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उत्तर प्रदेश

बुंदेलखंड : किसानों के पसीने से तालाब लबालब

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टीकमगढ़| टीकमगढ़ जिले की बनगांय पंचायत के टौरिया शुक्लान के चंदेल कालीन तालाब में हिलोरें मारते पानी को देखकर किसान बैजनाथ पाल की आंखों की चमक उनकी खुशी को साफ बयां कर जाती है, ऐसा हो भी क्यों न, क्योंकि उनके गांव के लोगों ने मेहनत करके इस तालाब को संवारा है और कम बारिश के बावजूद तालाब लबालब होने की स्थिति में जो आ गया है।

बुंदेलखंड सूखा, गरीबी, भुखमरी और पलायन के कारण देश ही नहीं, दुनिया में पहचाना जाता है, मगर यहां के लोगों में विपरीत हालात से लड़ने का जज्बा भी किसी से कम नहीं है। (uttar pradesh hindi news, ) वे सरकारों की तरफ ताकने की बजाय खुद मुसीबतों से लड़कर जीतना भी जानते हैं। यही कारण है कि इस इलाके के कई गांव के लोगों ने पानी की समस्या से निजात पाने के लिए तालाबों की तस्वीर और अपनी तकदीर बदलने की मुहिम छेड़ी है।

संघर्ष और मेहनत की कहानी सुनाने वाली एक ग्राम पंचायत है बनगांय, इस पंचायत के टौरिया शुक्लान (मजरा) का मौसम कोई भी हो पानी की समस्या से दो-चार होना आम बात रही है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यहां पानी का एकमात्र सहारा चंदेलकालीन तालाब है, जिसमें बारिश का पानी भी ज्यादा दिन ठहर नहीं पाता था और सारे पानी का रिसाव हो जाता था। हाल यह होता था कि बारिश का मौसम गुजरते ही पानी की किल्लत शुरू हो जाती थी।

गांव के बुजुर्ग किसान बैजनाथ पाल ने बताया कि इस तालाब में पानी होने का अर्थ है, टौरिया शुक्लान की खुशहाली, यहां के लोगों के रोजगार का जरिया खेती और पशुपालन है। ये दोनों काम तभी हो सकते हैं जब पानी हो, इस बार तालाब में पानी रहेगा, जिससे खेती और मवेशियों के लिए पानी की समस्या नहीं आएगी। तब आर्थिक स्थिति में भी सुधार आएगा।

गांव की सरपंच लीलावती शुक्ला का कहना है कि उनके गांव के लिए तालाब की हालत में सुधार जरूरी था, इसके लिए उन्होंने परमार्थ समाज सेवा संस्थान से मदद मांगी, क्योंकि यह संस्था आसपास के कई गांव में काम करा रही है। इसमें शर्त थी कि कुल लागत की 10 प्रतिशत राशि गांव वालों को अंशदान या श्रमदान के तौर पर देनी होगी।

गांव के हल्काई शुक्ला ने तालाब सुधार के लिए चले प्रयासों का ब्यौरा देते हुए बताया कि ‘शुरू में कुल लागत की 10 प्रतिशत राशि अथवा श्रमदान के लिए सभी को राजी करना आसान नहीं था, गांव के लोगों की बैठक बुलाई गई और उसमें तय हुआ कि कुल लागत का 10 प्रतिशत अंशदान 30 हजार रुपये जुटाया जाए। इस तालाब से 70 एकड़ भूमि की सिंचाई होगी, लिहाजा इस तरह प्रति एकड़ 412 रुपये की राशि जुटाई जाए। सभी तैयार हो गए और राशि जुटा ली गई। वहीं तालाब सुधार के लिए प्रतिवर्ष राशि ली जाएगी।

परमार्थ संस्था के प्रमुख संजय सिंह ने आईएएनएस को बताया कि विकास कार्य में गांव के लोगों की हिस्सेदारी व भागीदारी रहे, इसलिए एकीकृत जल प्रबंधन योजना के तहत होने वाले कार्यो में 10 प्रतिशत की राशि अंशदान के तौर पर ली जाती है। इतना ही नहीं, विकास कार्य पर खर्च होने वाली राशि और चल रहे काम पर नजर भी गांव के लोगों की होती है। संस्था की ओर से तकनीकी परामर्श दिया जाता है।

गांव के बैजनाथ पाल का कहना है, “कई वर्ष बाद उन्होंने इस तालाब को पानी से इस तरह भरे हुए देखा है, उनका मन खुश है और उन्हें इस बात की चिंता नहीं है कि आने वाले समय में पानी की किल्लत से जूझना पड़ेगा। यह सब गांव के लोगों की एक जुटता और मेहनत के बल पर हुआ है। तालाब हमारा है और हमने उसे बचाने के प्रयास किए हैं।”

टीकमगढ़ जिले के कांटी, कौंडिया, बनगांय, गोर आदि में किसानों ने सामुदायिक हिस्सेदारी के बल पर तालाबों की सूरत बदल दी है। बारिश के पानी के होने वाले रिसाव को रोकने के इंतजाम किए गए हैं, वहीं ज्यादा पानी आने पर सलूस के जरिये जल निकासी को भी सुधारा गया है। लिहाजा, गांव वालों ने अपनी मेहनत से हालात से लड़ने की नई इबारत लिख डाली है।

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साल 2023 में 55 थानों वाला हो जाएगा पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद!

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35 से अधिक एसीपी स्तर के अधिकारियों को भी मिलेगी तैनाती
गाजियाबाद (करंट क्राइम)। पुलिस कमिश्नरेट सिस्टम को मजबूत और पहले से अधिक क्रियाशील बनाने के लिए साल 2023 के अंत तक गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत 55 थानों को चालू कर दिया जाएगा। वर्तमान में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत 23 थाने बने हुए हैं, जबकि 10 नए थानों को जल्द शुरू करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा चुका है।
वहीं पुलिस के बेहद करीबी सूत्र बता रहे हैं कि गाजियाबाद के शहर, रूरल और ट्रांस हिंडन जोन में थानों की कुल संख्या 55 हो जाएगी। इसी के साथ गाजियाबाद में एसीपी स्तर के अधिकारियों की संख्या में भी इजाफा होगा। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत 25 से अधिक सर्किल भी होने के कयास लगाया
जा रहा है।
वर्तमान में कुल 9 सर्किल हैं। सर्किल बढ़ने के साथ ही यहां एसीपी स्तर के अधिकारियों को नई तैनाती की जा सकती है जिसकी कुल संख्या 35 तक जा सकती है।
वर्तमान में गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत एसीपी स्तर के 17 अधिकारियों के लिए पद सृजित किए गए हैं, जो साल 2023 के अंत तक बढ़कर 35 तक
पहुंच जाएंगे।
प्रभारी मंत्री के सामने उठा था थानों व सर्किल बढ़ाने का मुद्दा
बीते दिनों उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री और गाजियाबाद के प्रभारी मंत्री के रुप में पहुंचे, उत्तर प्रदेश पुलिस के पूर्व आईपीएस अधिकारी असीम अरुण के जिला मुख्यालय में हुए कार्यक्रम के दौरान गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट के अधिकारियों ने उनको जानकारी दी थी कि गाजियाबाद कमिश्नरेट में लगातार थानों की संख्या बढ़ाने का कार्य चल रहा है। साल 2023 के अंत तक जिले के तीनों जोन को मिलाकर थानों की कुल संख्या 55 तक पहुंच सकती है।
वहीं एसीपी स्तर के अधिकारियों की संख्या भी शासन द्वारा 17 तय की गई की गई थी। जिससे भविष्य में बढ़ाया जाना है। वहीं एसीपी स्तर के अधिकारियों को तैनाती देने के लिए नए सर्किल वितरित किए जाएंगे।
सर्किल आॅफिसर पर रहेगा दो थानों का प्रभार !
पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद के अंतर्गत 55 थानों को शुरू कर दिया जाएगा। तो प्रत्येक सर्किल आॅफिसर के अंतर्गत 2-2 थानों का सर्किल रहेगा। यह समीकरण सिटी से लेकर नदियापार और देहात के थानाक्षेत्रों में भी लागू होंगे। वहीं एसीपी स्तर के अधिकारियों के पास भी दो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

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लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने ली बड़ी गारंटी

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कहा-साधु संतों के आशीर्वाद से होली के बाद लोनी होगी अपराध मुक्त
वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)

गाजियाबाद। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर कई दिनों की खामोशी के बाद फिर से फॉर्म में आये हैं। उनके घर पर हरिद्वार से साधु संत आये हैं। शुक्रवार को लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर के घर पर साधु संतों का डेरा था। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने साधु संतों की सेवा की और बताया कि ये सभी साधु नाथ पंथ के साधु हैं और एक सप्ताह तक यानी महाशिवरात्रि तक लोनी में ही हवन करेंगे। विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कहा कि इस हवन से लोनी में राक्षस प्रवृति के लोग, असुरी शक्तियां, भटकती आत्मायें सभी को तर्पण दिया जायेगा।
जिनकी हत्या हुई है और अकाल मौत को प्राप्त हुए हैं उनकी आत्मा की शांति के लिए भी तर्पण होगा। लेकिन जिन लोगों ने आपराधिक कृत्य किये हैं उनके नष्ट होने का आह्वान इस हवन में होगा। ये यज्ञ अपने आप में महत्वपूर्ण है। लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने गारंटी ली कि आने वाली होली के बाद इस हवन के इफैक्ट दिखाई देंगे। लोनी गारंटी से अपराध मुक्त हो जायेगी। वैसे अभी भी पहले की तुलना में लोनी में क्राइम
कम है।
लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने यह कहकर अधिकारियों का ध्यान हिन्दी भवन में उस समय अपनी ओर खींचा जब उन्होंने कहा कि राम राज्य या तो लोनी में है या फिर अयोध्या
में है।

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रैपिड रेल का उद्घाटन करने आ सकते हैं गाजियाबाद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

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वरिष्ठ संवाददाता (करंट क्राइम)

गाजियाबाद। रैपिड रेल प्रोजेक्ट पूरा हो चुका है और इस रूट पर रैपिड रेल का ट्रायल रन चल रहा है। बताया जाता है कि ट्रायल रन भी लगभग पूरा हो चुका है और स्टेशन का काम भी पूरा है। ये एक बड़ा प्रोजेक्ट है और केन्द्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह के लोकसभा क्षेत्र में इसे एक बड़ा तोहफा माना जा रहा है। लोकसभा सांसद जनरल वीके सिंह ने रैपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर केन्द्र सरकार में विशेष प्रयास किये और एक तरह से यह प्रोजेक्ट गाजियाबाद में लोकसभा सांसद जनरल वीके सिंह की देन कहा जा सकता है। अब गाजियाबाद ऐसा शहर हो गया है जहां रैपिड रेल जनता के लिए समर्पित की जानी है। सूत्र बता रहे हैं कि मार्च महीने में रैपिड रेल का उद्घाटन हो सकता है और इस बात की प्रबल संभावना जताई जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रैपिड रेल का उद्घाटन करने के लिए आ सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि रैपिड रेल का उद्घाटन मार्च के महीने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कर कमलों द्वारा होगा। कयास ये भी लगाये जा रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब गाजियाबाद आयेंगे तो वो रैपिड रेल का उद्घाटन साहिबाबाद से करेंगे या दुहाई स्टेशन को इसके लिए चुना जायेगा।

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