Greater Noida News: 12 वर्षों के बाद फिर से आयोजित होने वाले महाकुम्भ 2025 के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब से ही तैयारियों की शुरुआत की है। सीएम योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, महाकुम्भ 2025 को प्रयागराज के पवित्र संगम स्थल पर एक दिव्य, भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन बनाने के लिए कोई कसरख्वाहिश नहीं रखी गई है। इस भव्य आयोजन को पूरा करने के लिए सड़क, पुल, बिजली, और मेला क्षेत्र के विस्तार के लिए 2000 करोड़ रुपए से अधिक के परियोजनाएँ तैयार हो चुकी हैं, और इन्हें त्वरित तत्वों में पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही, अब तक विभिन्न विभागों द्वारा मंजूर 260 परियोजनाओं की बिन्दुवार समीक्षा की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है, जिनकी लागत 3738 करोड़ रुपए है।
महाकुम्भ 2025 13 जनवरी से 26 फरवरी तक आयोजित होगा।
13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुम्भ 2025 आयोजित होगा। इस अवसर पर 6 करोड़ से अधिक श्रद्धालु मेले में आने की संभावना है। 40 लाख श्रद्धालु शाही स्नान के लिए आ सकते हैं, और 40 लाख कल्पवासी भी हो सकते हैं। इस विशाल मेले के लिए, योगी सरकार अब से ही पर्याप्त व्यवस्था करने के लिए तैयारी कर रही है। स्वच्छता को महाकुम्भ में महत्वपूर्ण ध्यान में रखा जा रहा है, और स्वच्छाग्रहियों को पर्याप्त संख्या में उपलब्ध कराया जाएगा। डिजिटल म्यूजियम और आईट्रिपल सी, आईटी, और ड्रोन का उपयोग मेला क्षेत्र की मॉनिटरिंग के लिए किया जाएगा। सुरक्षा प्रणाली भी मजबूत रहेगी, और सभी कार्यों को समय पर पूरा करने के लिए कठिनाइयों का समाधान किया जा रहा है। योगी सरकार मेले क्षेत्र में रोप-वे, पीपा पुल, आरओबी, पुलों, और अन्य परियोजनाओं के निर्माण कार्य को समय पर पूरा करने के लिए वीआईपी के साथ भी काम कर रही है। इसलिए इन सभी महत्वपूर्ण कार्यों को समय पर पूरा करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
महाकुम्भ में कोई भी कमी नहीं होने देने का प्रयास
महाकुम्भ में किसी भी प्रकार की कमी नहीं होगी,” नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने लगभग 3738 करोड़ रुपए की लागत से अब तक अनुमोदित 260 परियोजनाओं की समीक्षा की। मंगलवार को समीक्षा बैठक में, उन्होंने प्रगति कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करने, पेयजल, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, पार्किंग आदि की सुचार व्यवस्था करने, सड़कों और चौराहों से अतिक्रमण हटाने के साथ इनका चौड़ीकरण और सुंदरीकरण के कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ की तैयारियों में किसी भी प्रकार की कमी न होने दी जाएगी, इसलिए स्थानीय वासियों और जनप्रतिनिधियों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है, ताकि उनके सुझावों पर कार्य किया जा सके।
मेला क्षेत्र को 4 हजार हेक्टेयर तक विस्तारित किया जा रहा है।
महाकुम्भ 2025 के लिए नियुक्त मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने मेले क्षेत्र की व्यापकता को बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस बार महाकुम्भ के मेला क्षेत्र की व्यापकता को 4 हजार हेक्टेयर तक बढ़ा दी गई है, जिसे 25 सेक्टरों में विभाजित किया गया है। इसके साथ ही, लगभग 1800 हेक्टेयर क्षेत्र में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है।
13 किमी लंबी 7 रिवर फ्रंट रोड, ग्रीन बेल्ट का विकास, पेयजल, शौचालय, विद्युत व्यवस्था, और वेंडिंग जोन की व्यवस्था भी की जा रही है। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन से वित्त पोषित 7 घाटों का विकास किया जा रहा है, जिसमें चेंजिंग रूम, पेयजल, विद्युत, पार्किंग, गेट, साइनेज, बेंच, कूड़ादान, ग्रीन बेल्ट, और शौचालयों का निर्माण शामिल है।
श्रद्धालुओं के सुविधान्वयण के लिए बस अड्डों, रेलवे स्टेशनों, और एयरपोर्ट को भी बेहतर बनाने के उपायों पर काम किया जा रहा है। मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए 1000 शटल बसों के साथ इलेक्ट्रिक बसों की व्यवस्था की जाएगी, और 12 अस्थाई बस स्टैण्ड भी बनाए जाएंगे।
कचरे के सदन करने हेतु 200 मीट्रिक टन क्षमता के बायो सीएनजी प्लांट, 15 मीट्रिक टन क्षमता के बायो गैस प्लांट, और 150 मीट्रिक टन क्षमता के एमआरएफ प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं।
मेला क्षेत्र में प्रकाश की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मुख्य प्रवेश मार्ग पार्क, मंदिरों के मार्ग, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन, और एयरपोर्ट से जोड़ने वाले मार्गों पर प्रकाश व्यवस्था का कार्य भी किया जा रहा है।
हरित ऊर्जा के दृष्टिगत 100 पार्कों में सोलर लाइट, सोलर पार्कों की स्थापना, और मेला क्षेत्रों में 4 स्थानों पर सौर ऊर्जा पेजयल कियोस्क की स्थापना की जा रही है।