बहराइच। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के रानीपुर इलाके के एक गांव में एक युवक ने जीते जी समाधि ले ली। 19 साल के युवक ने अपने परिवार से समाधि लेने की इच्छा जाहिर की थी।(utter pradesh hindi news) परिवार ने अपने खेत में जमीन तले एक कमरा बना दिया, जिसमें युवक ने समाधि ले ली। अब उसकी पूजा शुरू हो गई है, चढ़ावे भी चढ़ाए जाने लगे हैं। युवक के समाधि लेने से पहले गांव में ही नहीं बल्कि पूरे इलाके में इस बात की चर्चा थी। रविवार की दोपहर जब युवक समाधि ले रहा था, गांव में लगभग दो हजार की भीड़ जुट गई थी। युवक ने जैसे ही समाधि ले ली, वहां मौजूद लोगों ने उसकी पूजा शुरू कर दी। पूजा का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। पूजा करके लौट रहे लोगों को हलुवे का प्रसाद भी दिया जा रहा था।
रानीपुर थाना क्षेत्र के कारीडीहा गांव निवासी शीतल प्रसाद मौर्य के 19 वर्षीय बेटे देशराज ने रविवार की दोपहर में समाधि ले ली। देशराज के पिता शीतल प्रसाद ने बताया कि जब वह दो साल पहले स्कूल जाता था, तभी उसने ठान ली थी कि वह आगे चलकर समाधि लेगा।
इस पता का पता परिजनों को तब चला, जब एक दिन पिता ने देशराज से पूछा, “बेटा, पढ़-लिखकर क्या बनना चाहते हो?” पिता ने सोचा कि बेटा यही बताएगा कि वह बड़ा होकर अफसर बनेगा, लेकिन जैसे ही बेटे ने बताया कि वह बड़ा होकर समाधि लेना चाहता है, मानो पिता के पैर तले की जमीन खिसक गई।
शीतल प्रसाद ने बताया, “कुछ ही दिन बाद उसने खाना-पीना त्याग दिया और सिर्फ पानी पीकर रहता था। एक दिन वह सिरसिया के बरदौलिया स्थित नागमणि आश्रम में चला गया और वहां से पैदल यात्रा कर कोसों दूर प्रभुनाथ धाम चला गया।”
जब परिजनों को पता चला कि देशराज प्रभुनाथ धाम के लिए गया है, तब परिजनों ने वहां पहुंचकर उसे वापस घर चलने की बात कही। बेटे ने पिता की बात तो मान ली, लेकिन कहा कि वह घर नहीं जाएगा, बल्कि वह अपने खेत में समाधि लेगा।
परिजनों ने गोबरहा गांव में स्थित अपने ही खेत में एक कमरे की समाधि बनवाई। बताया जाता है कि 15 दिन पहले देशराज गांव में आया था। जहां पर समाधि बन रही थी, वहीं पर वह रह रहा था। देखते ही देखते उसने हजारों लोगों के सामने समाधि ले ली। धर्मभीरु लोग उसे देवांश मान रहे हैं और उसकी समाधि की पूजा कर रहे हैं।
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