संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में बुधवार (20 सितंबर) को महिला आरक्षण बिल पारित हो गया. बिल पर वोटिंग के दौरान लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद रहे. अब गुरुवार को ये बिल राज्यसभा में पेश किया जाएगा.
नए संसद भवन में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को महिला आरक्षण से जुड़ा विधेयक पेश किया था. इस विधेयक में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान किया गया है. लोकसभा में बुधवार को बिल पर करीब आठ घंटे तक चर्चा हुई और फिर वोटिंग के दौरान पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े. वोटिंग पर्चियों के जरिए की गई.
सदन में कांग्रेस, सपा, डीएमके, टीएमसी समेत सभी विपक्षी दलों ने विधेयक का समर्थन किया. हालांकि असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) ने विधेयक का विरोध किया. सदन में ओवैसी समेत एआईएमआईएम के दो सदस्य हैं.
बिल पास होने पर पीएम मोदी ने बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट किया कि लोकसभा में संविधान (128वां संशोधन) विधेयक, 2023 के इस तरह के अभूतपूर्व समर्थन के साथ पारित होने पर खुशी हुई. इससे महिला सशक्तिकरण होगा और राजनीतिक प्रक्रिया में उनकी और भी अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा. इसे जिस प्रकार से सभी राजनीतिक दलों का ऐतिहासिक समर्थन मिला है, वह विकसित और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प की सिद्धि में मील का पत्थर साबित होगा. मैं सभी सांसदों का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं.
इससे पहले सदन कार्यवाही शुरू होने पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की थी. राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया. इनमें 27 महिला सदस्य शामिल रहीं.
सोनिया गांधी ने कहा कि ये मेरी जिंदगी का मार्मिक क्षण है, पहली बार स्थानीय निकायों में स्त्री की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन मेरे जीवन साथी राजीव गांधी ही लेकर आए थे. बाद में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में कांग्रेस ने उसे पारित कराया था. राजीव गांधी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है, इस बिल के पारित होने के साथ वह पूरा होगा. कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है. कांग्रेस की मांग है कि यह बिल तुरंत लागू किया जाए और इसके साथ ही जातीय जनगणना भी कराई जाए.
6. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि ये हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है. मैं बिल के समर्थन में हूं. ये बिल अधूरा है क्योंकि इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा. मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि भारत सरकार में 90 सचिव हैं जिनमें केवल तीन ओबीसी समुदाय से आते हैं और वे सिर्फ पांच प्रतिशत बजट को नियंत्रित करते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कल का दिन भारतीय संसद के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा. कल के दिन वर्षों से जो लंबित था वो महिलाओं को अधिकार देने का बिल सदन में पेश हुआ. मैं पीएम मोदी को साधुवाद देना चाहता हूं. कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण एक राजनीतिक एजेंडा हो सकता है, कुछ पार्टियों के लिए महिला सशक्तिकरण का नारा चुनाव जीतने का एक हथियार हो सकता है, लेकिन बीजेपी के लिए महिला सशक्तिकरण राजनीतिक मुद्दा नहीं बल्कि मानयता का सवाल है.
ओबीसी और परिसीमन को लेकर उठ रहे सवालों पर अमित शाह ने कहा कि परिसीमन आयोग अर्द्धन्यायिक प्रक्रिया का हिस्सा है जिसके प्रमुख सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश होते हैं और इसमें चुनाव आयोग के प्रतिनिधि और सभी दलों के एक-एक सदस्य होते हैं. ये आयोग हर राज्य में जाकर पारदर्शी तरीके से नीति निर्धारण करता है और इसके पीछे केवल और केवल पारदर्शिता का ही सवाल है. अगर वायनाड (राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र) में ऐसा हो गया तो क्या होगा, अगर हैदराबाद सीट महिला के लिए आरक्षित कर दी जाए तो एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी नाराज हो जाएंगे.
लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पर बहस के दौरान पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर 27 महिला सांसदों ने अपनी बात रखी. नारीशक्ति वंदन विधेयक के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी. राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी.
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अभी लोकसभा में ओबीसी सिर्फ 22% है और मुस्लिम महिलाओं के लिए भी हमने संशोधन डाला था. सिर्फ 4% मुस्लिम महिलाएं हैं, उनका भी प्रतिनिधित्व होना चाहिए. बिल के खिलाफ वोटिंग पर ओवैसी ने कहा कि भारत की आबादी में 7% मुस्लिम महिलाएं हैं और उनका प्रतिनिधित्व 0.7% है. हमने इसके खिलाफ वोट किया ताकि उन्हें पता चले कि दो सांसद थे जो ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे थे.