Ghaziabad: छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वाले एक कोचिंग सेंटर के संचालक पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिनके अनुसार उन्होंने कोचिंग सेंटर के द्वारा जमा की गई फीस और शिक्षकों की वेतन का उपयोग खुद के लाभ के लिए किया है। इस मामले के साथ ही कोचिंग सेंटर के शिक्षकों ने बताया कि संचालक ने उन्हें पिछले 6 महीनों से वेतन नहीं दिया था, और अब चोटी उसने ताला लगा कर सेंटर को छोड़ दिया है।
मामले की सच्चाई पर्दे के पीछे
इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के न्याय खंड-3 में स्थित गेटवे टू सक्सेस नामक कोचिंग सेंटर पर आज खिलवाड़ कोचिंग के लिए पहुंचे छात्रों और उनके अभिभावकों के लिए एक दुखद सीट खुली, जब वहां ताला लगा हुआ पाया गया। ताले के साथ एक सूचना भी छपी थी, जिसमें लिखा था कि अपरिहार्य कारणों के कारण सेंटर बंद कर दिया गया है। इसके बाद, सेंटर में पढ़ाई करने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों के बीच अफवाहें फैल गई कि यह एक धोखा प्रतीत होता है। मामले के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस ने तुरंत जांच की शुरुआत की, और जब जांच प्रक्रिया चल रही थी, तो यह पता चला कि इस कोचिंग सेंटर को दिलाने वाले मकान के मालिक को भी कई महीनों से किराया नहीं दिया गया था।
कोचिंग सेंटर के शिक्षकों ने खुलकर जाया किया कि सेंटर के संचालक द्वारा किए गए कार्यों के बारे में विस्तार से बताया जाए, ताकि व्यक्तिगत और सामाजिक न्याय सामने आ सके। कई छात्र और उनके परिवारों के लिए यह संकटकाल है, जो उनके शिक्षा के भविष्य को प्रभावित कर सकता है।
संचालक के खिलाफ कदम
कोचिंग सेंटर के शिक्षकों ने इस घटना के बाद थाने में मुकदमा दर्ज करने का फैसला किया है, और उन्होंने संचालक अशोक कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ आरोप दर्ज किया है। उनका कहना है कि उनकी वेतन समय पर नहीं मिल रहा था और संचालक द्वारा की गई विशेषज्ञता की बजाय, वह छात्रों और उनके परिवारों से धन कमाने के लिए उनकी फीस और जमा की गई धन का उपयोग कर रहे थे।
टूटा विश्वास
छात्रों और उनके परिवारों के लिए यह एक असहानुभूति की स्थिति है, क्योंकि उन्होंने इस कोचिंग सेंटर का विश्वास किया और अपने भविष्य के लिए मेहनत की थी। अब, वे नायिकों और सुरक्षित भविष्य की तलाश में हैं, और समय की बर्बादी के बावजूद, वे आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं। यह घटना उन लोगों को भी सतर्क करना चाहिए जो ऐसे कोचिंग सेंटरों से अपने बच्चों की पढ़ाई करवाने का विचार कर रहे हैं। यह महत्वपूर्ण है कि हम सुनिश्चित करें कि हमारे बच्चे सुरक्षित और योग्य सिक्षकों के साथ हैं और उनकी शिक्षा के लिए सही स्थान पर हैं।
इसके अलावा, यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की आवश्यकता को भी दिखाता है। सामाजिक सुधार की दिशा में हमें एक साझा प्रयास करना होगा, ताकि व्यक्तिगत और सामाजिक न्याय हमारे समाज में बना रह सके।