गाजियाबाद (करंट क्राइम)। आईएएस महेन्द्र सिंह तंवर देश के उन युवा आईएएस अधिकारियों में हैं जिन्होंने अपने विजन से कार्य की धारा को मोड़ा है। जिन्होंने लगातार ऊर्जावान तरीके से काम करते हुए कार्यशैली का कल्चर बदला है। उनकी कार्यशैली का असर है कि लोग अब अपने अधिकारी पर विश्वास करते हैं और उनका विजन ऐसा है कि जिस विभाग के मुखिया के रूप में कमान संभालते हैं वहां के तमाम कर्मचारी उनका आदर और विश्वास करते हंै। महेन्द्र सिंह तंवर ने संतकबीरनगर के डीएम
के रूप में चार्ज संभाला है।
2015 बैच के आईएएस अधिकारी महेन्द्र सिंह तंवर का यह तबादला
उनके लिए प्रमोशन माना जा रहा है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण के
वीसी के रूप में छोड़ी है एक छाप आईएएस महेन्द्र सिंह तंवर केवल यूपी
के नहीं बल्कि देश के ऊर्जावान आईएएस अधिकारियों में गिने जाते हैं।
गोरखपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने 11 महीने 20 दिन के
कार्यकाल में नए विजन के साथ यहां 245 करोड़ रूपये से अधिक का विकास कार्य कराया। ये उनका विजन था कि खोराबार में टाउनशिप तथा मेडी सिटी योजना को लांच कराने के मॉडल को शासन स्तर से सराहना मिली है और अन्य प्राधिकरणों में इसे लागू करने के लिए नजीर के तौर पर भेजा गया है। 11 महीने 20 दिन के कार्यकाल में महेन्द्र सिंह तंवर ने ये दिखाया कि नए विजन
के साथ विकास की गाथा कैसे लिखी जाती है। जनता को सुविधा कैसे दी जाती है। भू-माफियाओं के खिलाफ बुल्डोजर
भी चलवाया। पहले अवैध कॉलोनियों की सूची तैयार की और फिर 27 चर्चित कॉलोनाईजर को समझाया और अवैध
प्लाटिंग पर बुल्डोजर चलवाया।
गाजियाबाद नगर आयुक्त के रूप में लिखी है विकास की पटकथा आईएएस महेन्द्र सिंह तंवर गाजियाबाद में नगर आयुक्त के रूप में काम कर चुके हैं। गाजियाबाद नगर आयुक्त के रूप में महेन्द्र सिंह तंवर को हमेशा एक विजनरी
अधिकारी के रूप में याद किया जायेगा।
एक ऐसे आईएएस अधिकारी जिनके कार्यकाल मेें नगर निगम के बांड से लेकर
गार्बेज फैक्ट्री की स्थापना हुई। एक ऐसे नगर आयुक्त जिनके कार्यकाल में उनके प्रोजेक्ट की दिल्ली में सराहना हुई। एक
ऐसे अधिकारी के रूप में काम किया जो हमेशा गैर विवादित रहे। पार्षदों के साथ
उनके वार्ड में चौपाल लगाई और बोर्ड बैठक में उन्हें लेकर कभी हंगामा नहीं हुआ।
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