आगरा| आगरा के ताजमहल परिसर में बुधवार को अंग्रेजों के जमाने के एक झूमर के टूटने के बाद संरक्षणवादियों और इतिहासकारों ने शनिवार को कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अधिक कुशलता के साथ काम करने की जरूरत है। (up latest news) ताजमहल के शाही दरवाजे पर लटक रहा छह फुट ऊंचा और चार फुट चौड़ा झूमर बुधवार को टूट गया। इसका निर्माण साल 1905 में लॉर्ड कर्जन के निर्देश पर हुआ था। इसके टूटकर गिर जाने के बाद इतिहासकारों और संरक्षणवादियों ने देश के धरोहरों के रख रखाव के लिए एएसआई की क्षमता पर सवाल उठाया।
ब्रज मंडल विरासत संरक्षण सोसायटी के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा ने कहा, “सबसे खराब बात यह है कि एएसआई ‘बाबुओं’ और ठेकेदारों से भरा हुआ है, जिनके पास इन धरोहरों को बचाने का न तो कोई दृष्टिकोण है और न ही इसे लेकर उनमें कोई जुनून है। इतने सालों में भ्रष्टाचार ने भी एएसआई की साख को खराब किया है।”
प्रख्यात इतिहासकार आर. नाथ ने आईएएनएस से कहा, “हमने कई बार कहा है कि काम के विभाजन का समय आ गया है। सुविधाओं की देखरेख, भीड़ प्रबंध और टिकट प्रणाली के संचालन के लिए पेशेवर प्रशासनिक प्रबंधकों की जरूरत है।”
आगरा में पर्यटन उद्योग के नेताओं ने कहा कि वह एएसआई के काम के संतुष्ट नहीं हैं।
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