दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) यानी न्यू नोएडा में आने वाले छः जल शोधन संयंत्रों के माध्यम से निवासियों की प्यास को बुझाने का इंतजाम किया जा रहा है। ये संयंत्र सभी अलग-अलग क्षमता वाले होंगे और उनमें से प्रत्येक अपर गंगा कैनाल से पानी लेंगे। इसका मुख्य उद्देश्य न्यू नोएडा के सभी क्षेत्रों में गंगाजल की आदिक्षिप्त आपूर्ति सुनिश्चित करना है। इस प्रक्रिया को इस तरह से ध्यान से तैयार किया जा रहा है कि यहां की जल संप्रेषण व्यवस्था नोएडा से बेहतर हो।
न्यू नोएडा के मास्टर प्लान-2041 में पानी के वितरण और प्रबंधन के लिए योजना तैयार की गई है। इस योजना के अनुसार, 2041 तक प्रतिदिन 300 मिलियन लीटर पानी की मांग होगी, जो 6.33 लाख निवासियों के पीने और अन्य कार्यों के लिए महत्वपूर्ण होगी। इसके साथ ही, यह योजना औद्योगिक और अन्य सेक्टरों के लिए भी पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने का उद्देश्य रखती है।
औद्योगिक सेक्टर के लिए 212 एमएलडी पानी की मांग होगी। सेंट्रल पब्लिक हेल्थ एंड इंवायरमेंटल इंजीनियरिंग ऑर्गनाइजेशन के मानकों के तहत, प्रतिदिन प्रति हेक्टेयर 25 किलोलीटर पानी की आपूर्ति आवश्यक होगी। घरों के लिए भी प्रतिव्यक्ति प्रतिदिन 135 एलपीसीडी (लीटर प्रति व्यक्ति) पानी की आपूर्ति करनी होगी।
न्यू नोएडा में सीवरेज सिस्टम के साथ ही एक समानांतर बारिश के पानी की निकासी के लिए एक अत्यंत प्रभावी ड्रेनेज सिस्टम भी विकसित किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि अधिक मात्रा में बारिश के पानी का सही तरीके से प्रबंधन किया जा सके और शहर में जलजमाव की स्थिति को सुधारा जा सके। इसे इस तरह से विकसित किया जाएगा कि भारी बारिश के दौरान भी यह सुचारू रूप से काम करे, और यह पर्याप्त जलसंचय और निकासी की सुनिश्चितता से लैस हो। इस प्रक्रिया को अगले 30 वर्षों तक सफलतापूर्वक चलाया जाएगा।
तीन एसटीपी और तीन सीईटीपी भी बनेंगे
न्यू नोएडा में सीवर के पानी की निकासी के लिए तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और तीन सीवरेज एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) बनाए जाएंगे। ये प्लांट्स न्यू नोएडा के घरों से निकलने वाले सीवर के पानी की निकासी के दौरान जल शोधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इसके साथ ही, तीन सीवरेज एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) भी तैयार किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य औद्योगिक सेक्टरों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों का शोधन करना होगा, ताकि सीवर में औद्योगिक कचरा नहीं पहुँचे।
न्यू नोएडा में सीवर के पानी की निकासी के लिए तीन एसटीपी (आधुनिक सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) और तीन सीईटीपी (सीवरेज एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट) बनाए जाएंगे। इन प्लांट्स के माध्यम से गंदे जल का शोधन भी किया जाएगा। इन एसटीपी और सीईटीपी को इस तरह से तैयार किया जाएगा कि यह पूरे न्यू नोएडा क्षेत्र को कवर कर सके। इसमें दो एसटीपी प्लांट्स होंगे, जिनमें एक की क्षमता 30 एमएलडी होगी और एक की क्षमता 40 एमएलडी होगी। इसी तरह से तीन सीईटीपी प्लांट्स होंगे, जिनकी क्षमता 50 एमएलडी होगी।
भूमिगत जल के शोधन पर लगेगी प्रतिबंध
न्यू नोएडा में भूमिगत जल के शोधन को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के अनुसार, पानी के मुख्य स्रोत के रूप में अपर गंगा कैनाल और इसके शाखा को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां से पानी आपूर्ति की जाएगी। इसके बाद, यह पानी भूमिगत जलाशयों में जमा करने के लिए उपयोग किया जाएगा। इन जलाशयों से जरूरत के अनुसार पूरे साल भर पानी की आपूर्ति होगी।
न्यू नोएडा में 310 एमएलडी साफ पानी की आपूर्ति के लिए संयंत्रों का प्रस्थापन
न्यू नोएडा के विभिन्न हिस्सों में छह जल शोधन संयंत्रों की योजना है, जिनमें 70 एमएलडी क्षमता के तीन, और 20, 30, और 50 एमएलडी क्षमता के तीन जल शोधन संयंत्र शामिल हैं। इस प्रस्थापन से न्यू नोएडा को कुल 310 एमएलडी साफ पानी, अर्थात गंगा जल की आपूर्ति हो सकेगी। इन संयंत्रों का स्थापना इस तरीके से किया जाएगा कि वे पूरे न्यू नोएडा क्षेत्र को कवर करेंगे और अपने पास के क्षेत्रों में पूरी शक्ति के साथ जलापूर्ति कर सकें।
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