वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)
गाजियाबाद।
विकास के वादों के साथ चुनाव हुआ। विकास के वादों पर मतदान हुआ और इन सबके बाद भी विकास नहीं हुआ। ये कहानी उस इलाके की है जो दिल्ली से सटा है और हाईराईज इलाका माना जाता है। यहां कोई मलीन बस्ती नहीं है और यहां का इलाका भी पॉश है मगर इन सबके बाद भी यहां विक ास नहीं हुआ है। हालात ये है कि वसुंधरा क्षेत्र के पूर्व पार्षद अरविन्द चौधर चिंटु ने मुख्यमंत्री को ट्वीट किया और कहा कि गाजियाबाद के वसुंधरा का नाम बदलकर बदहालपुर या अवैध निर्माणपुर कर दिया जाये। अरविन्द चौधरी चिंटु बसपा से पार्षद रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को करे ट्वीट में कहा कि गाजियाबाद के वसुंधरा में 1,20,000 की आबादी है। इतनी आबादी में सरकारी स्कूल नहीं है। सरकारी अस्पतल खोलने के लिए मैदान नहीं है। सड़क, पानी, प्रकाश की बदहाल व्यवस्था को कोई सुनने वाला नहीं है। पूर्व पार्षद ने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि जैसे जिलो और स्टेशनों के नाम बदले हैं वैसे ही वसुंंधरा का भी नाम बदल दिया जाये। विपक्ष के पूर्व पार्षद ने मुख्यमंत्री को ट्वीट किया और जो कुछ उन्होंने कहा उससे भाजपा के पार्षद भी सहमति रखते हैं। पार्टी प्रोटोकॉल में खुलकर नहीं कहते लेकिन जनता की पीड़ा में वो भी साथ हैं। मुद्दा जनता से जुड़ा है और सब चाहते हैं कि हालात में सुधार होना चाहिए।
भाजपा पार्षद के वार्ड की हालत बता रही है ये सड़क
(करंट क्राइम)। मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़को पर गढ़डे नहीं होने चाहिए। नगर आयुक्त ने कहा कि वो गड्ढा मुक्त गाजिायबाद के लिए विशेषअभियान चलायें। मगर वसुंधरा क्षेत्र के सैक्टर-3 की ये सड़क बता रही है कि जल भराव भी है और टूटी सड़क भी है। गड्ढे भी हैं और सबसे खास बात ये है कि यहां 10 साल से जनता भाजपा का पार्षद चुनती है। पहले यहां भाजपा की मंजू त्यागी पत्नी विनीत त्यागी पार्षद थीं और अब भाजपा के ही सतेन्द्र चौधरी पार्षद हैं।