बागपत, करंट क्राइम। अमरपाल शर्मा पूर्व विधायक हैं और राजनीति के सुपर खिलाड़ी माने जाते हैं। चुनाव लड़ने के योद्धा हैं और उन्हें मालूम है कि इस जंग में कौन से मौके पर कौन से अस्त्र का प्रयोग करना है। देश की सबसे बड़ी विधानसभा के सबसे पहले विधायक रहे हैं। खोड़ा नगर पालिका में भाजपा को हराकर उन्होंने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपनी पत्नी मोहिनी शर्मा को नगर पालिका अध्यक्ष का चुनाव जितवाया है। सबसे बड़ी बात ये है कि बागपत लोकसभा सीट पर सपा ने टिकट घोषित करने के बाद अपने फैसले को बदला और यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गाजियाबाद से अमरपाल शर्मा को लोकसभा में उम्मीदवार बनाया है। अमरपाल शर्मा ने भी यहां धुआंधार पारी खेली है। चुनाव के मैच का नतीजा जब आयेगा आ जायेगा लेकिन यहां अमरपाल शर्मा ने अपने चुनाव को इस तरह से उठाया है कि अचानक सुर्खियों में उनका चुनाव आ गया है। वो बागपत की पिच पर खेल रहे हैं और यहां पर उनके चुनावी मैनेजमेंट ने भाजपा रालोद के गठबंधन वाले समीकरण में सेंध लगाई है। बड़ी बात ये है कि यहां अमरपाल शर्मा ने जनसम्पर्क से लेकर समीकरण कनैक्शन के तार बड़ी मजबूती से जोड़े हैं।
वो देहात में गांव गांव जा रहे हैं तो शहरी क्षेत्र में मौहल्ला गलियां छान मारी हैं। अपने समीकरण को साधा है और यहां के चुनावी जानकार अब अमरपाल शर्मा की पारी को जानदार बता रहे हैं। सूत्र ये भी बता रहे हैं कि अमरपाल शर्मा की तैयारी देखकर यहां भाजपा भी अलर्ट मोड पर आ गयी है। चुनाव में एक निर्णयायक मोड लेना शुरू कर दिया है। बागपत लोकसभा क्षेत्र में सपा कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी अमरपाल शर्मा की लगातार बैठकें हों रहीं है। सबसे बड़ी बात ये है कि अमरपाल शर्मा ने यहां अपने चुनाव को इस तरह से साधा है कि कई जातियों और वर्गों को साथ ले लिया है। बागपत लोकसभा क्षेत्र में समीकरण का ऊंट जिस भी करवट बैठेगा लेकिन यहां पर चुनाव रोचक मोड में आ गया है। अमरपाल शर्मा ने यहां बड़ी मजबूती के साथ उन बिरादरी में सेंध लगायी है जिन्हें दूसरे दल हल्के में लेकर चल रहे थे।
अब उन्हें पार्टी के वोट बैंक का बैकअप कितना मिलता है इस पर भी बहुत कुछ निर्भर करेगा और व्यक्तिगत रूप से अपनी मेहनत से अपने चुनाव में एक जान फूंक दी है।