लखनऊ। उत्तर प्रदेश परिवहन निगम प्रबंधन परिचालक विहीन बस चलाने की फिर से तैयारी कर रहा है। राजधानी लखनऊ से कम दूरी वाले मार्गो पर जल्द ही परिचालक विहीन बस चलाने का ट्रायल किया जाएगा। ट्रायल के बाद निगम अधिकारी इस पर अंतिम निर्णय लेंगे।
परिवहन निगम के कार्यकारी प्रबंध निदेशक के रविंद्र नायक ने बताया कि परिचालक राजधानी से सटे जनपदों के लिए परिचालक विहीन रोडवेज बस चलाने पर विचार किया जा रहा है। (uttar pradesh hindi news) जल्द ही परिचालक विहीन बस चलाने का ट्रायल किया जाएगा।
लखनऊ-कानपुर और लखनऊ-हरदोई मार्ग पर परिचालक विहीन बस चलाने की योजना है। इसके पूर्व भी परिवहन निगम प्रबंधन ने कम दूरी वाले मार्गों पर परिचालक विहीन रोडवेज बस चलाने की योजना बनाई थी, लेकिन कई व्यावहारिक दिक्कतों के चलते यह योजना अमल में नहीं लाई जा सकी।
परिचालक विहीन रोडवेज बस चलाने के लिए लखनऊ-कानपुर मार्ग पर ट्रायल किया गया था। कई दिनों तक ट्रायल लेने के बाद अंतत: इस योजना पर कई सारी दिक्कतों के चलते मुहर नहीं लग पाई थी। आलमबाग से कानुपर के लिए संचालित बसों को परिचालक के बगैर चलाया गया था।
परिचालक विहीन बस चलाने में तीन सबसे बड़ी दिक्कत सामने आई थी। पहली दिक्कत लोड फैक्टर को पूरा करने की थी। लखनऊ से चलकर बस अगर कानपुर सीधे रुकेगी और कानपुर जाने वाली सवारियां ही बस में बैठेंगी तो लोड फैक्टर कैसे पूरा होगा। बगैर परिचालक के चलने वाली बस की सभी सीटें फुल हो जाएंगी, इस बात की क्या गारंटी है।
दूसरी दिक्कत यह थी कि अगर बस एक जगह से चलकर सीधे गंतव्य तक जाएगी तो बीच रास्ते मिलने वाली सवारियों का क्या होगा। चालक इन सवारियों को बैठाता है तो उनका टिकट कौन बनाएगा। इसके अलावा बीच रास्ते बस के इंतजार में खड़ी सवारियों के गंतव्य तक पहुंचने के लिए निगम क्या इंतजाम करेगा। तीसरी दिक्कत यह थी कि अगर बस के चलने वाले नियत स्थान से बीच रास्ते उतरने वाली सवारियां बैठती हैं तो रास्ते में उन्हें कैसे उतारा जाएगा।
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