लखनऊ। केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा रैपिड सर्वे ऑन चिल्ड्रेन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे देश में 9.4 प्रतिशत बच्चे अतिकुपोषित हैं और उत्तर प्रदेश में करीब 23 लाख बच्चे अतिकुपोषित श्रेणी में हैं। (up latest news)
इस लिहाज से प्रति आंगनबाड़ी केंद्र पर औसतन एक बच्चा अतिकुपोषित की श्रेणी में आता है। यह वास्तविक स्थिति से बहुत कम है। यही वजह है कि अब मुख्य सचिव आलोक रंजन के आदेश पर सभी जिलों में कुपोषण रोकथाम को जीरो से पांच वर्ष के बच्चों का अभियान चलाकर वजन लिया जाएगा। इस अभियान को वजन दिवस का नाम दिया गया है, जो दो चरणों में संपन्न होगा। वजन के बाद आने वाली रिपोर्ट के आधर पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव आलोक रंजन ने सभी जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कहा कि सभी जनपदों में आंगनबाड़ी केंद्रों पर अभियान चलाकर सभी बच्चों का फिर से वजन लिया जाए, ताकि पोषण की स्थिति स्पष्ट हो सके।
उन्होंने कहा इस अभियान को वजन दिवस अभियान दिया गया है। इसे दो चरणों में चलाया जाएगा। सबसे पहले सात सितंबर व 10 सितंबर को अभियान चलाकर सौ फीसदी बच्चों का वजन लिया जाएगा। इन दिवसों में छूटे बच्चों को 11 व 14 सितंबर को एक अतिरिक्त वजन दिवस का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने इस वजन दिवस की जिलाधिकारी स्वयं मॉनिटरिंग करेंगे।
वजन दिवस को सफल बनाने के लिए प्रत्येक स्थान पर पर्यवेक्षक नियुक्त किए जाएंगे। इस कार्य में राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के फील्ड स्तरीय कर्मी होंगे। ग्राम व वाडरें के समूह के अंतर्गत सेक्टर प्रभारी नियुक्त किए जाएंगे।
अभियान को सफल बनाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी कार्यालय में कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी।
बताया गया है कि आईसीडीएस विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों पर 0-5 वर्ष के बच्चों की पूर्ण सूची बनाई जाएगी। क्रियाशील वजन मशीनों को सभी आंगनबाड़ी केद्रों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
आईसीडीएस विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रवार, ग्रामवार, ग्रामसभावार, विकास खंड, वार्डवार सूची तैयार की जाएगी। इसको जिलाधिकारी को उपलब्ध कराया जाएगा।
ग्रामसभा व वार्ड पर्यवेक्षकों व सेक्टर प्रभारी के चिह्नंकन एवं नियुक्ति पत्र निर्गमन आदि की कार्रवाई संबंधित जिला प्रशासन द्वारा की जाएगी।
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