नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से पहले दिन ही 65 विमान उड़ान भरेंगे। यहां से न केवल यात्री अपने गंतव्य तक पहुंच सकेंगे, बल्कि सामानों का आयात-निर्यात भी शुरू हो सकेगा। पहले दिन 62 घरेलू उड़ानें, दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें, और एक कार्गो फ्लाइट उड़ान भरेगी।
नोएडा एयरपोर्ट से इंडिगो और एयर इंडिया की सेवा मिलने जा रही है। दोनों कंपनियों ने एक नया आधार स्थापित करने की प्रस्तावना की है। इस एयरपोर्ट का आरंभ करने का आदिकाल संकेत हो रहा है, और 30 सितंबर 2024 को आरंभ किया जाने की योजना बन रही है, लेकिन इससे पहले ही शुरुआत की जा सकती है। यह जेवर क्षेत्र में दुनिया का छठा और एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा बन रहा है। यहां तक कि 2050 तक इस एयरपोर्ट पर एक करोड़ से अधिक यात्री रोजाना सफर कर सकेंगे। केंद्र सरकार ने इस एयरपोर्ट का संचालन अगले साल 30 सितंबर से शुरू करने का निर्णय लिया है। पहले दिन से ही 65 फ्लाइटों की उड़ान की तैयारी की जा रही है।
30 सितंबर 2024 से पहले ही संचालन शुरू होगा।
इनको दो श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। एकमें मुंबई, बेंगलूरू, हैदराबाद, और अन्य 25 शहर शामिल होंगे, जबकि दूसरी श्रेणी में देहरादून, पिथौरागढ़, हुबली, और अन्य 37 शहरों के लिए फ्लाइटें शुरू होंगी। सबसे पहली विदेशी उड़ान ज्यूरिख के लिए शुरू होगी, और दूसरी श्रेणी में दुबई, सिंगापुर, और अन्य देशों के लिए भी उड़ानें उपलब्ध होंगी।
करार के अनुसार, सितंबर 30, 2024 से पहले ही एयरपोर्ट का संचालन शुरू होगा। इसके अनुसार, विकासकर्ता कंपनी को 90 हजार वर्ग मीटर के टर्मिनल वन बिल्डिंग के निर्माण का काम पूरा करके सितंबर 30, 2024 से पहले ही एयरपोर्ट का संचालन आरंभ करना होगा।
पिछले साल अक्तूबर में लखनऊ में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (नियाल) और विकासकर्ता कंपनी के बीच 40 साल का अनुबंध हुआ था। इसके अंतर्गत कंस्ट्रक्शन काम को एक अक्तूबर 2021 से शुरू करना था और 1095 दिन के अंदर संचालन भी शुरू करना था। अगर कागजों में निर्माण कार्य या उड़ानों के आरंभ में कोई देरी होती है, तो हर दिन के लिए दस लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।