Ghaziabad: विकास कार्यों के संदर्भ में नगर आयुक्त द्वारा नगर विकास के लिए 11 टेंडर प्राप्त हुए हैं, लेकिन तकनीकी प्रशिक्षण में खामियों की खबर समाप्त हो गई है। इस वार्ता के परिणामस्वरूप, नगर आयुक्त ने टेंडर को निरस्त करने का निर्णय लिया है और इसके साथ ही निर्माण विभाग के लिपिक कुलदीप त्यागी का स्थानांतरण निगम के जनसूचना कार्यालय में कर दिया गया है। एक महत्वपूर्ण विकास कार्य के लिए हाल ही में शहर की सड़कों और नालों के निर्माण के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे, और इस प्रक्रिया में कुल 18 टेंडर दाखिल हुए थे।
ये था चिंता का विषय
नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि खामियों की सूचना प्राप्त होने पर, उन्होंने तत्काल इस विवाद के पीछे छिपी सच्चाई की जांच करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले को गंभीरता से देखा जाएगा और उन्होंने 7 दिन के अंदर निविदा दुबारा आमंत्रित करने के निर्देश दिए हैं।
विपक्ष की पक्ष से
कांग्रेस के पूर्व पार्षद मनोज चौधरी ने एक बयान में कहा कि वे ऐसे अधिकारियों पर कड़ाई कार्रवाई करने की मांग करते हैं, जिन्होंने टेंडर के कागजातों में खामियां पाई थीं। उन्होंने कहा कि रेट से केवल टेंडर 99 पैसे नीचे जाते हैं, और यह इस बात का सुझाव देता है कि कुछ लोग व्यक्तिगत लाभ के लिए खिलवाड़ कर रहे थे, जबकि पूर्व निर्धारित दर से टेंडर में 25-30% कमी हो रही थी। पार्षद अजय शर्मा, अजीत निगम और कई अन्य पार्षदों ने निर्माण विभाग के अधिकारियों के खिलाफ खुलकर आपत्ति जाहिर की थी, उनका कहना था कि टेंडर को पास करने के लिए कागजातों में पड़ताल की गई थी।
मामले की जांच टीम
इस मामले के बगैर, मामले की जांच टीम ने मुख्य नगर लेखा परीक्षक विवेक सिंह की अध्यक्षता में कई प्रमुख अधिकारियों के साथ विधि अधीक्षक विशाल गौरव और जलकल विभाग के सहायक अभियंता आश कुमार ने विस्तार जांच की है। उन्होंने तकनीकी प्रशिक्षण के लिए बुलाए गए 11 फर्मों के कागजात में खामियां पाई गई हैं, और इस पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है।
मामले में इसी के साथ श्रीजी इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड के प्रमाण पत्र की वैधता पर भी प्रश्न खड़ा हुआ है, जिसके बारे में पार्षदों ने सवाल उठाए थे। जांच टीम ने इसे अवैध घोषित कर दिया है। इस मामले में नगर आयुक्त के सख्त निर्देशों के तहत कड़ी कार्रवाई की गई है, और खामियों की खोज और सुधार के लिए निविदा की दुबारा आमंत्रण जारी किया गया है। इस घटना ने विपक्ष के पक्ष से भी सवाल उठाए गए हैं, और उन्होंने यह जांच की मांग की है, जिसमें व्यक्तिगत लाभ के लिए खिलवाड़ करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ाई कार्रवाई करने की आवश्यकता है। परिणामस्वरूप, सड़कों और नालों के निर्माण के लिए की जाने वाली टेंडर प्रक्रिया में सुधार के लिए कड़ी कार्रवाई की जा रही है, और नगर आयुक्त ने इस मामले को गंभीरता से देखा है।