राजसमंद सांसद दीया कुमारी ने आदिवासी युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों से युवाओं को एक दूसरे राज्यों की कला, संस्कृति, शिक्षा, विकास के बारे में जानने का मौका मिलता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र के युवाओं को भी अधिकाधिक कौशल विकास एवं खेल इत्यादि में बढ़-चढ़कर रुचि लेकर आगे बढ़ना चाहिए। जिस प्रकार से राजस्थान ने अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को संभाल कर रहा है उसी तरह आदिवासी परिवारों को भी अपनी संस्कृति को संभाल कर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवा ही इस देश का उज्ज्वल भविष्य हैं और इन होनहार आदिवासी युवाओं के विचारों को सुन व उनकी प्रतिभा को देख मन प्रफुल्लित हो उठा है।
कार्यक्रम के सातवें दिन के सत्र में झारखंड एवं छत्तीसगढ़ राज्यों के 6 जिलों से आये आदिवासी युवाओं ने अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। युवाओं साथ विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान हुआ। कार्यक्रम के दौरान नेहरू युवा केंद्र संगठन के क्षेत्रीय निदेशक पश्चिमी क्षेत्र डॉ भुवनेश जैन, राजेंद्र प्रसाद सेन पूर्व बीओजी मेम्बर, पवन कुमार अमरावत राज्य निदेशक, महेंद्र सिंह सिसोदिया उपनिदेशक, महेश कुमार शर्मा पूर्व उपनिदेशक, राजेंद्र जाखड़ जिला युवा अधिकारी पाली, दीर्घा राजावत जिला युवा अधिकारी झालावाड़, नेहरू युवा केंद्र संगठन के अधिकारीगण, झारखंड और छतीसगढ़ से आये करीब 200 युवा प्रतिभागी, एस्कॉर्ट तथा नेहरू युवा केंद्र संगठन के कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
केरल चौंकाने वाला: सेना के जवान को बांध दिया गया
केरल: पुलिस अधिकारियों द्वारा भारतीय सेना के जवान और उसके भाई की पिटाई केरल के मनगढ़ंत कसरगोड़ जिले में एक...
Discussion about this post