कहा गया था। जिले की हालत को लेकर कुछ रिपोर्ट का जिक्र किया गया था। इन सबका असर जिले के डीएम की वर्किंग से था। लेकिन अगस्त माह की जो रिपोर्ट आई है वो ये बता रही है कि अफवाहों पर बिल्कुल भी ध्यान ना दें और आंकड़े एकदम दुरूस्त हैं। गाजियाबाद के डीएम का नाम यूपी की टॉप 10 वाली लिस्ट में आया है। गाजियाबाद जिला टॉप 10 में चौथे नंबर पर है। ये एक उपलब्धि है क्योंकि पड़ोस वाला जिला 73वीं रैंक पर है और गाजियाबाद ने यहां सुधार किया है। गाजियाबाद की चौथी रैंक है और उसने 62.6 प्रतिशत अंक लिये हैं। पहले नंबर पर अयोध्या और कासगंज हैं। ये दोनों जिले संयुक्त रूप से नंबर वन पर हैं। खास बात ये है कि अगर गाजियाबाद के मुकाबले तुलना करें तो नंबर वन आने वाले जिलों की अंक तालिका प्रतिशत में कोई ज्यादा फर्क नहीं है। अयोध्या और कासगंज 63.9 प्रतिशत अंकों के साथ है तो गाजियाबाद चौथे स्थान पर 62.6 प्रतिशत अंकों के साथ है। गाजियाबाद में यूपी के 75 जिलों में यह रैंकिग हासिल की है। जिले के डीएम के नाम ये उपलब्धि है।
राजस्व कोर्ट के मुकदमों की निस्तारण में गाजियाबाद ग्रीन जोन में
(करंट क्राइम)। राजस्व कोर्ट में चल रहे मुकदमें और उनके निस्तारण की रिपोर्ट में गाजियाबाद ग्रीन जोन में है। यहां एक बार फिर से जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की कार्यशैली का असर दिखाई दिया है। भू-राजस्व संबंधी वादों के समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण के मामले में अगस्त महीने की रिपोर्ट आई है। इसकी समीक्षा 4 सितम्बर को की गई थी। यहां गाजियाबाद में 130.94 प्रतिशत मानक के सापेक्ष प्राप्त किये हैं। गाजियाबाद में 26 न्यायालय हैं जिनमें 2350 निस्तारण का मानक था। यहां 3077 वाद निस्तारित किये गये हैं।
8० एकड़ ज़मीन पर बन रहा है ट्रांजिट हब
Ghaziabad News: यूपी हाउसिंग बोर्ड द्वारा करीब 80 एकड़ ज़मीन पर एक मल्टी -मॉडल ट्रांजिट हब स्थापित करने पर विचार-...
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